म्यांमार अपनी जनता को मारने की तैयारी में:हथियार के लिए चीन कच्चा माल और भारत दे रहा डेटोनेटर, UN का दावा

नेपीता5 महीने पहले
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म्यांमार की सेना फिलहाल कहीं कोई जंग नहीं लड़ रही है, फिर भी वहां बड़े स्तर पर हथियारों का प्रोडक्शन किया जा रहा है। UN की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि म्यामांर लोकतंत्र समर्थक अपने ही लोगों को मारने के लिए तेजी से अपने हथियारों का जखीरा बढ़ा रहा है।

म्यांमार पाबंदियों के कारण दूसरे देशों से हथियार नहीं खरीद सकता है। इसके चलते वो खुद अपने हथियार बना रहा है। इस काम में भारत, अमेरिका और जापान समेत 13 देशों की कंपनियां म्यांमार का साथ दे रही हैं।

यह तस्वीर तख्तापलट को अंजाम देने वाले सेना प्रमुख जनरल मिन आंग लाइंग की है। वो एक परेड की सलामी ले रहे हैं।
यह तस्वीर तख्तापलट को अंजाम देने वाले सेना प्रमुख जनरल मिन आंग लाइंग की है। वो एक परेड की सलामी ले रहे हैं।

पाबंदी के बावजूद कंपनियां म्यांमार को हथियार बनाने का सामान पहुंचा रहीं
UN ऑफिशियल के मुताबिक 13 देशों की कंपनियां म्यांमार को हथियार बनाने में इस्तेमाल किए जाने वाले जरूरी सामान, मशीनें और ट्रेनिंग दे रही हैं। 16 जनवरी 2023 यानी आज UN ने म्यांमार को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह दावा किया गया है।

UN में मानवाधिकारों को लेकर काम करने वाले पूर्व अधिकारी येंघी ली ने बताया कि म्यांमार पर कभी किसी दूसरे देश ने हमला नहीं किया है। साथ ही म्यांमार ने कभी किसी देश से हथियार नहीं लिए हैं। वो 1950 से खुद अपने हथियार बना रहा है।

म्यांमार की नेता आंग सान सू की तख्तापलट के बाद से जेल में कैद हैं। कोर्ट ने उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष भड़काने का दोषी माना था।
म्यांमार की नेता आंग सान सू की तख्तापलट के बाद से जेल में कैद हैं। कोर्ट ने उन्हें सेना के खिलाफ असंतोष भड़काने का दोषी माना था।

मरम्मत के लिए ताइवान भेजे जाते हैं हथियार
BBC के मुताबिक लीक हुए मिलिट्री डॉक्यूमेंट और पुराने सैनिकों के इंटरव्यू में ये सारी बातें सामने आई हैं। UN की रिपोर्ट के मुताबिक हथियार बनाने के लिए ऑस्ट्रिया की कंपनी GFM स्टेयर से म्यांमार को सबसे ज्यादा मदद मिलती है।

वहीं जब हथियारों को मेंटेनेंस की जरूरत पड़ती है तो उन्हें ताइवान भेजा जाता है। जहां ऑस्ट्रियन कंपनी उन्हें ठीक करती है। इन आरोपों पर जब BBC ने कंपनी से बात करनी चाही तो अधिकारियों ने कुछ भी कहने से मना कर दिया।

कौन से देश की कंपनी कौन से पार्ट भेजती है?

  • चीन और सिंगापुर से म्यांमार की सेना ज्यादातर कच्चा माल खरीदती है। इनमें कॉपर और आयरन शामिल हैं।
  • रूस और भारत की कंपनियों से म्यांमार को फ्यूज और इलेक्ट्रॉनिक डेटोनेटर मिलते हैं।
  • वहीं हथियारों में इस्तेमाल होने वाली मुख्य मशीनरी जर्मनी, जापान, यूक्रेन और अमेरिका से हासिल होती है।
  • रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सिंगापुर म्यामांर के हथियारों के लिए ट्रांजिट हब के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। यानी सिंगापुर की कंपनियां बिचौलिए का काम करती हैं।

म्यांमार में तख्तापलट के बाद से सेना ने 2600 लोगों को मारा
BBC की रिपोर्ट के मुताबिक म्यांमार में साल 2021 में हुए तख्तापलट के बाद से सेना 2600 लोगों को मार चुकी है। हालांकि ये सिर्फ ऑफिशियल डेटा है। असली मौतें इससे दस गुना ज्यादा हो सकती हैं। म्यामांर लगातार विरोधियों को फांसी की सजा भी दे रहा है।

म्यांमार के मीडिया पोर्टल द इर्रावाडी के मुताबिक वहां 40 साल बाद पिछले साल जुलाई में मौत की सजा दी गई थी। सरकार ने एक्टिविस्ट को जिम्मी, नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के लॉमेकर को फ्यो जेया थॉ समेत दो और लोगों को फांसी पर लटकाया था। एक अनुमान के मुताबिक म्यांमार की सेना ने एक साल में लगभग 100 लोगों को मौत की सजा दी है।