बाली में जिनपिंग से मिले मोदी:डिनर के दौरान दोनों नेताओं ने हाथ मिलाए, अलग से बातचीत की भी उम्मीद

बाली (इंडोनेशिया)7 महीने पहले
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इंडोनेशिया के बाली में मंगलवार को G20 समिट शुरू हुई। फर्स्ट सेशन में फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन-रूस जंग रोकने पर जोर दिया। शाम को इंडोनेशिया के प्रेसिडेंड जोको विडोडो ने समिट में आए सभी लीडर्स के लिए डिनर होस्ट किया। इस दौरान मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आमने-सामने हुए। दोनों ने हाथ मिलाए और कुछ देर तक बातचीत की।

इसके पहले उज्बेकिस्तान के समरकंद में सितंबर में आयोजित SCO मीटिंग के दौरान दोनों नेता एक ही मंच पर मौजूद थे, लेकिन तब दोनों की आंखें तक नहीं मिलीं थी। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मोदी और जिनपिंग जी-20 समिट से अलग बातचीत भी कर सकते हैं।

बाली में जी-20 नेताओं के डिनर के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से बातचीत करते मोदी।
बाली में जी-20 नेताओं के डिनर के दौरान चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग से बातचीत करते मोदी।

डिनर से कुछ घंटे पहले मोदी ने इंडोनेशिया में रहने वाले भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया था। यहां मोदी ने कहा- इंडोनेशिया और बाली आने के बाद हर हिंदुस्तानी को एक अलग अहसास होता है। मैं भी वही वाइब्रेशन्स फील कर रहा हूं। हमारा हजारों साल पुराना रिश्ता है। हम हजारों साल से इस परंपरा को निभा रहे हैं।

मोदी के भाषण की अहम बातें...

  • हम बाली में हैं और यहां से डेढ़ हजार किलोमीटर दूर कटक में बाली जात्रा (यात्रा) चल रही है। हम लोग अकसर बातचीत में कहते हैं- इट्स ए स्मॉल वर्ल्ड। समंदर की लहरों ने दोनों देशों के नातों को जीवंत बना रखा है। भारतीय यहां के विकास में सहयात्री बने हुए हैं।
बाली में मौजूद भारतीय समुदाय के लोग मोदी के भाषण के काफी पहले ही हॉल में पहुंच गए।
बाली में मौजूद भारतीय समुदाय के लोग मोदी के भाषण के काफी पहले ही हॉल में पहुंच गए।
  • दोनों देश सुख-दुख के साथी हैं। 2018 में जब यहां भूकंप आया तो हमने ऑपरेशन समुद्र मैत्रीयी चलाया था।
  • हम 99 नॉटिकल मील दूर नहीं, 99 नॉटिकल पास हैं। 2014 के पहले और 2014 के बाद के भारत में बहुत फर्क है। वो जो बहुत बड़ा फर्क वो मोदी नहीं है, वो स्किल और स्पीड है।
  • अमेरिका की जो कुल आबादी है, उतने तो हमने बैंक अकाउंट खोले हैं। 55 हजार किलोमीटर नेशनल हाईवे बनाए हैं। यह पूरी धरती के करीब-करीब डेढ़ चक्कर लगाने के बराबर है।
  • कोरोना काल में भारत ने अपने नागरिकों को जितनी वैक्सीन डोज मुफ्त में लगाई, वो अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की आबादी से ढाई गुना ज्यादा है। इसलिए मैं कहता हूं कि भारत बदला है। हम स्वार्थी नहीं हैं। दुनिया को हमसे अपेक्षा है। हम जिम्मेदारी से इसे पूरा कर रहे हैं।
  • अगला प्रवासी भारतीय सम्मेलन अगले साल जनवरी में इंदौर में होगा। यह भारत का सबसे स्वच्छ शहर है। इंदौर आएं तो अहमदाबाद के काइट फेस्टिवल में भी आइए। अपने साथ इंडोनेशिया के कुछ परिवारों को भी लाइए।
मंगलवार को बाली में भारतीय समुदाय को संबोधित करते प्रधानमंत्री मोदी।
मंगलवार को बाली में भारतीय समुदाय को संबोधित करते प्रधानमंत्री मोदी।

अब विस्तार से पढ़ें G20 समिट के फर्स्ट सेशन में क्या-क्या हुआ...

मोदी बोले- हमें यूक्रेन-रूस जंग रोकने का रास्ता खोजना होगा
समिट के फर्स्ट सेशन में G20 नेताओं के बीच फूड एंड एनर्जी सिक्योरिटी पर चर्चा हुई। इसमें PM मोदी ने कहा- कोरोना और इसके बाद यूक्रेन संकट ने दुनिया में तबाही मचाई है। UN भी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाया। हमें यूक्रेन-रूस जंग को रोकने का रास्ता खोजना होगा। इसकी वजह से ग्लोबल सप्लाई चेन पर बुरा असर पड़ा है।

मोदी से खुद मिलने पहुंचे अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन
समिट के दौरान, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन खुद मोदी से मिलने पहुंचे। दरअसल, मोदी बाइडेन को देख नहीं पाए थे। वो दूसरी तरफ जा रहे थे। इसी दौरान बाइडेन ने उन्हें पुकारा और फिर दोनों ठहाके लगाते नजर आए। कुछ मिनट बाद प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को बुलाया और उनसे भी बातचीत की।

मीटिंग शुरू होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति खुद चलकर मोदी से मिलने के लिए आए।
मीटिंग शुरू होने से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति खुद चलकर मोदी से मिलने के लिए आए।

हिंदी बोलने वाला अमेरिकी प्रवक्ता
अमेरिकी विदेश विभाग में हिंदी बोलने वाले प्रवक्ता जेड तरार चर्चा में रहे। तरार पाकिस्तानी मूल के हैं, लेकिन हिंदी के कठिन शब्दों पर भी उनकी अच्छी पकड़ है। वो अकसर टीवी चैनल्स पर भी नजर आते हैं। G20 के दौरान स्टेट डिपार्टमेंट ने उन्हें अहम जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने कुछ भारतीय टीवी चैनल्स को इंटरव्यू भी दिए। डीडी न्यूज से बातचीत में तरार ने कहा- भारत और अमेरिका के रास्ते अब अलग नहीं हो सकते। हमारी खूबसूरती और ताकत लोकतंत्र है और दुनिया को इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है।

अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार। वो हिंदी के अलावा उर्दू भी अच्छी बोलते हैं।
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार। वो हिंदी के अलावा उर्दू भी अच्छी बोलते हैं।

G20 के मेनिफेस्टो में मोदी की बात
दो महीने पहले समरकंद में शंघाई कोऑपरेशन समिट हुई थी। इस दौरान मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से कहा था- यह दौर जंग का नहीं, बातचीत का है। तब मोदी की इस बात को वेस्टर्न मीडिया ने जोर-शोर से उठाया था। अब जी-20 के कम्युनिक्यू या कहें मेनिफेस्टो में इसी लाइन को जगह दी गई है।

बाइडेन ने कंधे पर हाथ रखा, मोदी हाथ थामे रहे फिर ठहाके

कार्यक्रम की शुरुआत में PM मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की।
कार्यक्रम की शुरुआत में PM मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से मुलाकात की।
मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भी चर्चा की।
मोदी ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ भी चर्चा की।
G20 के पहले दिन PM नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश PM ऋषि सुनक के बीच बातचीत हुई।
G20 के पहले दिन PM नरेंद्र मोदी और ब्रिटिश PM ऋषि सुनक के बीच बातचीत हुई।

फर्स्ट सेशन से पहले PM मोदी और बाइडेन की मुलाकात खुशनुमा माहौल में हुई। बाइडेन ने मोदी के कंधे पर हाथ रखा था और मोदी उनका हाथ थामे रहे। मोदी ने अमेरिका के राष्ट्रपति से बातचीत की और इसके बाद दोनों ठहाके लगाते हुए मीटिंग की ओर बढ़ गए। इसके बाद वहां फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों नजर आए, जो मोदी को देख नहीं पाए। इसके बाद मोदी ने मैक्रों को बुलाकर उनसे हाथ मिलाया।

45 घंटे के दौरे में मोदी 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इस दौरान वो 10 से ज्यादा नेताओं से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा है कि मोदी की चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात हो सकती है। हालांकि दोनों देशों ने अब तक कुछ साफ नहीं किया है।

अब देखिए G20 की तस्वीरें...

समिट के दौरान मोदी और बाइडेन एक दूसरे के करीब बैठे थे। सऊदी प्रिंस सलमान भी यहां हैं।
समिट के दौरान मोदी और बाइडेन एक दूसरे के करीब बैठे थे। सऊदी प्रिंस सलमान भी यहां हैं।
मोदी और बाइडेन दोनों समिट के पहले सेशन में एक साथ बैठे थे।
मोदी और बाइडेन दोनों समिट के पहले सेशन में एक साथ बैठे थे।
PM मोदी ने समिट में रूस और यूक्रेन मुद्दे को हल करने के लिए शांति का रास्ता अपनाने पर जोर दिया।
PM मोदी ने समिट में रूस और यूक्रेन मुद्दे को हल करने के लिए शांति का रास्ता अपनाने पर जोर दिया।
समिट में हिस्सा लेने लिए अपूर्वा केम्पिसंकी होटल पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने स्वागत किया।
समिट में हिस्सा लेने लिए अपूर्वा केम्पिसंकी होटल पहुंचे चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का इंडोनेशिया के राष्ट्रपति ने स्वागत किया।
PM मोदी के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, NSA अजीत डोभाल और G20 शेरपा अमिताभ कांत भी समिट में हिस्सा ले रहे हैं।
PM मोदी के साथ विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर, NSA अजीत डोभाल और G20 शेरपा अमिताभ कांत भी समिट में हिस्सा ले रहे हैं।
PM बाली के अपूर्वा केम्पिसंकी होटल पहुंचे, यहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उनका स्वागत किया।
PM बाली के अपूर्वा केम्पिसंकी होटल पहुंचे, यहां इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो ने उनका स्वागत किया।

अब पढ़िए, G20 समिट के पहले सेशन में PM क्या बोले
PM मोदी ने कहा- मैंने बार-बार कहा है कि हमें यूक्रेन में युद्धविराम और कूटनीति का रास्ता अपनाना चाहिए। पिछली सेंचुरी में, WWII ने दुनिया में कहर बरपाया। उसके बाद उस समय के नेताओं ने शांति का रास्ता अपनाने का प्रयास किया। अब हमारी बारी है।

बाइडेन- मोदी की मुलाकात के बाद अमेरिका का बयान
G20 समिट के फर्स्ट सेशन से पहले बाइडेन-मोदी एक दूसरे के गले मिले। इस पर अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता जेड तरार ने कहा- राष्ट्रपति बाइडेन और PM मोदी के बीच दोस्ती है, जो दिखती है। दुनिया के कई ऐसे विषय हैं जहां दोनों देश आमने-सामने नहीं दिखते, लेकिन इससे हमारे रिश्ते पर कोई असर नहीं पड़ता। हर देश अपनी-अपनी रणनीति से चलता है, सबसे बड़ी बात यह है कि हम युद्ध रोकने के लिए रूस पर दबाव बना रहे हैं, अपने दोस्तों पर नहीं।

बाली में गूंजा- चिट्ठी आई है, आई है- चिट्ठी आई है...
मोदी सोमवार रात जब बाली पहुंचे तो वहां बड़ी तादाद में भारतीय मौजूद थे। मोदी इन सभी के पास गए और उनसे कुछ देर तक बातचीत की। इस दौरान भारतीय समुदाय के लोगों ने ताली बजाकर 1986 में आई फिल्म नाम का गीत- चिट्ठी आई है, आई है, चिट्ठी आई है.... गाया। पर्दे पर यह गीत संजय दत्त और कुमार गौरव पर फिल्माया गया था। इस गीत को मशहूर गजल गायक पंकज उधास ने आवाज दी थी। वो भी पर्दे पर नजर आए थे।

सोमवार को बाली पहुंचे मोदी का एयरपोर्ट पर पारंपरिक स्वागत किया गया।
सोमवार को बाली पहुंचे मोदी का एयरपोर्ट पर पारंपरिक स्वागत किया गया।
बाली में भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी से PM मोदी का स्वागत किया।
बाली में भारतीय समुदाय के लोगों ने गर्मजोशी से PM मोदी का स्वागत किया।

बाइडेन और जिनपिंग की मीटिंग
सोमवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अहम मीटिंग हुई। ‘न्यूयॉर्क टाइम्स’ के मुताबिक, मीटिंग से पहले बाइडेन ने चीनी राष्ट्रपति से हाथ मिलाया और कहा- आपको देखकर बहुत खुशी हुई। इसके बाद दोनों नेता मीटिंग रूम में चले गए। बाद में एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा- मुझे नहीं लगता कि चीन अभी ताइवान पर हमला करने वाला है। हम हर एक्शन पर नजर रख रहे हैं।

बाली में सोमवार को मीटिंग से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की यह जिनपिंग से पहली मुलाकात थी।
बाली में सोमवार को मीटिंग से पहले अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग। राष्ट्रपति बनने के बाद बाइडेन की यह जिनपिंग से पहली मुलाकात थी।

तिब्बत का भी जिक्र
न्यूज एजेंसी के मुताबिक जिनपिंग और बाइडेन की बातचीत में तिब्बत, हॉन्गकॉन्ग और शिन्जियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन का भी मुद्दा उठा। व्हाइट हाउस ने भी एक स्टेटमेंट में इसकी पुष्टि की है। इसमें कहा गया- प्रेसिडेंट बाइडेन ने जिनपिंग के सामने तिब्बत और शिन्जियांग प्रांत में मानवाधिकारों के हनन का मुद्दा उठाया। हम इसे बेहद अहम मुद्दा मानते हैं। शिन्जियांग में मुस्लिमों के टॉर्चर का मुद्दा इंटरनेशनल मीडिया भी उठाता रहा है।

NYT के मुताबिक, मीटिंग के दौरान जिनपिंग ने बाइडेन से कहा कि फिलहाल अमेरिका और चीन के जो रिश्ते हैं, वो दुनिया के हित में नहीं हैं। दोनों देशों को आपसी रिश्ते सुधारने होंगे। बाइडेन ने भी कहा कि दुनिया में कई मुद्दे ऐसे हैं जहां अमेरिका और चीन को सहयोग करना होगा। इसके लिए पहले हर स्तर पर बातचीत शुरू करनी होगी।

ब्रिटिश PM सुनक से मिलेंगे मोदी

भारतीय विदेश मंत्रालय के मुताबिक, मोदी ब्रिटिश PM ऋषि सुनक और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान मोदी ब्रिटिश PM सुनक से दोनों देशों के बीच होने वाले फ्री ट्रेड एग्रीमेंट (FTA) को लेकर बातचीत करेंगे। इस मुलाकात में बाइलैटरल रिलेशन्स को लेकर तय रोडमैप 2030 पर बड़ा फैसला लिया जा सकता है।

20 देशों का समूह है G-20
G20 समूह फोरम में 20 देश हैं। इसमें दुनिया के डेवलप्ड और डेवलपिंग इकोनॉमी वाले देश हैं। 19 देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, साउथ कोरिया, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपियन यूनियन (EU) शामिल हैं।

ग्लोबल GDP का 85% G20 के पास
G-20 अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहयोग का मुख्य फोरम है, क्योंकि इसके सदस्य देशों के पास दुनिया की GDP का 85% हिस्सा है। इसमें दुनिया का 75% इंटरनेशनल ट्रेड भी शामिल है। इन देशों में दुनिया की दो तिहाई जनसंख्या रहती है।

पुतिन को G20 में अपनी हत्या का डर, इसलिए शामिल नहीं होंगे
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के G20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा न लेने की जो प्रमुख वजह बताई जा रही हैं, वो चौंकाने वाली है। माना जा रहा है कि पुतिन को अपनी हत्या किए जाने का डर है।

पुतिन के सलाहकार रह चुके सर्गेई मार्कोव ने G20 सम्मेलन में पुतिन के न जाने की तीन प्रमुख वजहें बताई हैं...

रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार रह चुके सर्गेई मार्कोव ने G20 में जाने पर पुतिन के साथ तीन साजिशों की आशंका जाहिर करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन को घेरा है।
रूसी राष्ट्रपति पुतिन के सलाहकार रह चुके सर्गेई मार्कोव ने G20 में जाने पर पुतिन के साथ तीन साजिशों की आशंका जाहिर करते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन को घेरा है।
  • अमेरिका, ब्रिटेन और यूक्रेन की स्पेशल फोर्सेज के हाथों पुतिन को मारने की कोशिश किए जाने की आशंका है।
  • अपमानजनक परिस्थितिओं की संभावना। जैसे- कुछ विकलांग सामाजिक कार्यकर्ता पुतिन को गिरा सकते हैं, जैसे कि ये दुर्घटनावश हुआ हो और दुनिया भर की मीडिया इस तस्वीर को खींचकर ये कैप्शन लगाएगी, 'रूस का राष्ट्रपति चारों खाने चित।' मुझे पूरा यकीन है कि पूरी तरह पागल कुछ पश्चिमी देश कुछ ऐसी ही योजना बना रहे हैं।
  • खेरसॉन में हार के बाद एक महान देश के रूप में रूस की स्थिति सवालों के घेरे में है। वे (पुतिन पर) आसानी से आत्मसमर्पण करने के लिए दबाव डालेंगे।

G20 समिट में प्रिंस सलमान से नहीं मिलेंगे बाइडेन

ओपेक देशों के क्रूड ऑयल प्रोडक्शन घटाने के फैसले से अमेरिका नाराज है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, G20 समिट में जो बाइडेन और सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान (MBS) की मुलाकात नहीं होगी। बाइडेन और इसके पहले व्हाइट हाउस ने साफ कर दिया था कि तेल उत्पादक देशों ने 2% प्रोडक्शन कम करने का जो फैसला किया है, वो रूस-यूक्रेन की जंग के हालात में सही नहीं है। इसके बावजूद ओपेक देशों ने अमेरिका की आपत्ति पर ध्यान नहीं दिया। पढ़ें पूरी खबर...