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अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने अपने मून मिशन 2024 के लिए भारतवंशी राजा जॉन वुरपुत्तूर चारी को चुना है। स्पेस एजेंसी ने इस मिशन के लिए चारी समेत 18 एस्ट्रोनॉट के नामों की घोषणा कर दी है। इनमें 9 महिलाएं हैं। 43 साल के चारी अमेरिकी एयरफोर्स में कर्नल रह चुके हैं। उन्होंने एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 बेड़े की कमान भी संभाली है। बाद में वे इंटिग्रेटेड टेस्ट फोर्स के डायरेक्टर बने। मिशन के लिए चुने गए लोगों में सिर्फ चारी ही भारतीय हैं।
नासा के मिशन 2024 का नाम अर्टेमिस मून मिशन रखा गया है। खास बात यह है कि इस मिशन के लिए 9 महिला एस्ट्रोनॉट्स को भी चुना गया है। पहली बार महिलाएं चांद की सतह पर उतरेंगी। मिशन पर 28 बिलियन डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रु) खर्च आएगा। 16 बिलियन डॉलर (करीब सवा लाख करोड़ रुपए) मॉड्यूल पर खर्च होंगे। अमेरिका 1969 से 1972 तक अपोलो-11 समेत 6 मिशन चांद पर भेज चुका है।
चारी अमेरिकी स्पेश मिशन के लिए चुने गए तीसरे भारतीय
राजा अगस्त 2017 में अर्टेमिस प्रोग्राम के लिए चुने गए थे। 2019 में बेसिक ट्रेनिंग पूरी की थी। लूनर मिशन के साथ ही वे नासा के इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन और मंगल मिशन के लिए भी काम कर रहे हैं। वे अमेरिकी स्पेस मिशन के लिए चुने गए भारतीय मूल के तीसरे व्यक्ति हैं। उनसे पहले कल्पना चावला और सुनीता विलियम्स नासा के मिशन में शामिल हो चुकी हैं।
मिशन में शामिल सबसे कम उम्र के एस्ट्रोनॉट 30 साल के
अर्टेमिस मून मिशन में शामिल ज्यादातर एस्ट्रोनॉट्स की उम्र 30 से 40 साल के बीच है। इन सभी को साइंस के अलग-अलग फील्ड का अनुभव है। फ्लाइट के दौरान किसे क्या जिम्मेदारी दी जाएगी, फिलहाल इस बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
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