- माउंट एवरेस्ट की सफाई के लिए 14 अप्रैल से शुरू हुआ अभियान जून के पहले हफ्ते तक चलेगा
- दुनिया की सबसे ऊंची चोटी से कचरा हटाने का काम ब्लू वेस्ट वैल्यू कंपनी को सौंपा गया
- ऑक्सीजन सिलेंडर, पेय पदार्थों की टिन केन, प्लास्टिक बैग और मानव अपशिष्ट मुख्य कचरा
काठमांडू. दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट की सफाई में 8 मई तक 5000 किलो कचरा हटाया गया है। नेपाल द्वारा 14 अप्रैल से शुरू किया यह अभियान जून के पहले हफ्ते तक जारी रहेगा। नेपाल पर्यटक विभाग के महानिदेशक दांडुराज घिमिरे ने बताया कि कचरे को इकट्ठा करने की जिम्मेदारी ब्लू वेस्ट वैल्यू कंपनी को सौंपी गई है। नेपाल की सेना इस काम में सहयोग कर रही है।
चोटी से बेस कैंप तक बिखरा है कचरा
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चोटी से बेस कैंप तक बिखरे कचरे में कंपनी डिग्रेडेबल (मिट्टी में मिल जाने वाले) और नॉन-डिग्रेडेबल पदार्थों की छंटनी करती है। कचरे में मुख्य रूप से ऑक्सीजन सिलेंडर, पेय पदार्थों की टिन केन, प्लास्टिक बैग और मानव अपशिष्ट शामिल हैं।
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हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट किया जा रहा कचरा
घिमिरे के मुताबिक- माउंट एवरेस्ट पर जाने वाले पर्वतारोहियों ने पिछले कई सालों में बेस कैंप से लेकर चोटी के बीच कई तरह का कचरा छोड़ा है। इसके चलते पूरा इलाका दुनिया के सबसे ऊंचे डंपिंग ग्राउंड में बदल रहा है। गुरुवार को हेलिकॉप्टर से एयरलिफ्ट कर कचरा उठाया गया। इससे पहले 3 हजार किलो कचरा उठाया गया था।
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कचरा उठाने पर्वतारोहियों के लिए बने नियम
कचरे की समस्या से निपटने के लिए 2014 में नेपाल सरकार ने एक नियम बनाया। इसके तहत प्रत्येक पर्वतारोही के लिए लौटते वक्त कम से कम 8 किलो कचरा लाना अनिवार्य होगा। यह नियम इस अनुमान के आधार पर बनाया था कि एक पर्वतारोही चोटी पर चढ़ते समय 8 किलो कचरा छोड़ता ही है।
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2.30 करोड़ रुपए का बजट पड़ रहा कम
चोटी से कचरा साफ करने के लिए पर्यटन विभाग ने शेरपाओं को भी जोड़ा। शुरुआत में क्लीनअप ऑपरेशन के लिए 2.30 करोड़ नेपाली रु. का अनुमान लगाया गया। लेकिन अब वह कम पड़ रहा है। इसका कारण टीम में लगातार लोगों का बढ़ते जाना है। हालांकि मुहिम के लिए विभाग को विभिन्न संगठनों और कमर्शियल ग्रुप्स से भी फंड मिला है।