यरुशलम से भास्कर के लिए अरीए कोवलर
इजराइल में बेंजामिन नेतन्याहू के नेतृत्व वाली नई कट्टर राष्ट्रवादी सरकार ने आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर सख्ती से अमल शुरू कर दिया है। जेनिन कैंप में रह रहे आतंकियों के ठिकानों को निशाना बनाते हुए इजराइली बलों ने बड़ा हमला किया।
नई सरकार ने फिलिस्तीन का 4 करोड़ डॉलर (करीब 326 करोड़ रुपए) के का टैक्स रेवेन्यू रोक दिया। यह टैक्स इजराइल वसूलता है और आमतौर पर फिलिस्तीनी प्राधिकरण को स्थानांतरित करता है। जनवरी की शुरुआत में इस कदम की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, ‘जब तक फिलिस्तीनी प्राधिकरण आतंक पालेगा और दुश्मन जिंदा है, हमें उसे टैक्स ट्रांसफर में दिलचस्पी नहीं है।’
इजराइल में फिलिस्तीनी झंडे पर रोक के बाद ही विवाद
पूर्व में आतंकवाद से संबंधित अपराधों के लिए दोषी ठहराया जा चुके धुर दक्षिणपंथी ज्यूस पावर पार्टी के नेता और पुलिस मंत्री इतामार बेन ग्विर भी ऐलान कर चुके हैं कि फिलिस्तीनी झंडे के प्रदर्शन पर रोक रहेगी। वैसे तो इजराइल में फिलिस्तीन का झंडा लहराना अपराध नहीं है, पर पुलिस ने रोक लगाना शुरू कर दिया है। इजराइल-अरब के गांवों से फिलिस्तीनी झंडे हटवाए जा रहे हैं। झंडा विरोधी पृष्ठभूमि में ही जेनिन में फिलिस्तीनी आतंकियों व मददगारों पर कार्रवाई हुई।
आने वाले दिनों में इजराइल में आतंकी हमले बढ़ने की आशंका
झंडा विरोधी पृष्ठभूमि में ही जेनिन में आतंकियों, उनके मददगारों पर कार्रवाई हुई। इसी से तनाव बढ़ा। सुरक्षा सूत्र मान रहे हैं कि आने वाले दिनों में इजराइल में आतंकी हमलों की आशंका है। 2014 के बाद से साल 2022 इजराइल में सबसे खूनी संघर्ष वाला साल था।
इजराइल से सहयोग समझौता खत्म करेगा फिलिस्तीन
इजराइली बलों ने हमले के दौरान स्थानीय रूप से संगठित आतंकी समूहों द लायन डेन और जेनिन ब्रिगेड को निशाना बनाया। इस पर फिलिस्तीन ने कहा कि वह सुरक्षा सहयोग खत्म करेगा। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच 1993 में ओस्लो समझौता हुआ था।
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