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महिलाओं के लिए बेहद सख्त कानूनों वाला इस्लामी देश सऊदी अरब में तेजी से स्थिति में बदलाव आ रहा है। हालिया बदलाव के तहत महिलाओं को यह अधिकार दिया गया है कि वे अपने अभिभावक की स्वीकृति के बिना भी नाम में बदलाव कर सकती हैं। पहले इसके लिए घरवालों की इजाजत जरूरी थी।
सऊदी अरब के गृह मंत्रालय ने रविवार को इसकी जानकारी दी। नए कानून के तहत अब सऊदी अरब में कोई महिला या पुरुष नाम सहित खुद से जुड़े अहम डेटा में बदलाव करा सकता है। पहले सिर्फ पुरुषों को अधिकार था कि वे घर के गार्जियन की अनुमति के बिना ऐसा कर सकें। अब यह अधिकार महिलाओं को भी दे दिया गया है।
2018 में पहली बार महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत मिली थी
सऊदी अरब ने देश में महिलाओं की स्थिति को सुधारने के लिए हाल के समय में कई बदलाव किए हैं। 2018 में पहली बार देश में महिलाओं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई। साथ ही पहली बार महिलाओं को किसी पुरुष गार्जियन के बिना अकेले घूमने की इजाजत भी दी गई। सऊदी अरब की महिलाओं अब खुद पासपोर्ट के लिए भी आवेदन कर सकती हैं। पहले इस पर भी पाबंदी थी।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान विजन 2030 पर काम कर रहे हैं। इसके तहत सऊदी अरब की तेल पर निर्भरता को कम करने की कोशिशें की जा रही हैं। ऑयल इकोनॉमी का टैग हटाने के लिए सऊदी अरब अब दुनियाभर के पर्यटकों के लिए भी अपने दरवाजे खोल रहा है। इसके लिए वह दुनियाभर में महिलाओं के प्रति अपनी सख्त छवि से बाहर निकलना चाहता है।
सऊदी अरब के वर्कफोर्स में बढ़ी है महिलाओं की हिस्सेदारी
पिछले कुछ सालों से किए जा रहे प्रयासों के नतीजे भी सामने आने लगे हैं। 2015 में सऊदी अरब के स्थानीय निवासियों के वर्क फोर्स में महिलाओं की हिस्सेदारी सिर्फ 13 फीसदी थी। 2019 में यह बढ़कर 34.4 फीसदी हो गई।
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