चीन ने भारत-अमेरिका के प्रस्ताव पर वीटो लगाया:हाफिज सईद के बेटे तलहा को ग्लोबल टेरेरिस्ट डिक्लेयर नहीं होने दिया

वॉशिंगटन5 महीने पहले
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चीन ने UNSC में वीटो पावर का इस्तेमाल करके लश्कर आतंकी हाफिज तलहा सईद को ग्लोबल टेररिस्ट की लिस्ट में शामिल होने से बचा लिया है। तलहा 5वां आतंकी है जिसे चीन ने 4 महीने में ब्लैकलिस्ट होने से बचाया है। इसी हफ्ते 19 अक्टूबर को चीन ने आतंकी शाहिद महमूद को ब्लैक लिस्ट होने से बचाया था।

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत और अमेरिका इसके लिए प्रस्ताव लाए थे। हाफिज तलहा सईद आतंकवादी समूह लश्कर का एक बड़ा सरगना और 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा है। इस साल अप्रैल में उसे भारत सरकार ने आतंकवादी घोषित किया था।

46 साल का हाफिज तलहा सईद जम्मू-कश्मीर में जेहाद फैलाने की बात करता है।
46 साल का हाफिज तलहा सईद जम्मू-कश्मीर में जेहाद फैलाने की बात करता है।

आतंकियों की भर्ती करता था हाफिज तलहा सईद
हाफिज तलहा सईद आतंकियों को भर्ती करने, धन जुटाने और भारत व अफगानिस्तान में भारतीय हितों पर आतंकी हमलों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने में सक्रिय रूप से शामिल रहता है। वह पाकिस्तान में खुलेआम आता-जाता है और सभाओं में भारत, इजराइल, अमेरिका और पश्चिमी देशों में भारतीय हितों के खिलाफ जिहाद को भड़काता है।

चीन ने 4 महीने में 5 आतंकियों को बचाया

  • अब्दुल रहमान मक्की : लश्कर-ए-तैयबा के सरगना व 26/11 मुंबई हमलों के मुख्य साजिशकर्ता हाफिज सईद का साला है।
  • अब्दुल रउफ अजहर : 1999 में एयर इंडिया के विमान को हाईजैक करने में शामिल रहा है।
  • साजिद मीर : लश्कर-ए-तैयबा का आतंकी साजिद मीर मुंबई में 26/11 के आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है।
  • शाहिद महमूद : जून 2015 से जून 2016 तक महमूद लश्कर-ए-तैयबा को फंड देने वाले संगठन फलाह-ए-इंसानियत (FIF) का वॉइस चेयरमैन भी रह चुका है।
  • हाफिज तलहा सईद : 26/11 के मुंबई आतंकवादी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बेटा है।

1267 अल कायदा सैंक्शन कमेटी के जरिए आतंकियों को ब्लैकलिस्ट किया जाता है
संयुक्त राष्ट्र अपराधियों पर प्रतिबंध लगाकर आतंकवाद का जवाब देता है। UN सुरक्षा परिषद 1267 समिति (सैंक्शन रिजीम) के तहत आतंकियों पर प्रतिबंध लगाता है। साल 1999 में इस कमेटी का बनाया गया था। सितंबर 2001 में अमेरिका में हुए आतंकी हमलों के बाद इसे और मजबूती दी गई। इसे अब इस्लामिक स्टेट समूह और अल कायदा सैंक्शन कमेटी के रूप में जाना जाता है।

वैश्विक आतंकी घोषित होने के बाद क्या होता है

  • किसी भी शख्स को वैश्विक आतंकी घोषित करने का फैसला UN की सुरक्षा परिषद लेती है। सुरक्षा परिषद में पांच स्थाई सदस्य (अमेरिका, चीन, फ्रांस, रूस और ब्रिटेन), जबकि 10 अस्थाई सदस्य हैं। सभी स्थायी सदस्यों की सहमति के बाद ही किसी भी व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित किया जा सकता है। इस लिस्ट में नाम आने के बाद मुख्य तौर पर तीन तरह की कार्रवाई होती हैं।
  • जिस व्यक्ति को वैश्विक आतंकी घोषित किया जाता है, उसकी संपत्ति को जब्त करने का अधिकार सरकार को मिल जाता है। जिस भी देश में ऐसे व्यक्ति की संपत्ति होगी, उसे जब्त कर लिया जाएगा। ऐसा होने पर संबंधित व्यक्ति को किसी भी तरह की फाइनेंशियल मदद मिलने पर भी रोक लगाई जाती है।
  • ऐसे शख्स के यात्रा करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया जाता है। वैश्विक आतंकी घोषित हो चुके व्यक्ति को कोई भी देश अपनी सीमा में प्रवेश नहीं देता। वो जिस देश में रहता है, वहां भी उसे किसी तरह की यात्रा करने की अनुमति नहीं होती है।
  • यह सुनिश्चित किया जाता है कि ऐसे व्यक्ति को किसी भी तरह से हथियार न मिलें। सभी हथियारों की आपूर्ति और खरीद-फरोख्त को रोका जाता है। इसमें छोटे से लेकर बड़े हथियार तक शामिल होते हैं।

सभी सदस्यों की सहमति के बाद प्रस्ताव पारित होता है
सुरक्षा परिषद के सदस्य देशों में से कोई भी देश इसका प्रस्ताव ला सकता है। स्थाई सदस्य देशों के पास वीटो का भी अधिकार होता है। ऐसा प्रस्ताव तभी पास होता है, जब सभी सदस्यों की सहमति मिल जाए। कोई भी सदस्य आपत्ति दर्ज करवाता है तो प्रस्ताव लागू नहीं हो पाता।