अमेरिकी फार्मा कंपनी ने दावा किया है कि उसकी टेस्ट किट कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन को सफल तरीके से डिटेक्ट कर सकती है। थर्मो फिशर साइंटिफिक इंक नाम की कंपनी ने कहा है कि उसकी टेस्ट किट के जरिए कोविड-19 टेस्टिंग किए जाने पर सैंपल में ओमिक्रॉन की मौजूदगी का आसानी से और सटीकता के साथ पता लगाया जा सकता है।
मीडिया में आई रिपोर्टस में कंपनी के मुताबिक, टैक्पाथ नाम के इस टेस्ट के बहुत ही प्रभावी रिजल्ट्स सामने आए हैं। म्यूटेशन के बाद जीन टॉरगेट में बदलाव होने के बावजूद यह टेस्ट ओमिक्रॉन वैरिएंट का पता लगा सकता है। थर्मो फिशर के CEO मार्क स्टीवेन्सन ने कहा- इस टेस्ट को ओमिक्रॉन डिटेक्ट करने के अलावा, नए वैरिएंट के लिए प्रॉक्सी के तौर पर भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
बता दें कि नए वैरिएंट की वजह से दुनियाभर में अफरातफरी का माहौल है। कई देशों ने अपनी इंटरनेशनल फ्लाइट्स संस्पेंड कर दी हैं और देश में आवाजाही पर रोक लगा दी है।
कंपनी का लक्ष्य प्रोडक्शन पर
स्टीवेन्सन ने कहा- यह अकेला कोविड टेस्ट है, जिसे अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) ने अप्रूव किया है। इस टेस्ट से पता चलेगा कि कोई कोरोना केस ओमिक्रॉन वैरिएं से जुड़ा है या नहीं। उन्होंने कहा कि हम अफ्रीका और दूसरे देशों की डिमांड पूरा करने के लिए किट का प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए तैयार हैं।
केवल थर्मो फिशर ने इस बात की पुष्टि की है कि इस टेस्ट किट से ओमिक्रॉन वैरिएंट का पहचान किया जा सकता है। हालांकि, रोश होल्डिंग और एबॉट लेबोरेटरीज के कोविड टेस्ट से भी ओमिक्रॉन वैरिएंट को पहचाना जा सकता है।
WHO ने वैरिएंट ऑफ कंसर्न की कैटेगरी में रखा है ओमिक्रॉन को
WHO ने ओमिक्रॉन को वैरिएंट ऑप कंसर्न की कैटेगरी में रखा है, क्योंकि इसके स्पाइक प्रोटीन में 30 से ज्यादा म्यूटेशन देखे गए हैं। WHO के प्राइमरी डेटा के मुताबिक, इस वैरिएंट से संक्रमण का खतरा दूसरे वैरिएंट्स के मुकाबले कहीं ज्यादा है। WHO का डेटा सामने आने के बाद, कई देश इस वैरिएंट पर मौजूदा वैक्सीन की एफिकेसी की जांच कर रहे हैं। ओमिक्रॉन की टेस्टिंग तकनीक पर भी स्टडी की जा रही है।
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