अफगानिस्तान में PAK फौज की एयरस्ट्राइक:पाकिस्तान तालिबान के ठिकानों को निशाना बनाया, 4 आम नागरिक मारे गए

काबुल/इस्लामाबाद5 महीने पहले
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पाकिस्तान की एयरफोर्स ने गुरुवार को अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की पनाहगाहों पर एयरस्ट्राइक की। अफगानिस्तान के अखबार ‘हश्त-ए-सुबह’ ने एक रिपोर्ट में इसका खुलासा किया है।

अखबार के मुताबिक, यह हवाई हमले TTP के गढ़ माने जाने वाले नांगरहार राज्य के सलाला गुश्ता शहर में किए गए हैं। सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि इस एयरस्ट्राइक में एक डेरी पर काम करने वाले चार आम नागरिक मारे गए हैं। इनमें एक बच्चा भी शामिल है। अब तक पाकिस्तानी फौज या अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने इस एयरस्ट्राइक के बारे में कुछ नहीं कहा है।

सिर्फ बम बरसाए गए
अखबार की रिपोर्ट और सोशल मीडिया से मिल रहे इनपुट्स में कहा गया है कि पाकिस्तान एयरफोर्स के फाइटर जेट्स ने एक ही दिन में दो बार अफगानिस्तान में एयरस्ट्राइक की। पहला हमला गुरुवार तड़के और दूसरा सुबह करीब 11 बजे किया गया। खबरों के मुताबिक, इस दौरान फायरिंग नहीं हुई, सिर्फ ऊंचाई से बमबारी की गई।

तीन दिन पहले ही मिल गए थे संकेत
पाकिस्तान में TTP के हमले लगातार तेज होते जा रहे हैं। इनकी जद में अब राजधानी इस्लामाबाद भी आ गई है। पिछले हफ्ते इस्लामाबाद में एक फिदायीन हमला हुआ था। इसमें एक पुलिस अफसर मारा गया था और 6 लोग घायल हो गए थे।

इसके बाद सोमवार को शाहबाज शरीफ ने कैबिनेट मीटिंग बुलाई। मीटिंग के बाद होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने कहा- पाकिस्तान अपनी हिफाजत के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अगर अफगानिस्तान की तालिबान हुकूमत ने TTP को नहीं रोका तो हम अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को मारेंगे। इसके बाद गुरुवार को एयरस्ट्राइक की खबर आई।

पिछले महीने तालिबान ने पाकिस्तान में दो बड़े हमले किए थे। 12 लोग मारे गए थे।
पिछले महीने तालिबान ने पाकिस्तान में दो बड़े हमले किए थे। 12 लोग मारे गए थे।

चुप नहीं बैठेगा अफगानिस्तान

  • TTP को लेकर अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच तनाव बेहद खतरनाक रूप लेता जा रहा है। दोनों देशों के बीच डूरंड लाइन पर तमाम एंट्री और एग्जिट पॉइंट बंद किए जा चुके हैं। हालात ये हैं कि दो महीनों में दोनों देशों के बीच फायरिंग में करीब 16 पाकिस्तानी सैनिक मारे जा चुके हैं। पाकिस्तान सरकार हमलों के लिए TTP को जिम्मेदार बताती है।
  • राणा सनाउल्लाह की धमकी का जवाब तालिबान के सीनियर लीडर और उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर करके दिया था। इसके साथ उर्दू में एक कैप्शन शेयर किया। पहले इस फोटो के बारे में जान लीजिए। यह फोटो 1971 में भारत और पाकिस्तान की जंग की है। पाकिस्तानी सेना की करारी शिकस्त हुई थी। उसके 90 हजार से अधिक सैनिकों ने सरेंडर किया था।
  • सरेंडर डॉक्यूमेंट पर पाकिस्तान की तरफ से लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्लाह खान नियाजी ने दस्तखत किए थे। उनके ठीक बगल में मौजूद थे हमारी सेना के लेफ्टिनेंट जनरल जगजीत सिंह अरोड़ा। इसी सरेंडर के बाद बांग्लादेश एक अलग मुल्क बना था और पाकिस्तान के दो टुकड़े हो गए थे।
  • अब बात उस कैप्शन की, जो तालिबान नेता यासिर ने इस फोटो के साथ लिखा। इसमें कहा- राणा सनाउल्लाह, जबरदस्त। भूलिए मत कि ये अफगानिस्तान है। ये वो अफगानिस्तान है जहां बड़ी-बड़ी ताकतों की कब्रगाहें बन गईं। हम पर फौजी हमले का ख्वाब मत देखिए, वरना अंजाम उतना ही शर्मनाक होगा जितना भारत के सामने आपका हुआ था।
पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार पिछले महीने काबुल गईं थीं। उनके मुल्क लौटने के महज 24 घंटे के अंदर पाकिस्तान में एक और हमला हो गया था।
पाकिस्तान की विदेश राज्यमंत्री हिना रब्बानी खार पिछले महीने काबुल गईं थीं। उनके मुल्क लौटने के महज 24 घंटे के अंदर पाकिस्तान में एक और हमला हो गया था।

पाकिस्तान तालिबान और अफगान तालिबान क्यों अलग

  • 15 अगस्त 2021 के अफगान तालिबान ने काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। तालिबान के दो धड़े हैं। पहला- अफगानिस्तान तालिबान। इसमें ताजिक, उज्बेक, पश्तून और हजारा समेत कई समुदायों के लोग हैं। दूसरा- TTP यानी तालिबान पाकिस्तान। इसमें ज्यादातर पश्तून और पठान हैं। ये पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और वजीरिस्तान में एक्टिव हैं।
  • अफगान तालिबान और पाकिस्तान तालिबान का मकसद या कहें विचारधारा एक जैसी है। दोनों ही कट्टर इस्लाम और शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। TTP का कहना है कि पाकिस्तान आधा-अधूरा इस्लामी मुल्क है और यहां पूरी तरह शरिया कानून लागू होना चाहिए।
  • अपनी शर्तें मनवाने के लिए TTP खैबर पख्तूनख्वा, वजीरिस्तान और मुल्क के बाकी हिस्सों में हमले करता है। पिछले दिनों इन्होंने राजधानी इस्लामाबाद में एक फिदायीन हमला किया था। इसमें एक पुलिस अफसर मारा गया था और कई लोग जख्मी हो गए थे।
  • पाकिस्तानी फौज और सरकार की सबसे बड़ी मुश्किल यह है कि अब बलूचिस्तान के विद्रोही भी TTP से हाथ मिला चुके हैं। कुल मिलाकर पाकिस्तान के लिए ये बेहद खतरनाक संकेत हैं। दूसरी तरफ, अफगान तालिबान TTP को पूरी तरह सपोर्ट कर रहे हैं। अफगान तालिबान तो पाकिस्तान-अफगानिस्तान बॉर्डर यानी डूरंड लाइन को भी नहीं मानते। इस विवाद की वजह से पिछले दिनों काफी फायरिंग भी हुई थी। इसमें पाकिस्तान के कई सैनिक और आम नागरिक मारे गए थे।
तीन दिन पहले जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले की धमकी दी तो अफगान उप-प्रधानमंत्री अहम यासिर ने उन्हें 1971 का यह फोटो दिखाकर जवाब दिया था। तब पाकिस्तान की फौज ने भारत के सामने सरेंडर किया और बांग्लादेश नया मुल्क बना था।
तीन दिन पहले जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान पर हमले की धमकी दी तो अफगान उप-प्रधानमंत्री अहम यासिर ने उन्हें 1971 का यह फोटो दिखाकर जवाब दिया था। तब पाकिस्तान की फौज ने भारत के सामने सरेंडर किया और बांग्लादेश नया मुल्क बना था।

डिफेंस मिनिस्ट्री भी सख्त
इस बयान के कुछ घंटे बाद अफगानिस्तान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने भी एक अलग स्टेटमेंट जारी किया। कहा- पाकिस्तान बेबुनिया आरोप लगा रहा है। हमारे यहां TTP की कोई पनाहगाह नहीं है। उसे इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि अफगानिस्तान कमजोर है या उसका कोई मालिक नहीं है। हमें बहुत अच्छे से पता है कि अपने मुल्क की हिफाजत कैसे की जाती है। अगर हमला हुआ तो हम मुंहतोड़ जवाब देंगे।

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