2019 के बाद पहली बार पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा अमेरिका के दौरे पर पहुंच गए हैं। मुल्क में जारी सियासी उथलपुथल और इसके पहले बाढ़ ने हालात बद से बदतर कर दिए हैं। पाकिस्तान दिवालिया होने की कगार पर है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के दौर में अमेरिका से रिश्ते काफी खराब हो गए थे।
अमेरिका में पाकिस्तान के एम्बेसेडर सरदार मसूद खान ने कहा- हम जानते हैं कि अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्ते फिलहाल किस मोड़ पर हैं। जनरल बाजवा अमेरिका के साथ रिश्तों में नए दौर की शुरुआत करना चाहते हैं।
एक हफ्ते का दौरा
हैरानी की बात यह है कि जनरल बाजवा के अमेरिका दौरे की जानकारी पाकिस्तान की आर्मी या फॉरेन मिनिस्ट्री की तरफ से नहीं दी गई। अमूमन स्टेट विजिट के बारे में यही दो डिपार्टमेंट मीडिया को ब्रीफिंग देते हैं। इस बार ऐसा नहीं हुआ।
कहा जा रहा है कि बाजवा शुक्रवार को ही लंदन से न्यूयॉर्क पहुंच गए थे। रविवार को जब अमेरिका में पाकिस्तान के एम्बेसेडर सरदार मसूद खान से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने इसकी पुष्टि की। कहा- हां, जनरल बाजवा अमेरिका आए हैं। मैं इससे ज्यादा जानकारी आपको नहीं दे सकता।
किन लोगों से मुलाकात होगी
इमरान के मुद्दे पर भी चर्चा होगी
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान मार्च से ही आरोप लगा रहे हैं कि उनकी सरकार को अमेरिका ने गिराया। खान लगातार एक चिट्ठी का जिक्र कर रहे हैं जो कथित तौर पर अमेरिका में पाकिस्तान के राजदूत ने सरकार को लिखी थी। डिप्लोमैटिक लैंग्वेज में इस सीक्रेट लेटर को सायफर कहा जाता है। यह दूसरे मुल्क में तैनात एम्बेसेडर अपनी सरकार को लिखता है।
इमरान के आरोपों से अमेरिकी सरकार सख्त नाराज है। उसने एक बयान में कहा था- हम किसी देश के अंदरूनी मामलों और सियासत में दखलंदाजी नहीं करते। इस तरह के आरोप लगाए जाने से बचना चाहिए। खास बात यह है कि यह सायफर अब पाकिस्तान के प्राइम मिनिस्टर ऑफिस से गायब हो चुका है। कई एक्सपर्ट्स इसे पहले ही जाली बता चुके हैं।
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