शाहबाज शरीफ ने पहली बार माना है कि बतौर प्रधानमंत्री हर विदेशी दौरे पर जाकर मदद के लिए हाथ फैलाना उनके लिए शर्मिंदगी की बात है। हैरानी की बात यह है कि शरीफ ने यह बात फौज के एक प्रोग्राम में कही, जो पाकिस्तान के कुल बजट की सबसे बड़ी हिस्सेदार होती है।
शरीफ के मुताबिक- पाकिस्तान एक एटमी ताकत रखने वाला इस्लामी मुल्क है और अगर ऐसे में हमें हर बार और हर जगह जाकर भीख मांगना पड़े तो इससे ज्यादा शर्मनाक और कुछ नहीं हो सकता।
फौज के प्रोग्राम में वजीर-ए-आजम
शरीफ ने शनिवार को पाकिस्तानी फौज के पासिंग आउट प्रोग्राम में हिस्सा लिए। यहां आर्मी और ISI चीफ के साथ प्रेसिडेंट आरिफ अल्वी भी मौजूद थे। आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर और ISI चीफ लेफ्टिनेंट जनरल नदीम अंजुम के सामने शाहबाज शरीफ का यह बयान अहम माना जा रहा है।
शरीफ ने कहा- मेरे लिए यह बहुत शर्मिंदगी की बात है कि हर बार मुझे कर्ज मांगना पड़ता है। यह इसलिए और ज्यादा खराब लगता है कि पाकिस्तान एक एटमी ताकत वाला मुल्क है। मैं कहना ये चाहता हूं कि आखिर कब तक हम बतौर मुल्क कर्ज के भरोसे रहेंगे। ये तो देश चलाने का सही तरीका नहीं है और न ही इस तरह से हम मुल्क को सही डायरेक्शन में ले जा सकते। हमें ये भी सोचना चाहिए कि आज नहीं कल, ये कर्ज इस मुल्क को वापस भी तो करने हैं।
सऊदी अरब और UAE का जिक्र
मांगी खैरात और मिला कर्ज
पाकिस्तान के सबसे बड़े अखबार ‘द डॉन’ ने एडिटोरियल और एक स्पेशल रिपोर्ट में खुलासा किया कि जिनेवा में पाकिस्तान को जो 10 अरब डॉलर देने का भरोसा दिलाया गया है, वो दान या खैरात नहीं, बल्कि कर्ज है। इतना ही नहीं यह कर्ज भी तीन साल में किश्तों के तौर पर मिलेगा।
इस खुलासे के बाद प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ, वित्त मंत्री इशहाक डार और कई कैबिनेट मिनिस्टर मीडिया के सामने आए। यहां डार ने कहा- 10 में से 8.7 अरब डॉलर हकीकत में कर्ज है। हमने जिनेवा में बिना शर्त मदद की अपील की थी।
इससे भी ज्यादा हैरानी की बात डार ने आगे कही। फाइनेंस मिनिस्टर ने कहा- मैं आपको यह नहीं बता सकता कि यह कर्ज हमें किन शर्तों पर मिलेगा। वहीं, शरीफ ने कहा- उम्मीद है कर्ज की शर्तें ज्यादा सख्त नहीं होंगी। ये पैसा हमें कब तक मिलेगा, इस बारे में अभी कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
पलट गया सऊदी
2020 में जब सऊदी ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर और उधार पर तेल दिया था, तब एक शर्त रखी थी और एक मुल्क के लिए यह शर्मिंदगी वाली बात थी। सऊदी ने कहा था कि वो 36 घंटे के नोटिस पर यह पैसा वापस ले सकते हैं, पाकिस्तान को ब्याज भी चुकाना होगा और यह सिर्फ गारंटी मनी होगी। मतलब, पाकिस्तान इसे खर्च नहीं कर सकेगा। इस बार भी शर्तों में बदलाव नहीं हुआ है। लिहाजा, साफ है कि पुरानी शर्तें ही जारी रहेंगी।
2019 में सऊदी क्राउन प्रिंस सलमान पाकिस्तान दौरे पर आए थे। तब इमरान खान प्रधानमंत्री थे और उन्होंने खुद कार ड्राइव की थी। तब भी सलमान ने पाकिस्तान में 10 अरब डॉलर इन्वेस्ट करने का वादा किया था। 3 साल बाद भी वादा पूरा नहीं हुआ। हां, एक बार फिर क्राउन प्रिंस ने 10 अरब डॉलर इन्वेस्टमेंट की बात दोहराई है।
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