पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के दो अफसरों की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कत्ल की यह वारदात मंगलवार रात हुई, लेकिन मीडिया को इसकी जानकारी बुधवार को दी गई।
पुलिस के मुताबिक, दोनों अफसरों पर एक अनजान शख्स ने उस वक्त फायरिंग की जब वो खानेवाल शहर के एक होटल की पार्किंग में मौजूद थे। फायरिंग के बाद हमलावर फरार हो गया। उसकी तलाश की जा रही है। हमले का शक अल-कायदा तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पर है। फौज और खुद ISI ने अब तक इस मामले पर कुछ नहीं कहा है।
कौन हैं मारे गए अफसर?
‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, मारे गए दोनों अफसर किसी केस पर काम कर रहे थे। ये खानेवाल शहर के एक होटल में रुके थे। हत्या के वक्त वो होटल की पार्किंग में बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान वहां एक शख्स पहुंचा और काफी करीब से उन पर फायरिंग की। पुलिस के मुताबिक दोनों अफसरों की मौके पर ही मौत हो गई।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक मारे गए अफसरों के नाम नवीद सादिक और नासिर अब्बास हैं। नवीद मुल्तान रीजन में खुफिया एजेंसी के डायरेक्टर थे, जबकि नासिर अब्बास इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारी थे।
पुलिस के मुताबिक हमलावर एक बाइक पर वहां आया था और फायरिंग के बाद फौरन वहां से भाग गया। घटना के बाद पंजाब प्रांत के आईजी और दूसरे आला अफसर मौके पर पहुंचे।
हमले के पीछे कौन?
जांच से जुड़े एक अफसर के मुताबिक, दोनों अफसर आतंकवाद से जुड़े मामले की जांच कर रहे थे। शक है कि उन्हें अल-कायदा के आतंकियों ने मारा है। हालांकि पाकिस्तान में अल-कायदा की एक्टिविटीज काफी कम हैं, लेकिन यहां TTP की काफी दहशत है। हाल ही में TTP ने राजधानी इस्लामाबाद में भी हमला किया था। इसमें एक पुलिस अफसर की मौत हो गई थी और 6 लोग घायल हो गए थे।
पाकिस्तान के होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने बुधवार को ही कहा था कि अब तालिबान पाकिस्तान से किसी तरह की कोई बातचीत नहीं की जाएगी और उसके खिलाफ मिलिट्री ऑपरेशन चलाने का हक फौज के पास है।
अफगानिस्तान से तनातनी
TTP पाकिस्तान में लगातार हमले कर रहा है। इस वजह से वहां की फौज और सरकार बौखलाई हुई है। गुरुवार को पाकिस्तान के होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने TTP के हमलों के लिए अफगान तालिबान को जिम्मेदार ठहराया। कहा- TTP के आतंकी पाकिस्तान में हमलों के बाद अफगानिस्तान में पनाह लेते हैं। अगर ये हमले बंद नहीं हुए तो हम अफगानिस्तान में घुसकर इन आतंकियों को मारेंगे। हमें पता है कि अफगानिस्तान के किन हिस्सों में और कहां TTP के आतंकी पनाह लेते हैं। उन्हें हथियार भी वहीं से मिलते हैं।
पाकिस्तान की यह धमकी तालिबान हुक्मरानों को सख्त नागवार गुजरी। तालिबान के सीनियर लीडर और उप-प्रधानमंत्री अहमद यासिर ने सोशल मीडिया पर एक फोटो शेयर की। इसके साथ उर्दू में एक कैप्शन शेयर किया। पहले इस फोटो के बारे में जान लीजिए। यह फोटो 1971 में भारत और पाकिस्तान जंग की है। पाकिस्तानी सेना की करारी शिकस्त हुई थी। उसके 90 हजार से अधिक सैनिकों ने सरेंडर किया था।
तालिबान के दो चेहरे
15 अगस्त 2021 के अफगान तालिबान ने काबुल के साथ ही पूरे अफगानिस्तान पर कब्जा कर लिया। तालिबान के दो धड़े हैं। पहला- अफगानिस्तान तालिबान। इसमें ताजिक, उज्बेक, पश्तून और हजारा समेत कई समुदायों के लोग हैं। दूसरा- TTP यानी तालिबान पाकिस्तान। इसमें ज्यादातर पश्तून और पठान हैं। ये पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और वजीरिस्तान में एक्टिव हैं।
अफगान तालिबान और पाकिस्तान तालिबान का मकसद या कहें विचारधारा एक जैसी है। दोनों ही कट्टर इस्लाम और शरिया कानून लागू करना चाहते हैं। TTP का कहना है कि पाकिस्तान आधा-अधूरा इस्लामी मुल्क है और यहां पूरी तरह शरिया कानून लागू होना चाहिए।
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