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इमरान खान ने कहा है कि अगर करगिल जंग के दौरान वे प्रधानमंत्री होते, और आर्मी चीफ ने बिना उन्हें बताए युद्ध शुरू किया होता तो वे फौरन उन्हें बर्खास्त कर देते। इमरान ने कहा- अगर आईएसआई का कोई चीफ उनसे आकर इस्तीफा देने को कहता है तो वे बिना वक्त गंवाए उसे हटा देंगे।
वहीं, फौज से उनकी पार्टी की नजदीकियों का आलम ये है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के पोस्टरों में उनके साथ जनरल बाजवा और दूसरे फौजी अफसर नजर आ रहे हैं।
आर्मी और आईएसआई चीफ पर बयान क्यों
इमरान ने एक इंटरव्यू में करगिल और आर्मी चीफ का जिक्र किया। इसके अलावा आईएसआई प्रमुख पर भी बात की। इसकी एक खास वजह है। दरअसल, पिछले कुछ महीनों से विपक्ष एकजुट है। नवाज शरीफ समेत विपक्ष के तमाम नेता इमरान को फौज की मेहरबानी से बना प्रधानमंत्री बता रहे हैं। उन्हें इलेक्टेड के बजाए सिलेक्टेड पीएम कहा जा रहा है। नवाज के पिछले दिनों दो बयान आए। एक में करगिल का जिक्र था। दूसरे में आईएसआई चीफ का। यहां जानते हैं कि नवाज के बयान पर इमरान ने क्या जवाब दिया।
करगिल जंग
1999 में भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल में जंग हुई। पाकिस्तान बुरी तरह हारा। इस दौरान नवाज शरीफ पीएम और जनरल मुशर्रफ आर्मी चीफ थे। नवाज कई बार कह चुके हैं कि मुशर्रफ ने उनकी इजाजत के बगैर करगिल में जंग छेड़ी थी और उन्होंने बमुश्किल अमेरिका की मदद से इसे रुकवाया और पाकिस्तान को बचाया।
इमरान इसे नवाज की कमजोरी बताते हैं। वे कहते हैं- अगर मैं पीएम होता। और आर्मी चीफ ने मुझे बताए बिना करगिल जंग छेड़ी होती तो मैं उन्हें बर्खास्त कर देता।
आईएसआई चीफ पर क्या और क्यों बोले
नवाज ने कहा था- 2014 में आईएसआई चीफ जहीर उल इस्लाम ने आधी रात को मेरे पास एक व्यक्ति के जरिए मैसेज भेजा। उन्होंने मुझसे फौरन इस्तीफा देने को कहा था। मैंने इनकार कर दिया था।
इमरान ने नवाज के इस बयान पर कहा- अगर मेरे पास आईएसआई चीफ या उनका इस तरह का मैसेज आया होता तो मैं उन्हें पद से हटाने में जरा भी देरी नहीं करता।
इमरान के पार्टी पोस्टरों में आर्मी चीफ
फौज को लेकर पाकिस्तान में चल रही सियासत के बीच एक और खबर आई। ‘द डॉन’ के मुताबिक, पीओके में इमरान की पार्टी पीटीआई के कई पोस्टर और बैनर लगाए गए हैं। इनमें इमरान के साथ आर्मी चीफ जनरल बाजवा और दूसरे फौजी अफसर नजर आ रहे हैं। कुछ लोगों ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की। आयोग ने इन्हें हटाने को कहा है।
कुछ दिन पहले ही आर्मी चीफ जनरल बाजवा ने विपक्षी नेताओं की एक मीटिंग बुलाई थी। इसमें उन्होंने कहा था कि सियासत से आर्मी को दूर रखा जाए। आर्मी को यह मंजूर नहीं कि उसको मुल्क की अंदरूनी राजनीति में घसीटा जाए।
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