जम्मू-कश्मीर के प्रतिबंधित संगठन जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) के प्रमुख यासीन मलिक को NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में दोषी ठहराया है। मलिक ने भी अपना गुनाह कुबूल कर लिया है, लेकिन पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को यह नागवार गुजर रहा है।
दरअसल, मलिक को दोषी ठहराए जाने के बाद पाकिस्तान पूरी तरह बौखला गया है। वह दुनिया के सामने यासीन को सियासी कैदी बता रहा है। इतना ही नहीं उसने मानवाधिकारों का हवाला देते हुए दुनिया के अन्य देशों से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराए जाने की अपील तक कर डाली है।'
शाहबाज शरीफ ने क्या कहा
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने सोशल मीडिया पर लिखा- दुनिया को जम्मू और कश्मीर में सियासी कैदियों के साथ भारत सरकार के रवैये पर ध्यान देना चाहिए। प्रमुख कश्मीरी नेता यासीन मलिक को फर्जी आतंकवाद के आरोपों में दोषी ठहराना भारत के मानवाधिकारों के उल्लंघन की आलोचना करने वाली आवाजों को चुप कराने की कोशिश है। मोदी सरकार को इसके लिए दोषी ठहराया जाना चाहिए।'
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मोदी-बाइडेन मीटिंग से पहले अलापा कश्मीर राग
शाहबाज की ये अपील ऐसे समय में सामने आई है, जब मोदी क्वॉड मीटिंग के लिए जापान में हैं। यहां अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और मोदी की मीटिंग भी होनी है। जापान और ऑस्ट्रेलिया भी इस मीटिंग में शामिल हैं। शाहबाज ने अमेरिकी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री की मीटिंग को देखते हुए इस वक्त को चुना। उन्हें लगा कि शायद कश्मीर के जरिए उनकी गुहार दुनिया का सबसे ताकतवर देश सुन ले।
पाकिस्तान ने भारतीय दूतावास से जताई आपत्ति
पाकिस्तान को जब इस बात की भनक लगी कि 19 मई को NIA कोर्ट यासीन मलिक पर फैसला सुनाने वाला है, उसके एक दिन पहले 18 मई को पैंतरे दिखाने शुरू कर दिए थे। देर रात को ही पाकिस्तान ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास प्रभारी को तलब कर लिया। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने दूतावास अधिकारी को आपत्तियों से जुड़ा एक दस्तावेज (डिमार्शे) सौंपा, जिसमें यासीन मलिक के खिलाफ मनगढ़ंत आरोप लगाए जाने की कड़ी निंदा की गई थी।
25 मई को यासीन मलिक की सजा पर फैसला
यासीन मलिक पर आतंकी गतिविधियों से जुड़े कई मामलों में दोषी ठहराया गया है। अदालत 25 मई को उसकी सजा पर फैसला करेगी। मलिक पर UAPA के तहत लगाए गए हैं। उस पर जो धाराएं हैं, उनमें अधिकतम सजा आजीवन कारावास है।
पिछली सुनवाई में यासीन ने अपने वकील को वापस ले लिया था। उसने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को स्वीकार कर लिया था। वहीं सुनवाई से पहले ही पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करते हुए इलाके की घेराबंदी कर दी और मीडियाकर्मियों को सुनवाई के दौरान अदालत के बाहर इंतजार करने को कहा।
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