पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर लगाम:मर्जी से सुओ मोटो नहीं ले सकेंगे; PM बोले- लाडले इमरान को बहुत बचा लिया

इस्लामाबाद2 महीने पहले
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शाहबाज शरीफ का कहना है कि अगर अदालतें निष्पक्ष होतीं तो इमरान चुनाव ही नहीं लड़ सकते थे। - Dainik Bhaskar
शाहबाज शरीफ का कहना है कि अगर अदालतें निष्पक्ष होतीं तो इमरान चुनाव ही नहीं लड़ सकते थे।

पाकिस्तान की शाहबाज शरीफ सरकार ने एक बिल पास किया है। इसके लागू होने के बाद अब सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अपनी मर्जी से किसी केस में सुओ मोटो (किसी केस में बिना अपील के सुनवाई करना) नहीं ले सकेंगे। इतना ही नहीं नए बिल में कुछ और ऐसी बातें जोड़ी गई हैं, जिससे साफ हो जाता है कि चीफ जस्टिस अब ज्यादातर मामलों में अपने सहयोगी जजों की मंजूरी के बिना फैसले नहीं ले सकेंगे।

इस बिल की सबसे अहम बात यह है कि चीफ जस्टिस किसी भी मामले में जो बेंच बनाते थे, उसमें अपने करीबी जजों को ही जगह देते थे। बिल के मुताबिक, अब सिर्फ सीनियर मोस्ट जज ही बेंच का हिस्सा बन सकते हैं।

नेशनल असेंबली में इस बिल पर बहस के दौरान प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने कहा- पूरे मुल्क और पूरी दुनिया में हमारी ज्यूडिशियरी और सुप्रीम कोर्ट का मजाक उड़ रहा है। एक लाडले (इमरान) को बचाने के लिए जज उसकी कार के पास खड़े होकर उसकी बात करते हैं, फिर जमानत दे देते हैं।

सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने हर केस में इमरान को राहत दी। उन्होंने हाईकोर्ट के जजों पर खान को जमानत देने और न पेश होने का दबाव डाला।
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने हर केस में इमरान को राहत दी। उन्होंने हाईकोर्ट के जजों पर खान को जमानत देने और न पेश होने का दबाव डाला।

इतिहास हमें माफ नहीं करेगा
संसद में बिल पर हुई बहस का जवाब देते हुए शरीफ ने कहा- अगर हमने आज सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर लगाम नहीं लगाई तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा। इस बिल को कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने पेश किया। बिल का नाम है- द सुप्रीम कोर्ट (प्रैक्टिस एंड प्रोसिजर) एक्ट 2023।

तरार ने कहा- कई सांसद मांग कर रहे थे कि संविधान में संशोधन की जरूरत है, ताकि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट्स के चीफ जस्टिस पर लगाम कसी जा सके। हमें नहीं लगता संविधान संशोधन की जरूरत है। एक बिल से ही मकसद पूरा हो सकता है।

प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के मुताबिक- अगर अब भी ज्यूडिशियरी को निष्पक्ष नहीं बनाया गया तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।
प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ के मुताबिक- अगर अब भी ज्यूडिशियरी को निष्पक्ष नहीं बनाया गया तो इतिहास हमें कभी माफ नहीं करेगा।

चीफ जस्टिस के खिलाफ थे सहयोगी जज

  • बिल लाने की जरूरत इसलिए पड़ी, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट के कई जज चीफ जस्टिस के रवैये से सख्त नाखुश थे। इनमें से 2 ने तो खुलकर मीडिया से तक बात की। इसके अलावा उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री को चिट्ठी भी लिखी थी।
  • नए बिल के मुताबिक- अगर चीफ जस्टिस को किसी मुद्दे पर सुओ मोटो लेना है तो वह अकेले ऐसा नहीं कर सकेगा। उसे खुद के समेत तीन सीनियर मोस्ट जजों की कमेटी बनानी होगी। ये भी 30 दिन का नोटिस देने के बाद ही उस मुद्दे पर सुनवाई कर सकेगी।
  • बिल में कहा गया है- आईन यानी संविधान से जुड़े किसी भी मामले में सुनवाई पांच जजों की बेंच ही करेगी और ये जज सीनियॉरिटी के हिसाब से चुने जाएंगे। चीफ जस्टिस अपनी मर्जी से बेंच नहीं बना सकेगा।
  • इसके अलावा किसी भी मामले की सुनवाई तीन जजों की बेंच ही करेगी और ये जज भी सीनियॉरिटी के हिसाब से चुने जाएंगे। हर फैसला बहुमत के आधार पर होगा

आखिर क्यों बौखला गए इमरान

  • जैसे ही यह बिल सीनेट और नेशनल असेंबली से पास हुआ, इमरान खान का बयान सामने आया। खान ने कहा- सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस के अधिकार कम करके अच्छा नहीं किया। चीफ जस्टिस जल्द चुनाव कराने पर जोर दे रहे थे और यह सरकार इससे बचना चाहती है। अवाम के सामने साफ हो चुका है कि यह सरकार सिर्फ क्रिमिनल्स की मदद करना चाहती है।
  • इमरान की इस बौखलाहट की कई वजहें हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट और लाहौर हाईकोर्ट में कई ऐसे जज हैं, जिन्हें इमरान सरकार के दौर में आउट ऑफ टर्न प्रमोट किया गया। इमरान पर कई संगीन मामले दर्ज हैं। चार केस तो ऐसे हैं, जिनमें उन्हें सजा होना और चुनाव लड़ने के अयोग्य करार दिया जाना तय है।
  • ये केस हैं- तोशाखाना केस, फॉरेन फंडिंग केस, टैरिन व्हाइट केस और महिला जज को धमकी देने का केस। ये मामले कई साल से चल रहे हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि अब तक खान इनमें से किसी भी केस में कोर्ट के सामने पेश नहीं हुए। पुलिस जब उन्हें गिरफ्तार करने पहुंचीं तो उनके समर्थकों ने उस पर हमला बोल दिया।
  • इतना ही नहीं, राष्ट्रपति आरिफ अल्वी खुलकर इमरान का साथ देते हैं, क्योंकि वो उन्हीं की पार्टी के हैं। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल भी इमरान के बेहद खास हैं। पिछले दिनों लाहौर हाईकोर्ट के जज ने चेंबर से निकलकर इमरान की कार के पास जाकर उनके मामले की सुनवाई की थी।
  • इसके बाद पाकिस्तान की ज्यूडिशियरी का काफी मजाक उड़ा था।
  • इमरान खान पर करीब 80 केस दर्ज हैं। इनमें से 16 गंभीर मामले हैं। चार में तो उन्हें सजा होना तय है। आरोप तय न हों, इसलिए वो अदालत ही नहीं जाते। अदालतों के रवैये से नाखुश सरकार ने अब इस बिल के जरिए उस पर सख्ती से लगाम कस दी है।
अमेरिका और ब्रिटेन की अदालतों में साबित हो चुका है कि टैरिन व्हाइट के पिता इमरान हैं। अब 29 साल की हो चुकी टैरिन की मां का निधन हो चुका है। टैरिन खान की पूर्व पत्नी जेमिमा और दो बेटों (कासिम-सुलेमान) के साथ लंदन में रहती हैं।
अमेरिका और ब्रिटेन की अदालतों में साबित हो चुका है कि टैरिन व्हाइट के पिता इमरान हैं। अब 29 साल की हो चुकी टैरिन की मां का निधन हो चुका है। टैरिन खान की पूर्व पत्नी जेमिमा और दो बेटों (कासिम-सुलेमान) के साथ लंदन में रहती हैं।

क्या है टैरिन व्हाइट केस

  • सरकारी खजाने के तोहफे बेचने के मामले में पहले ही मुश्किलों में घिरे इमरान खान एक और केस में फंसे हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री पर आरोप है कि इलेक्शन कमीशन को दिए एफिडेविट में उन्होंने बेटी होने की बात छिपाई।
  • इमरान ने जेमिमा गोल्डस्मिथ से दो बेटों के होने की बात तो हलफनामे में मानी, लेकिन पूर्व प्रेमिका सीटा व्हाइट से हुई बेटी टैरिन व्हाइट की जानकारी नहीं दी। अमेरिकी और ब्रिटिश कोर्ट्स में यह साबित हो चुका है कि टैरिन के पिता इमरान खान हैं। इमरान को चीफ जस्टिस बंदियाल हर बार इस मामले में राहत देते हैं। इसकी वजह यह है कि अगर खान इस मामले में कोर्ट में पेश हो गए तो उन पर आरोप तय हो जाएंगे। अगर आरोप तय हो गए तो सजा होना तय है, क्योंकि उनके खिलाफ पुख्ता सबूत और अमेरिका-ब्रिटिश अदालतों के फैसले हैं। अगर वो दोषी करार दिए गए तो चुनाव आयोग उन्हें अयोग्य करार दे देगा। फिर वो कभी दोबारा प्रधानमंत्री नहीं बन सकेंगे।
  • इमरान चाहते हैं कि जल्द से जल्द चुनाव हो जाएं, ताकि वो दोबारा प्रधानमंत्री बन जाएं। एक बार ऐसा हो गया तो उन्हें इम्युनिटी मिल जाएगी और अदालतें उन्हें पद पर रहते हुए किसी मामले में तलब ही नहीं कर सकेंगी। लिहाजा, वो कोर्ट में पेश ही नहीं होते और अदालतें उनकी मदद करती हैं।
यह तस्वीर इमरान के तीनों बच्चों की है। बेटों यानी सुलेमान और कासिम को तो खान ने अपना नाम दिया, लेकिन बेटी टैरिन से पल्ला झाड़ते रहे। पाकिस्तान के संविधान में इस्लामिक शरिया कानून के कुछ हिस्से शामिल हैं। इसके तहत भी इमरान को सख्त सजा हो सकती है।
यह तस्वीर इमरान के तीनों बच्चों की है। बेटों यानी सुलेमान और कासिम को तो खान ने अपना नाम दिया, लेकिन बेटी टैरिन से पल्ला झाड़ते रहे। पाकिस्तान के संविधान में इस्लामिक शरिया कानून के कुछ हिस्से शामिल हैं। इसके तहत भी इमरान को सख्त सजा हो सकती है।