पाकिस्तान के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सुरक्षा परिषद की ग्लोबल टेरेरिस्ट लिस्ट में शामिल करने पर चीन ने फिर अड़ंगा लगाया है। भारत और अमेरिका मक्की को अल-कायदा बैन कमेटी के तहत ग्लोबल टेरेरिस्ट घोषित करने का प्रस्ताव लाए थे। चीन के वीटो के बाद इस प्रस्ताव पर अमल नहीं हो सका।
भारत और अमेरिका में पहले से आतंकवादी घोषित है
भारत और अमेरिका ने जून में पाकिस्तान के आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को अल-कायदा और ISIL प्रतिबंध समिति के तहत सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव दिया था। हालांकि भारत और अमेरिका पहले ही मक्की को आतंकवादी घोषित कर चुके हैं।
यह प्रस्ताव UN सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के सभी सदस्यों को प्रक्रिया के तहत 16 जून को भेजा गया था।
हाफिज सईद का बहनोई है मक्की
मक्की भारत में आतंकी हमले, आतंकियों की भर्ती, फंड रेजिंग सहित विशेष रूप से जम्मू-कश्मीर की आतंकी गतिविधियों से जुड़ा रहा है। 1 जनवरी 2008 में CRPF कैंप पर हुए आतंकी हमले, 12-13 फरवरी श्रीनगर के करण नगर में हुआ आतंकी हमला, 2018 में ही हुए गुरेज और बांदीपुरा के आतंकी हमले में भी मक्की का नाम आया था, के आतंकी हमले में भी शामिल रहा है। इसके अलावा मक्की लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख और 26/11 के मास्टरमाइंड हाफिज सईद का बहनोई है।
चीन पहले भी फैसले पर डाल चुका है बाधा
चीन ने मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगातर होल्ड कर दिया है। हालांकि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने आतंकवादियों की सूची में बाधा डाली है। इसके पहले भी चीन ने पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधित आतंकवादी जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मौलाना मसूद अजहर को नामित करने के प्रस्तावों पर भी रोक लगा दी थी।
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