पाकिस्तानी कट्टरपंथी यूरोप के रास्ते इजराइल में घुसने की साजिश रच रहे हैं। इटली की खुफिया एजेंसियों ने इसका खुलासा किया है। इटली की पोर्ट सिटी जेनेआ से 12 पाकिस्तानी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे किसी सीक्रेट लोकेशन पर पूछताछ की जा रही है। गिरफ्तार किए गए सभी लोग गैरकानूनी तरीके से यूरोप पहुंचे थे। कहा जा रहा है कि ये सभी एक ही ग्रुप के मेंबर हैं। इस ग्रुप का नाम गब्बर बताया गया है।
पाकिस्तान और इजराइल के बीच डिप्लोमैटिक रिलेशन नहीं हैं। पाकिस्तान के पासपोर्ट होल्डर इजराइल की यात्रा नहीं कर सकते। सऊदी अरब ने भी अब तक इजराइल को मान्यता नहीं दी है। हालांकि, बैकडोर डिप्लोमैसी के तहत दोनों देश काफी करीब आ चुके हैं।
इटली और यूरोप को वॉर्निंग
‘टाइम्स ऑफ इजराइल’ में पब्लिश एक ब्लॉग के मुताबिक, पाकिस्तान के कट्टरपंथी अलग-अलग यूरोपीय देशों में गैरकानूनी तरीकों से घुस रहे हैं। इनमें से कुछ इजराइल पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। हाल ही में इटली की पोर्ट सिटी जेनेआ में स्पेशल सेल ने कुछ जगहों पर रेड की। इस दौरान 12 पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया गया। यह यूरोप और इजराइल के लिए खतरे की घंटी है।
ब्लॉग के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए लोगों के जेहादी गुटों से करीबी रिश्ते हैं। यह लोग यूरोप में भी हमलों की साजिश रच रहे थे। गिरफ्तारी की बात सामने आते ही यूरोपीय यूनियन के तमाम देश अलर्ट मोड पर आ गए हैं।
शार्ली हेब्दो हमले से भी कनेक्शन
रिपोर्ट के मुताबिक, पेरिस में 2020 में शार्ली हेब्दो मैगजीन के दफ्तर पर हमला हुआ था। तब भी जांच के दौरान आरोपियों के पाकिस्तान कनेक्शन की जानकारी सामने आई थी। यह माना जाता है कि यूरोप में कट्टरपंथियों की तादाद बढ़ाने में पाकिस्तानियों का सबसे बड़ा हाथ है। जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार लोग गब्बर ग्रुप से जुड़े हुए हैं।
लोकल मीडिया की रिपोर्ट्स में कहा गया है कि यूरोप की जांच एजेंसियां दो साल से आतंकी और कट्टरपंथी संगठनों के खिलाफ मुहिम चला रही हैं। पाकिस्तानी नागरिक इटली के कई प्रॉविंस में एक्टिव हैं। ये कई बार सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल करते हैं।
कई देशों में पाकिस्तानियों पर नजर
ब्रिटेन, स्पेन, इटली, फ्रांस और जर्मनी समेत कई यूरोपीय देश अपने यहां रहने वाले पाकिस्तानी नागरिकों पर नजर रख रहे हैं। पेरिस में 2020 में दो नागरिकों पर चाकू से हमला हुआ था। जांच के दौरान जहीर हसन महमूद को गिरफ्तार किया गया। जहीर पाकिस्तानी नागरिक था और अब भी जेल में है।
यूरोपीय देशों को लगता है कि इमरान खान के दौर में तहरीक-ए-लब्बैक जैसे कट्टरपंथी संगठनों को सरकार के समर्थन से खतरा कई गुना बढ़ गया है। इस संगठन ने फ्रांस के एंबेसेडर को देश से निकालने की मांग की थी। फ्रांस ने चार पाकिस्तानियों को गिरफ्तार किया था। ये सभी मुल्ला इलियास कादरी के संगठन दावत-ए-इस्लामी के मेंबर थे।
Copyright © 2023-24 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.