पेरू में हिंसा के दौरान 17 की मौत:पूर्व राष्ट्रपति की रिहाई की मांग कर रहे समर्थक सेना से भिड़े, इमरजेंसी लगाए जाने के संकेत

लीमा5 महीने पहले
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हिंसक झड़प में 73 लोग घायल बताए गए हैं। - Dainik Bhaskar
हिंसक झड़प में 73 लोग घायल बताए गए हैं।

दक्षिण अमेरिकी देश पेरू में पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कास्तिला के समर्थकों और सिक्योरिटी फोर्सेज के बीच मंगलवार को हिंसक झड़प हुई। अब तक 17 लोगों के मारे जाने की खबर है। 73 लोग घायल बताए गए हैं। इनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं।

3.37 करोड़ की आबादी वाले पेरू में सियासी टकराव का दौर नया नहीं है। करीब तीन साल से यहां संसद (कांग्रेस) और प्रेसिडेंट के बीच तनातनी चल रही है। इसकी वजह से कई बार हिंसा हो चुकी है। हालांकि, पहली बार इतने लोग मारे गए हैं। माना जा रहा है कि नई राष्ट्रपति डीना बोलुर्ते जल्द इमरजेंसी का ऐलान कर सकती हैं।

फोटोज में देखें पेरू में जारी हिंसा...

जुलिएका एयरपोर्ट में सिक्योरिटी फोर्सेज और प्रदर्शनकारियों की हिंसक झड़प हुई।
जुलिएका एयरपोर्ट में सिक्योरिटी फोर्सेज और प्रदर्शनकारियों की हिंसक झड़प हुई।
प्रदर्शनकारी वामपंथी विचारधारा वाले राष्ट्रपति पेड्रो कास्तिला को हटाने से नाराज हैं।
प्रदर्शनकारी वामपंथी विचारधारा वाले राष्ट्रपति पेड्रो कास्तिला को हटाने से नाराज हैं।
सुरक्षाबल हिंसक विरोध का जवाब हिंसा से दे रहे हैं।
सुरक्षाबल हिंसक विरोध का जवाब हिंसा से दे रहे हैं।
प्रदर्शनकारी विरोध में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
प्रदर्शनकारी विरोध में पब्लिक प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट में कई लोग घायल हुए।
सरकार के खिलाफ प्रोटेस्ट में कई लोग घायल हुए।
जुलिएका एयरपोर्ट में घायल हुए एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया।
जुलिएका एयरपोर्ट में घायल हुए एक व्यक्ति को अस्पताल ले जाया गया।

हिंसक झड़प की वजह क्या

  • पेरू में करीब तीन साल से सियासी तनातनी चल रही है। बहरहाल, ताजा मामला दिसंबर में शुरू हुआ। पूर्व राष्ट्रपति पेड्रो कास्तिला पर करप्शन और जबरदस्ती फैसले थोपने के आरोप लगे। कांग्रेस में उनका विरोध शुरू हुआ और इस्तीफे की मांग होने लगी।
  • पेड्रो किसी कीमत पर इस्तीफे के लिए तैयार नहीं थे। विपक्ष ने उन्हें पद से हटाने के लिए महाभियोग लाने की तैयारी शुरू की। पेड्रो पहले भी इस तरह की कोशिशों को नाकाम कर चुके थे और उन्हें यकीन था कि इस बार भी अपोजिशन उन्हें कुर्सी से नहीं हटा पाएगी।
  • संसद में 130 सदस्य थे और पेड्रो को कुर्सी बचाने के लिए आधे यानी 65 वोट्स की जरूरत थी। कांग्रेस में भले ही बड़े दल एकजुट थे, लेकिन कुछ छोटी पार्टियां पेड्रो के साथ थीं।
  • बहरहाल, इस बार पेड्रो की सियासी चाल कामयाब नहीं हुई और संसद में उनके खिलाफ 101 वोट पड़े। पेड्रो को कुर्सी छोड़नी पड़ी। इसके बाद से उनके समर्थक नाराज हैं।
दक्षिणी पेरू के एंडीज शहर पुनो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी मुख्य प्लाजा पर इकट्ठा हुए।
दक्षिणी पेरू के एंडीज शहर पुनो में सैकड़ों प्रदर्शनकारी मुख्य प्लाजा पर इकट्ठा हुए।

अब क्या हुआ

  • कुर्सी छोड़ने के बाद डीना बुलेर्तो को नया राष्ट्रपति बनाया गया। हिंसा की धमकी देने वाले पेड्रो को गिरफ्तार कर लिया गया और यहीं से हिंसा शुरू हो गई। पेड्रो चाहते थे कि वो छोटे दलों के समर्थन से कांग्रेस यानी संसद को ही भंग कर दें, ताकि डीना राष्ट्रपति न बन सकें और देश में नए चुनाव हों। उनकी यह चाल भी नाकाम रही।
  • जब सरकार को लगा कि पेड्रो देश में डर का माहौल पैदा कर रहे हैं तो पिछले महीने उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया। अमेरिका समेत कई देशों ने पेरू सरकार से कहा कि वो पेड्रो से बातचीत करके कोई रास्ता निकाले और उन्हें फौरन रिहा करे।
  • डीना सरकार और प्रधानमंत्री अल्बर्तो ओटरेला ने पेड्रो को रिहा करने से इनकार कर दिया। इससे उनके समर्थक नाराज हो गए और हिंसा पर उतर आए।
  • सोमवार और इसके बाद मंगलवार को भी जुलिएका शहर में हिंसा हुई। पेड्रो के समर्थकों ने सड़कों पर प्रदर्शन किए।
7 जनवरी को एक हवाई अड्डे पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने वहां के मलबे को हटाया।
7 जनवरी को एक हवाई अड्डे पर प्रदर्शनकारियों ने हिंसा की। इसके बाद सुरक्षाकर्मियों ने वहां के मलबे को हटाया।

पेट्रोल बमों का इस्तेमाल

  • कुछ खबरों में कहा गया है कि दो दिन से जारी हिंसा में पुलिस और सिक्योरिटी फोर्सेज पर धारदार हथियारों और पेट्रोल बमों से हमला किया गया। इसके बाद सुरक्षा बलों ने सख्त जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान फायरिंग भी हुई और इसमें ही 17 लोग मारे गए।
  • सरकार अब जल्द इमरजेंसी लगाने का फैसला ले सकती है। अगर ऐसा होता है तो सिक्योरिटी फोर्सेज के पास ज्यादातर ताकत आ जाएगी और वो विरोध प्रदर्शनों को दबा सकेंगे।
  • पेरू के कई हिस्से ऐसे हैं जहां कई हफ्तों से पेड्रो समर्थकों ने ब्लॉकेड लगा रखे हैं। इससे कारोबार पर भी असर पड़ा है। पेड्रो के समर्थकों ने कहा है कि अगर इस हफ्ते सरकार ने नए इलेक्शन का ऐलान नहीं किया तो उनका प्रदर्शन और खतरनाक हो सकता है।
  • इस बीच, सरकार ने एयरपोर्ट और दूसरी सरकारी इमारतों की सिक्योरिटी बहुत सख्त कर दी है। पुलिस से कहा गया है कि वो हिंसा करने वालों को देखते ही गोली मार दें।
  • दूसरी तरफ, पेड्रो ने जेल से जारी बयान में कहा- मुझे साजिश के तहत पद से हटाया गया है। कानूनी तौर पर मैं अब भी देश का राष्ट्रपति हूं। मैं किसी भी तरह से सरकार के जुल्म के आगे सरेंडर नहीं करूंगा।