एविएशन हिस्ट्री में कई बार कुछ ऐसी घटनाएं हो जाती हैं, जिन पर हंसी भी आती है और फिक्र भी होती है। सूडान की राजधानी खारतूम से इथोपिया की कैपिटल सिटी आदिस अबाबा जा रही फ्लाइट नंबर ET343 में भी कुछ ऐसा ही वाकया पेश आया।
यह फ्लाइट तय वक्त पर थी और उसे आदिस अबाबा में लैंड करना था। इसी दौरान एक नहीं बल्कि दोनों ही पायलट सो गए और प्लेन ऑटो पायलट मोड में एयरपोर्ट से आगे निकल गया। बाद में इसे वापस लाकर लैंड कराया गया। बताया जा रहा है कि फ्लाइट में 183 पैसेंजर थे।
ATC ने जारी किया अलर्ट
एविएशन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक- फ्लाइट खारतूम से आदिस अबाबा के बीच थी। एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी ATC ने सिग्नल भेजा कि एयरपोर्ट करीब है, फिर क्यों आप (पायलट) एयरक्राफ्ट को नीचे नहीं ला रहे। वहां से कोई रिस्पॉन्स ही नहीं मिला।
खास बात यह है कि इस वक्त भी फ्लाइट 37 हजार फीट की ऊंचाई पर थी। जब काफी वक्त तक ATC को एयरक्राफ्ट के पायलट्स की तरफ से कोई रिस्पॉन्स नहीं मिला तो इमरजेंसी महसूस हुई।
गहरी नींद में पायलट
एयरक्राफ्ट में मेन पायलट और को-पायलट थे। ATC ने कई बार अलर्ट भेजा और हर बार इसका कोई जवाब नहीं मिला। स्टाफ तब ज्यादा परेशान हो गया जब उन्होंने देखा कि फ्लाइट रनवे के ऊपर से निकलकर सीधी जा रही है। ऑटोपायलट मोड को डिस्कनेक्ट किया गया और अलार्म बजाया गया। इसके बाद पायलट्स की नींद खुली।
इसके बाद प्लेन को वापस लाया गया और यह 25 मिनट तक हवा में ही रहा। सुकून की बात यह है कि इस दौरान न तो किसी को नुकसान हुआ और न ही कोई अनहोनी हुई। प्लेन ने सेफ लैंडिंग की। ढाई घंटे तक इसे रोके रखा गया और तमाम जांच के बाद ही इसे अगली उड़ान की मंजूरी मिली।
अब जांच होगी
एविएशन डाटा सर्विलांस सिस्टम यानी ADS-B ने इस घटना को बेहद गंभीर माना है। इसी एजेंसी ने फ्लाइट का रूट भी जारी किया है। एविएशन एक्सपर्ट एलेक्स माचेर्स ने कहा- यह बेहद गंभीर घटना है। इसकी जांच शुरू हो चुकी है। नतीजे का इंतजार है।
वैसे यह पहली घटना नहीं है, जिसमें पायलटों ने इस तरह की गंभीर लापरवाही की हो। इसी साल मई में न्यूयॉर्क से रोम जा रही फ्लाइट 38 हजार फीट की ऊंचाई पर थी और पायलट्स ने प्लेन को ऑटोपायलट मोड पर छोड़कर सोने का फैसला किया। बाद में दोनों पायलट्स को बर्खास्त कर दिया गया।
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