यरुशलम के नेवे याकोव में एक पूजा स्थल के पास 27 जनवरी को अंधाधुंध फायरिंग हुई थी। इसमें 7 लोगों की मौत हो गई और 10 लोग घायल हुए थे। इस हमले के बाद इजरायल के लोगों की सुरक्षा को लेकर नेतन्याहू सरकार ने बड़ा फैसला लिया है।
इसके तहत अब इजरायल में हथियार रखने से जुड़े कानूनों में ढ़ील दी जाएगी। ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग अपने पास हथियार रख सकें। सरकार ने शनिवार देर रात इसकी घोषणा की है।
नेतन्याहू ने लोगों से वादा किया
नेतन्याहू ने इजरायल के लोगों से वादा किया है कि वो गन रखने के लिए ली जाने वाली मंजूरी को और आसान करेंगे। साथ ही जिन लोगों के पास गैर कानूनी हथियार हैं उन्हें जल्द से जल्द उनसे छीन लिया जाएगा। नेतन्याहू ने चेतावनी दी कि जो भी इजरायल के लोगों को नुकसान पहुंचाएगा उसे बख्शा नहीं जाएगा।
हालांकि अलजजीरा की रिपोर्ट में दावा किया गया है गन रखने के कानूनों में ढ़ील देने के बाद हिंसा और भी बढ़ सकती है। एक सीनियर पॉलिटिकल एनालिस्ट मारवान बिशरा ने कहा कि एक तरफ जहां नेतन्याहू ने हमले के बाद लोगों को कानून व्यवस्था हाथ में न लेने की अपील की है वहीं हथियार रखने के कानूनों में भी ढील दे दी है। इससे हालात और ही खराब होंगे। गन रखने के कानूनों में ढील देने के फैसले के पीछे वहां के राष्ट्रीय सुरक्षा मंत्री बेन-ग्विर को बताया जा रहा है।
पहले भी फिलिस्तीनी हमले के बाद गन रखने के कानून बदले थे
साल 2015 और 2016 में फिलिस्तीनी लड़ाकों ने इजारयलियों पर हमला करने के नए तरीके खोजे। वो राह चलते लोगों पर चाकुओं से हमला करते देते तो कभी उन्हें गाड़ियों से टक्कर मार देते थे। इस तरह किए जाने वाले हमलों को फिलिस्तीनी वुल्फ अटैक कहा गया था।
इसके बाद कई लोगों ने इजरायल की सरकार पर दबाव बनाया था कि वो गन रखने के कानूनों में सुधार करें, ताकि ज्यादा इजरायली यहूदी हथियार रख खुद को फिलिसतीनियों के हमले से बचा सकें। जिसके बाद 2018 में इजरायल की सरकार ने फैसला किया था कि वो 5 लाख लोगों को गन रखने की इजाजत देगी।
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