पाकिस्तान के पेशावर में सोमवार को हुए आतंकी हमले के बाद सेना की भूमिका पर सवाल खड़े हो रहे थे। इस बीच, खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की पुलिस ने खुफिया एजेंसी ISI के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। खैबर पुलिस के जवानों ने बुधवार को ISI के खिलाफ नारेबाजी की और गुनहगारों पर कार्रवाई की मांग की है।
खैबर पख्तूनख्वा में ऐसा पहली बार हुआ है, जब वर्दी पहने और हथियार लिए दो दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी पेशावर प्रेस क्लब के बाहर जमा हुए और प्रदर्शन किया। ऐसा प्रदर्शन खैबर के कई जिलों में हुआ।
धमाके में हो सकती है ISI की भूमिका
दरअसल, पेशावर पुलिस हेडक्वार्टर में स्थित मस्जिद पर हुए धमाके में 100 से अधिक पुलिस वालों की जान चली गई थी। हमले के पीछे ISI का हाथ बताया जा रहा है। इसी के बाद गुस्साए पुलिसकर्मियों ने प्रदर्शन किया। इस बीच, पाकिस्तान सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हिंसा के लिए इमरान शासन पर दोष मढ़ा और प्रधानमंत्री रहते तालिबानी आतंकियों की मदद करने और उनसे बातचीत का आरोप लगाया है। वहीं इमरान खान ने आरोप लगाया कि सरकार आतंकवाद के नाम पर आम चुनाव टालना चाहती है।
'धमाके के लिए आतंकियों के दोस्त फैज जिम्मेदार'
मानवाधिकार संगठनों के बाद सत्ताधारी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने हमले के लिए पूर्व ISI प्रमुख जनरल फैज हामिद को जिम्मेदार ठहराया।
उन्होने कहा- जनरल हामिद को इमरान आंख, हाथ और कान कहते थे। तब उन्होंने आतंकियों (अफगानिस्तान से) के लिए दरवाजे क्यों खोले? कट्टर आतंकियों को रिहा क्यों किया?
300 सीनियर-1 लाख जूनियर पुलिस अधिकारी देंगे इस्तीफा
खैबर पख्तूनख्वा पुलिस का मेमो सार्वजनिक हुआ है। इसमें कहा गया है कि यदि मस्जिद पर हमले की सही तरीके से जांच नहीं की गई और दोषियों को सजा नहीं दी गई तो 300 से अधिक सीनियर पुलिस अधिकारी इस्तीफा दे देंगे। इनके साथ जूनियर रैंक के 1 लाख जवानों ने भी इस्तीफा देने की धमकी दी है।
पुलिस वर्दी में आया था आत्मघाती हमलावर
खैबर पख्तूनख्वा पुलिस को आत्मघाती हमले को लेकर बड़ी जानकारी हाथ लगी है। पुलिस प्रमुख ने बताया कि हमलावर पुलिस की वर्दी में घुसा था। हमले में 10 से 12 किलो TNT इस्तेमाल किए जाने की आशंका है।
पूर्व गृह मंत्री रशीद गिरफ्तार, फवाद को मिली बेल
पूर्व गृह मंत्री और इमरान के करीबी शेख रशीद को गिरफ्तार किया गया है। इसे पूर्व राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी पर इमरान की हत्या की साजिश के आरोप से जोड़ा जा रहा है। इससे पहले पूर्व मंत्री फवाद चौधरी काे गिरफ्तार किया गया था। उन्हें जमानत मिल चुकी है।
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