ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन चाहते हैं कि दुनिया के हर व्यक्ति को अगले 18 महीने में कोरोना टीका लगाया जाए। जॉनसन ने कहा है कि अगले हफ्ते शुक्रवार (11 जून) को जी-7 देशों की बैठक में वैक्सीन के मुद्दे पर एकराय बनाने की कोशिश की जाएगी।
उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि 2022 के अंत तक दुनिया में सभी को टीका लगाने के हमारे उद्देश्य के साथ सभी मिलकर काम करें और महामारी के खत्म करने की शपथ लें। जॉनसन ने यह घोषणा ऐसे समय की है जब उन पर संयुक्त राष्ट्र के टीकाकरण अभियान ‘कोवैक्स’ में सहयोग न करने के आरोप लगे हैं।
लॉकडाउन खुलने के बाद ब्रिटेन में केस बढ़े
पिछले हफ्ते सांसदों ने पत्र लिखकर जॉनसन को कहा था कि जर्मनी ओर फ्रांस जैसे देशों ने साल के अंत तक कोवैक्स में 10 करोड़ डोज देने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन ब्रिटेन ने सिर्फ भविष्य में अतिरिक्त डोज देने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया था।
दूसरी तरफ, ब्रिटेन के अनलॉक होते ही कोरोना के रिकॉर्ड केस मिलने लगे हैं। विशेषज्ञों को तीसरी लहर की चिंता सताने लगी है। ब्रिटेन में शुक्रवार को ढाई महीने बाद 6200 से ज्यादा केस मिले थे। जिनकी संख्या हर दिन बढ़ रही है। ब्रिटेन में साप्ताहिक मामलों की संख्या 40 से बढ़कर 46 फीसदी हो गई है।
विशेषज्ञों की राय- वैक्सीन के दोनों डोज का अंतर कम करें
ब्रिटेन की आबादी करीब 6.73 करोड़ है। इसमें से 40.8 फीसदी आबादी को वैक्सीन के दोनों डोज लग चुके हैं। यहां दोनों डोज लगाने के लिए 8 से 12 सप्ताह का अंतर रखा गया है। इसे लेकर प्रोफेसर पॉल हंटर का कहना है कि तीसरी लहर से बचने के लिए इस अंतर को कम करना होगा। जिन इलाकों में डेल्टा वैरिएंट फैल रहा है, वहां तेजी से वैक्सीनेशन करना होगा।
ऑफिस न जाकर घर से ही काम करें
लीड्स यूनिवर्सिटी के वायरोलॉजिस्ट स्टीफन ग्रिफिन ने कहा कि ब्रिटेन भले ही अनलॉक हो चुका है, लेकिन लोगों को अभी दफ्तर नहीं जाना चाहिए। लोग घर से ही ऑफिस का काम करें, इससे संक्रमण को हराया जा सकता है। हालांकि, उन्होंने यह स्वीकार किया कि अस्पताल, ट्रांसपोर्ट और सुपरमार्केट के कर्मचारी जैसे कुछ व्यवसाय के लोग ऐसा नहीं कर सकते हैं।
मास्क पहनना, सोशल डिस्टेंसिंग जारी रखें
विशेषज्ञों ने कहा कि अभी 18 साल के कम उम्र के लोगों को अभी टीके नहीं लगाए जा रहे हैं। आने वाले समय में वे सुपर स्प्रेडर साबित हो सकते हैं। इसलिए मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखें। साथ ही समय-समय पर सैनिटाइज करते रहें। इसके अलावा भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। विशेषज्ञों अनलॉक के नियमों में बदलाव किए जाने चाहिए।
स्कूल और कॉलेजों को बंद रखा जाए
यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ के प्रोफेसर डॉ. किट येट्स के मुताबिक, अभी स्कूलों को बंद करके संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। उन्होंने पीएचई के डेटा का हवाला देते हुए कहा कि 26 अप्रैल से 30 मई के बीच स्कूल और कॉलेजों में तेजी से फैला। इसलिए स्कूल-कॉलेजों को अभी नहीं खोला जाना चाहिए। जिससे स्टूडेंट्स भी सुरक्षित रहें और कोरोना के संक्रमण पर काबू पाया जा सके।
डेल्टा स्ट्रेन 40% ज्यादा संक्रामक
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने रविवार को कहा कि पहली बार भारत में सामने आया कोरोना का डेल्टा या बी1.617.2 स्वरूप अल्फा या वीओसी से 40% ज्यादा संक्रामक है। हैनकॉक ने कहा कि देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में हाल की बढ़ोतरी की वजह डेल्टा स्वरूप का प्रसार है। इसने 21 जून से निर्धारित अनलॉक योजना को और मुश्किल बना दिया है।
अधिकतर मरीजों को नहीं लगे थे टीके
ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी कहा कि डेल्टा स्वरूप के संक्रमण की वजह से अस्पताल में भर्ती अधिकतर लोगों को टीके नहीं लगे थे या बेहद कम लोगों को ही काेराेना टीकों की दोनों खुराक लगी थी। ब्रिटेन 21 जून से अनलाॅक की तैयारी कर रहा है। इस बारे में पूछे जाने पर हैनकॉक ने कहा कि सरकार ने जरूरत पड़ने और निर्धारित जरूरी मानकों के पूरा न होने पर अनलाॅक नहीं करने का विकल्प खुला रखा है।
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