टालमटोल की आदत से लोगों के रिश्ते बिगड़ रहे हैं। नींद प्रभावित हो रही है। ऐसे लोग अकेला महसूस करते हैं। अवसाद का शिकार हो रहे हैं। स्टाकहोम सहित अन्य 8 यूनिवर्सिटी के छात्रों पर हुए एक शोध में हाल ही यह बातें सामने आई है।
शोध के मुताबिक, यूनिवर्सिटी छात्रों के पास स्वतंत्रता बहुत है, लेकिन टालमटोल करने की आदत के चलते 50% छात्रों की शिक्षा प्रभावित होती है। यह आदत अक्सर एक अच्छे इंसान के व्यक्तित्व और उसके जिन्दगी की कामयाबियों को खत्म कर देती है।
एक अन्य शोध में सामने आया कि टालमटोल की आदत से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। जो लोग टालमटोल करते हैं उनमें उच्च स्तर का तनाव होने का जोखिम ज्यादा होता है। इससे आत्मविश्वास में भी कमी होती है।
3,525 छात्रों पर हुआ अध्ययन
जामा नेटवर्क ओपन में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए 3,525 छात्रों में से 2,587 से नौ माह तक सवालों का उत्तर पूछा गया। इसके जवाब देते समय कई स्वास्थ्य संबंधी जांचे भी की गई। इस दौरान सामने आया कि टालमटोल करने वाले छात्रों के कंधे बाहों में दर्द, खराब नींद की गुणवत्ता, अधिक अकेलापन, और अधिक वित्तीय कठिनाइयों की अधिक संभावना रही।
हालांकि अच्छी बात को सुधारा भी जा सकता है। दिनचर्या में छोटे बदलावों का भी बड़ा असर होता है। जैसे कुछ समय मोबाइल बंद कर अपने आप को समय देना। स्वयं के लिए समय निकालना। इसके पीछे की वजह तलाश करना कि आप टालमटोल क्यों कर रहे हैं।
डॉक्टर से परामर्श लेने में करते हैं अक्सर टालमटोल
थोड़ा स्वास्थ्य खराब होने पर हम डॉक्टर से परामर्श लेने में काफी टालमटोल करते है। गंभीर स्वास्थ्य समस्या होन का खतरा होता है। इसी तरह तनाव, अस्वास्थ्यकर जीवनशैली व स्वास्थ्य समस्याओं के बारे में भी परामर्श लेने में देरी करते रहते हैं।
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