ब्रिटेन की पूर्व महारानी एलिजाबेथ को 1983 में मारने की धमकी दी गई थी। तब वो अपने पति प्रिंस फिलिप के साथ कैलिफोर्निया के दौरे पर आई थीं। जांच एजेंसी FBI की फाइल्स में इस बात का खुलासा हुआ है। FBI के मुताबिक, एलिजाबेथ के दौरे से करीब एक महीने पहले 4 फरवरी को सैन फ्रांसिस्को के एक पुलिस ऑफिसर को ये धमकी मिली थी। बाद में ऑफिसर ने FBI को इसकी सूचना दी।
फाइल्स में धमकी देने वाले शख्स की गिरफ्तारी से जुड़ी कोई जानकारी नहीं है। उसने पुलिस ऑफिसर को कहा था कि वो अपनी बेटी की मौत का बदला लेना चाहता है। उसकी बेटी को रबर की गोली से नॉर्थ आयरलैंड में मार दिया गया। वो महारानी को नुकसान पहुंचाने की पूरी कोशिश करेगा। इसके लिए वो गोल्डन गेट ब्रिज से उनकी बोट पर कुछ फेंक देगा या जब वो योसेमिती नेशनल पार्क जाएंगी तब उनकी हत्या की कोशिश करेगा।
फाइल्स में आरोपी के पकड़े जाने की जानकारी नहीं
FBI ने 102 पेज की ये रिपोर्ट अपनी वेबसाइट वॉल्ट पर पोस्ट की है। इसके मुताबिक, धमकी की खबर मिलने के बाद सीक्रेट सर्विस ने निर्देश दिए थे कि जब क्वीन की बोट गोल्डन गेट ब्रिज के नीचे से निकले तब वहां के रास्ते को बंद कर दिया जाए। हालांकि, इसके बाद सुरक्षा के और क्या इंतजाम किए गए इसकी जानकारी रिपोर्ट में नहीं है। क्वीन का दौरा अपने तय शेड्यूल के हिसाब से ही पूरा हुआ था।
FBI ने बताया- ब्रिटिश राजशाही को IRA से खतरा था
दरअसल, 30 सालों तक आयरलैंड में संघर्ष का दौर था। 1960 के दशक में ये संघर्ष अपने चरम था। BBC के मुताबिक, उस वक्त आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) आजादी की मांग कर रही थी। FBI की रिपोर्ट में बताया गया है कि ब्रिटेन की राजशाही को IRA से खतरा था। वो 1989 में एलिजाबेथ के केनटकी दौरे के वक्त भी उन्हें मारने की साजिश रच रहे थे। IRA ने ही 1979 में स्लिगो काउंटी में बम विस्फोट कर एलिजाबेथ के कजन भाई लॉर्ड माउंटबैटन की हत्या की थी।
कई बार क्वीन के विरोध की हुई प्लानिंग
इससे पहले 1976 में क्वीन न्यूयॉर्क सिटी के दौरे पर आई थीं। FBI की फाइल्स के मुताबिक, तब भी क्वीन के विरोध में एक पायलट को बैटरी पार्क के ऊपर एक प्लेन उड़ाने के लिए समन भेजा गया था। इसमें आदेश दिया गया था कि प्लेन से एक साइन दिखाए जाए जिस पर लिखा होगा- ‘इंग्लैंड, गेट आउट ऑफ आयरलैंड’ यानी ‘आयरलैंड से बाहर निकलो इंग्लैंड।’
इसके अलावा 1991 में भी क्वीन एलिजाबेथ तब के अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज बुश के साथ बाल्टिमोर का एक बेसबॉल गेम देखने के लिए जा रही थीं। उस वक्त भी FBI को सूचना मिली थी कि आयरिश ग्रुप के लोगों ने मैच में कई टिकट बुक कर रखे हैं। वो स्टेडियम में क्वीन के सामने प्रदर्शन की तैयारी कर रहे थे। क्वीन के कई दौरों के वक्त बोस्टन, न्यूयॉर्क सिटी सहित कई शहरों में अलर्ट जारी किया गया था।
क्या है आयरलैंड के संघर्ष की कहानी और बेल्फास्ट समझौता?
साल 1921 में आयरलैंड का बंटवारा किया गया था। यह बंटवारा इस तरह किया गया कि ब्रिटेन के साथ रहने वाले आयरलैंड यानी नॉर्दन आयरलैंड में इसाइयों के प्रोटेस्टेंट समुदाय के लोगों का बहुमत रहे। वहीं अलग देश बने आयरलैंड गणराज्य में कैथोलिक समुदाय का बहुमत रहा। उत्तरी आयरलैंड में रहने वाले अल्पसंख्यक कैथोलिक समुदाय के लोग आयरलैंड गणराज्य में मिलना चाहते थे, जबकि बहुसंख्यक प्रोटेस्टेंट समुदाय के लोग उत्तरी आयरलैंड को ब्रिटेन में ही बनाए रखना चाहते थे।
1969 में उत्तरी आयरलैंड में नागरिक अधिकारों के लिए अभियान शुरू हुआ। यह आरोप लगाए गए कि वहाँ अल्पसंख्यक कैथोलिक समुदाय दोयम दर्जे की ज़िंदगी जीने पर मजबूर है। इसके बाद राजनीतिक हिंसा की शुरुआत हुई और आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (IRA) का गठन हुआ। IRA ने ब्रिटेन की मौजूदगी के खिलाफ हिंसक अभियान शुरू कर दिया। इसके बाद ब्रिटेन सरकार ने नॉर्थ आयरलैंड सरकार के सारे काम और अधिकार अपने हाथ में ले लिए।
ब्रिटेन सरकार का यह नियंत्रण 1998 तक चला जब उत्तरी आयरलैंड के भविष्य के लिए एक समझौता किया गया। इस समझौते को गुड फ्राइडे या बेलफास्ट समझौते का नाम दिया गया। इस समझौते में नार्दन आयरलैंड की वर्किंग के साथ ही आयरलैंड रिपब्लिक और ब्रिटेन के साथ उसके रिश्तों को लेकर फैसले किए गए।
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