क्वीन एलिजाबेथ-II का अंतिम संस्कार सोमवार देर रात संपन्न हुआ। शाही परिवार की आधिकारिक वेबसाइट ने एक बयान जारी कर बताया कि रानी को किंग जॉर्ज मेमोरियल VI चैपल में पति प्रिंस फिलिप के बगल में दफनाया गया। किंग जॉर्ज मेमोरियल विंडसर कैसल में का ही एक हिस्सा है।
क्वीन के पिता किंग जॉर्ज VI के अलावा मां और बहन भी यहीं दफन की गईं थीं। आखिरी रस्म की कोई बात सार्वजनिक नहीं की गई। बकिंघम पैलेस ने इसे ‘डीपली पर्सनल फैमिली अकेजन’ यानी नितांत निजी कार्यक्रम बताया। इसके वीडियो या फोटो भी जारी नहीं किए गए।
वेस्टमिंस्टर ऐबे से विंडसर कैसल का सफर करीब 40 किलोमीटर का है। इस दौरान कभी पैदल तो कभी गाड़ियों में रॉयल फैमिली साथ रही।
ताबूत से शाही प्रतीक हटाए
क्वीन का ताबूत रॉयल वॉल्ट में सुरक्षित उतार दिया गया। इसके बाद उस पर मौजूद क्वीन के शाही प्रतीक जैसे क्राउन और छड़ी उस पर से हटा लिए गए। इन्हें टावर ऑफ लंदन में रखा जाएगा। बाद में किंग चार्ल्स इनका इस्तेमाल करेंगे। तब तक डीन ऑफ विंडसर इन प्रतीकों की देखभाल करेंगे।
प्रिंस विलियम और हैरी ने आंखें भी नहीं मिलाईं
क्वीन के अंतिम संस्कार के दौरान पूरे वक्त प्रिंस विलियम और प्रिंस हैरी एक साथ रहे। ‘द गार्डियन’ की रिपोर्ट के मुताबिक, कई घंटे साथ रहने के बावजूद दोनों भाईयों ने एक-दूसरे से बात करना तो दूर आंखें तक नहीं मिलाईं। प्रिंस विलियम की पत्नी केट मिडलटन और प्रिंस हैरी की पत्नी मेगन मर्केल ने भी एक-दूसरे से बातचीत नहीं की।
इसके पहले, स्टेट फ्यूनरल फंक्शन में हेड ऑफ द स्टेट्स ने क्वीन को श्रद्धांजलि दी। इनमें भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन भी शामिल थे। शाही परिवार के सदस्य का दर्जा छोड़ चुके किंग चार्ल्स के बेटे प्रिंस हैरी ने क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट नहीं किया। इसकी काफी चर्चा हो रही है।
वेस्टमिंस्टर ऐबे में हुआ स्टेट फ्यूनरल
इसके पहले, रॉयल गार्ड्स की परेड के साथ क्वीन का कॉफिन यानी ताबूत वेस्टमिंस्टर हॉल से वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया। शाही परिवार के लोग गन कैरीज (तोपगाड़ी) के पीछे चल रहे थे।
अंतिम संस्कार की तमाम रस्में डीन ऑफ वेस्टमिंस्टर डेविड होयले ने पूरी कराईं। उनके साथ केंटरबरी के आर्कबिशप जस्टिन वेल्बी मौजूद रहे। शाही रीति-रिवाजों के मुताबिक क्वीन के निधन पर शोक जताया गया, प्रेयर्स हुईं। प्राइम मिनिस्टर लिज ट्रस ने छोटा भाषण दिया।
शाही परिवार की तरफ से एक प्रस्ताव पढ़ा गया। फिर दो मिनट का मौन रखा गया। इसके साथ ही स्टेट फ्यूनरल की रस्में पूरी हो गईं। इस दौरान भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, अमेरिकन प्रेसिडेंट बाइडेन समेत दुनियाभर से आए राष्ट्राध्यक्ष मौजूद रहे। स्टेट फ्यूनरल के बाद बाइडेन समेत कुछ राष्ट्राध्यक्ष अपने-अपने देशों के लिए रवाना हो गए।
प्राइवेट फ्यूनरल की रस्में
वेलिंग्टन आर्च से ताबूत विंडसर कैसल लाया गया। यहां के सेंट जॉर्ज मेमोरियल चैपल में डीन ऑफ विंडसर ने रॉयल फैमिली और क्वीन के पर्सनल स्टाफ के साथ प्रेयर की। ताबूत रॉयल वॉल्ट में रखा गया। केंटरबरी के आर्कबिशप ने आशीष वचन (Blessings) बोले। रॉयल बैंड ने शोक धुन बजाई। रॉयल जूलर (शाही सुनार) ने क्वीन के ताबूत से क्राउन और बाकी चीजें निकालीं।
क्वीन का निधन स्कॉटलैंड में 8 सितंबर को 96 साल की उम्र में हुआ था। क्वीन के अंतिम सफर का पूरा रूट नीचे दिए ग्राफिक में देख सकते हैं...
क्वीन के ताबूत के पीछे चले किंग चार्ल्स-III
क्वीन के पार्थिव शरीर को ऐबे लाते समय ब्रिटेन के नए राजा यानी किंग चार्ल्स-III उनके ताबूत के पीछे चल रहे थे। इस दौरान प्रिंस ऑफ वेल्स और किंग चार्ल्स के बेटे विलियम भी साथ थे।
प्रिंस हैरी ने कॉफिन को सैल्यूट नहीं किया
‘न्यूयॉर्क पोस्ट’ ने प्रिंस हैरी का एक फोटो पोस्ट किया। इसमें रॉयल गार्ड्स क्वीन एलिजाबेथ के कॉफिन को सैल्यूट करते नजर आए। हैरी के दोनों हाथ सीधे पैरों की तरफ हैं। फिलहाल, यह साफ नहीं है कि हैरी को रॉयल सैल्यूट से रोका गया या उन्होंने खुद ऐसा किया। दरअसल, दो साल पहले हैरी और पत्नी मेगन मार्केल रॉयल स्टेट्स छोड़ चुके हैं और अमेरिका में रहते हैं।
जब हैरी सावधान मुद्रा में खड़े थे, तब उनके बड़े भाई प्रिंस विलियम और परिवार के बाकी सदस्य सैल्यूट कर रहे थे। शाही परिवार के एक और सदस्य प्रिंस एंड्रू ने भी सैल्यूट नहीं किया। पिछले साल वो सेक्स स्कैंडल को लेकर विवादों में थे और क्वीन ने उन्हें बचाया था। खास बात यह है कि हैरी ‘प्री फ्यूनरल’ सेरेमनी में भी शामिल नहीं हुए थे। हालांकि वो क्वीन के निधन वाले दिन यानी 8 सितंबर से ही लंदन में हैं।
गन कैरिज पर ले जाया गया क्वीन का ताबूत
शाही परंपराओं के मुताबिक, क्वीन का अंतिम संस्कार उनके निधन के 10 दिन बाद किया गया। 12 सितंबर से वेस्टमिंस्टर हॉल में रखे महारानी के ताबूत को गन कैरिज में वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया। इसे 142 रॉयल नेवी सेलर्स ने खींचा। इसी कैरिज का इस्तेमाल एडवर्ड VII, जॉर्ज V, जॉर्ज VI और सर विंस्टन चर्चिल के अंतिम संस्कार के दौरान भी किया गया था।
क्वीन के तीन प्रतीक
महारानी एलिजाबेथ के पार्थिव शरीर को जिस ताबूत में रखा गया, उसे रॉयल स्टैंडर्ड यानी शाही कपड़े में लपेटा गया था। ताबूत को वेस्टमिंस्टर हॉल में रखे जाने के बाद इस पर इंपीरियल स्टेट क्राउन यानी राजमुकुट रखा गया। राजशाही का प्रतीक ऑर्ब यानी राजप्रतीक और स्कैप्टर यानी राजदंड भी रखे गए।
इन देशों के राष्ट्राध्यक्ष शामिल नहीं हुए
जिन देशों से ब्रिटेन के रिश्ते अच्छे नहीं हैं, उनके राष्ट्राध्यक्षों को क्वीन के अंतिम संस्कार में शामिल होने का इनविटेशन नहीं भेजा गया। हालांकि कुछ के एम्बेसेडर्स शामिल हुए। ईरान, निकारागुआ और नॉर्थ कोरिया के राष्ट्राध्यक्ष नहीं, बल्कि एम्बेसेडर्स शामिल हुए। रूस और बेलारूस के राष्ट्रपति इसलिए भी शामिल नहीं हो सकते थे, क्योंकि उन पर ब्रिटेन में ट्रैवल बैन है। म्यांमार, सीरिया, वेनेजुएला और अफगानिस्तान के राष्ट्राध्यक्षों को भी न्योता नहीं दिया गया।
18 सितंबर को लंदन पहुंची थीं प्रेसिडेंट मुर्मू
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू क्वीन के फ्यूनरल में शामिल होने के लिए 18 सितंबर को लंदन पहुंचीं। यहां वेस्टमिंस्टर हॉल में उन्होंने क्वीन को भारत के लोगों की तरफ से श्रद्धांजलि अर्पित की थी। उन्होंने लंदन के लैंकेस्टर हाउस में महारानी एलिजाबेथ II की याद में कंडोलेंस बुक पर साइन भी किए। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू ने बकिंघम पैलेस में ब्रिटेन के नए राजा किंग चार्ल्स III से मुलाकात की।
पहले ही हो गई थी ‘डी डे’ की प्लानिंग
महारानी के निधन के दिन यानी ‘डी डे’ की पूरी प्लानिंग पहले ही हो गई थी। साल 2021 में कुछ डॉक्यूमेंट्स लीक हुए थे, जिसमें अंतिम संस्कार की तैयारियों का सीक्रेट प्लान था। 'ऑपरेशन लंदन ब्रिज' के मुताबिक ही तैयारियां हो रही हैं। प्लानिंग के मुताबिक, रॉयल परिवार की वेबसाइट का पेज ब्लैक कर दिया गया। महारानी के निधन के बाद 10 मिनट के भीतर वॉइटहॉल के झंडे आधे झुकाने का जिक्र इस ऑपरेशन में किया गया था। ऑपरेशन स्प्रिंग टाइड में प्रिंस चार्ल्स की ताजपोशी का जिक्र था।
सोशल मीडिया पर मकड़ी की चर्चा
क्वीन के ताबूत को जब वेस्टमिंस्टर हॉल से वेस्टमिंस्टर ऐबे लाया गया तो एक तस्वीर वायरल हो गई। दरअसल, क्वीन के कॉफिन पर एक कार्ड रखा था। इस पर एक मकड़ी मंडरा रही थी। एक यूजर ने लिखा- यह दुनिया की सबसे मशहूर मकड़ी है।
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