वेलिंगटन. न्यूजीलैंड को दुनिया के सबसे साफसुथरे और शांत देशों में से एक माना जाता है। हाल ही में एक रिपोर्ट में न्यूजीलैंड में जैव विविधता के खत्म होने और जलमार्गों के प्रदूषित होने बात कही गई है। तेजी से बढ़ती डेयरी इंडस्ट्री को भी नुकसान पहुंचाने वाला बताया गया है। बिगड़ते पर्यावरण के चलते न्यूजीलैंड में 75 जानवर और पौधों की प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर पहुंच चुकी हैं।
1) अब नहीं रहा 'प्योर न्यूजीलैंड'
न्यूजीलैंड सरकार ने ज्यादा से ज्यादा पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए प्योर न्यूजीलैंड कैंपेन चलाया था। इसके तहत देश के पहाड़ (लैंडस्केप), नदियों और समुद्र तटों का प्रमोशन किया जाता था। लेकिन आज स्थिति इसके उलट हो चुकी है।
एक ग्रुप एन्वायरमेंट आओटीरोआ ने स्टेटिसटिक्स न्यूजीलैंड और पर्यावरण मंत्रालय के सहयोग से एक रिपोर्ट तैयार की है। इसमें न्यूजीलैंड को दुनिया के ऐसे देशों में से एक बताया गया जहां सबसे ज्यादा लोग रहने जाना चाहते हैं।
लोगों के बसने के बाद से 75 जानवर और पौधों की प्रजातियां विलुप्त हो चुकी हैं। 90% सीबर्ड्स और समुद्र के किनारे रहने वाले 80% पक्षियों पर लुप्त होने का खतरा है।
रिपोर्ट के मुताबिक- न्यूजीलैंड का दो तिहाई पारिस्थितकी तंत्र पर नष्ट होने का खतरा मंडरा रहा है। बीते 15 साल में 86 प्रजातियों के खत्म होने का खतरा बढ़ा है। जबकि 10 साल में महज 26 प्रजातियों के संरक्षण के लिए प्रयास किए गए।
एक कंजरवेशन ग्रुप फॉरेस्ट एंड बर्ड के केविन हेग के मुताबिक- न्यूजीलैंड में किसी अन्य देश की बजाय प्रजातियां और पारिस्थितकी तंत्र तेजी से खत्म हो रहा है। देश की 4 हजार मूल प्रजातियों पर संकट है। तेजी से बढ़ता डेयरी उद्योग प्राकृतिक चीजों को नुकसान पहुंचा रहा है।
वहीं, न्यूजीलैंड के पर्यावरण मंत्री डेविड पार्कर कहते हैं- रिपोर्ट में कुछ भी ऐसा नहीं है जिसे आश्चर्यजनक माना जाए। 2050 हम जलमार्गों को साफ कर देंगे और देश को कार्बन मुक्त बना देंगे।
बीते 20 साल में न्यूजीलैंड का डेयरी उद्योग तेजी से बढ़ा है। इससे देश के ताजे पानी के भंडार पर असर पड़ा है। प्रधानमंत्री जेसिंडा आर्डर्न ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान कहा था कि देश की नदियों और झीलों को आने वाली पीढ़ियों के लिए तैरने योग्य बनाया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक- न्यूजीलैंड के 59% कुओं में ई कोली बैक्टीरिया हैं जबकि 13% कुएं के पानी में नाइट्रेट है। 57% झीलों का पानी खराब गुणवत्ता का है।
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