यूक्रेन फतह करने के बाद रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन नाटो देशों लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया पर हमला करके उन पर भी कब्जा करना चाहते हैं। इतना ही नहीं पुतिन स्वीडन के कुछ हिस्सों को भी हथियाना चाहते हैं। एक रूसी अधिकारी ने टीवी शो के दौरान पुतिन की इस मंशा का खुलासा कर दिया है।
रूसी वायु सेना के पूर्व कर्नल इगोर कोरोटचेंको ने कहा कि नाटो ने पूर्वी यूरोप में हजारों सैनिक भेजे हैं, जो रूसी सीमा के पास अभ्यास कर रहे हैं। इसके चलते ये आशंका जताई जा रही है कि पुतिन इन बाल्टिक देशों पर हमला करके इन्हें कब्जा सकते हैं।
बाल्टिक देश नाम क्यों दिया गया
बाल्टिक देश उन क्षेत्रों को कहते हैं, जिन्हें तत्कालीन रूस से प्रथम विश्व युद्ध के समय आजादी मिली थी। साल 1939 में लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया सोवियत संघ का हिस्सा बने। इसके पहले ये तीनों देश आजाद थे। सोवियत संघ के पतन के बाद फिर से आजाद हुए तीनों बाल्टिक देश (लातविया, लिथुआनिया और एस्टोनिया) नाटो में शामिल हो गए थे।
अधिकारी ने बताया इनवेजन प्लान
एक वॉर प्लान दिखाते हुए कोरोटचेंको ने कहा- बाल्टिक देशों पर कब्जा कुछ इस तरह से किया जा सकता है। शो के दौरान रूसी अधिकारी ने एक मैप दिखाया, जिसमें नाटो सेना की तैनाती साफ दिख रही है। इसके बाद उन्होंने बताया कि किस तरह से रूस इन नाटो देशों पर हमला कर सकता है।
उन्होंने कहा- सबसे पहला कदम होगा नाटो रडार सिस्टम को डिएक्टिवेट करना, जिससे किसी को रूसी सैन्य तैनाती के बारे में भनक न लगे। इसके बाद स्वीडिश आइलैंड-गौटलैंड पर रूसी सैन्य विमान उतरेंगे, जो वहां एस-400 एंटी-एयरक्राफ्ट मिसाइल सिस्टम और बैस्टियन कोस्टल एंटी-शिप सिस्टम पहुंचाएंगे।
कोरोटचेंको ने बताया कि कैलिनिनग्राद शहर से आगे बढ़ते हुए रूसी सैनिक सुवाल्की कॉरिडोर को ब्लॉक करेंगे, जिससे पोलैंड किसी तरह की मदद न कर सके। इसके बाद रूसी सेना का टारगेट होगा 'बाल्टिक सी'। रूसी एयरफोर्स बाल्टिक में मौजूद कनाडा, ब्रिटेन, जर्मनी और अमेरिका की सेना को घेर लेगी, इसके बाद उन्हें हथियार डालने ही होंगे।
स्वीडन को धमकी दे चुके हैं पुतिन
NATO में शामिल होने को लेकर पुतिन स्वीडन को धमकी दे चुके हैं। रूस ने कहा कि स्वीडन को NATO में शामिल होने पर गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इसके अलावा सैन्य और राजनीतिक परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है।
मोल्दोवा पर भी हो सकता है हमला
पिछले दिनों पुतिन के खास सहयोगी और बेलारूस के राष्ट्रपति एलेक्जेंडर लुकाशेंको मैप पर रूस के आक्रमण के रास्तों और उन स्थानों के बारे में जानकारी दे रहे थे, जहां आने वाले दिनों में रूस बमबारी कर सकता है। इस मैप में मोल्दोवा भी साफ दिखाई दे रहा था।
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