पुतिन की स्पीच लिखने वाला मोस्ट वांटेड घोषित:यूक्रेन जंग के खिलाफ बोलने पर रूस ने लिया एक्शन, विदेशी एजेंट बताया गया

मॉस्को3 महीने पहले
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तस्वीर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की है। (फाइल फोटो) - Dainik Bhaskar
तस्वीर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की है। (फाइल फोटो)

यूक्रेन जंग पर सवाल उठाने वाले लोगों को रूस एक-एक कर रास्ते से हटा रहा है। अब रूस की पुलिस ने राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के स्पीच राइटर रहे अब्बास गैलिमोव को मोस्ट वांटेड घोषित किया है। उन पर यूक्रेन जंग को लेकर रूस की आलोचना करने के आरोप लगे हैं।

शुक्रवार को रूसी मीडिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इंटीरियर मिनिस्ट्री के डेटाबेस में उनका नाम मोस्ट वांटेड लोगों की लिस्ट में शामिल किया गया है। हालांकि, ये नहीं बताया गया है कि अब्बास ने कौनसा कानून तोड़ा है, जिसके चलते उन्हें इस लिस्ट में शामिल किया गया है।

तस्वीर रूस के राष्ट्रपति पुतिन के स्पीच राइटर रहे अब्बास गैलिमोव की है। जिन्हें रूस ने मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया है।
तस्वीर रूस के राष्ट्रपति पुतिन के स्पीच राइटर रहे अब्बास गैलिमोव की है। जिन्हें रूस ने मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल किया है।

अब्बास पर विदेशी एजेंट होने के आरोप लगाए
रूस ने जिस अब्बास गैलिमोव को मोस्ट वांटेड घोषित किया है उसने साल 2008 से लेकर 2012 तक व्लादिमिर पुतिन के भाषण लिखे थे। उस दौरान पुतिन रूस के प्रधानमंत्री थे। अब्बास काफी सालों से रूस से बाहर रह रहे हैं और पुतिन पर तानाशाह होने के आरोप लगाते रहे हैं।

पिछले महीने ही रूस के न्याय मंत्रालय ने अब्बास को विदेशी एजेंट घोषित किया था। मंत्रालय ने कहा था कि वो विदेशी एजेंटों के तैयार किए एजेंडा को फैलाते हैं। यूक्रेन जंग की आलोचना कर सेना का अपमान करते हैं।

इंटरव्यू में पुतिन के खिलाफ विद्रोह की आशंका जताई
अब्बास गैलिमोव ने हाल ही में एक इंटरव्यू में रूस में पुतिन के खिलाफ लोगों के विद्रोह की आशंका जताई थी। उन्होंने कहा था कि लोग यूक्रेन जंग से परेशान हैं। रूस अब एक फासिस्ट देश में बदल चुका है। जब न्यूज एजेंसी एपी ने अब्बास से उनके मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल होने पर सवाल किया उन्होंने कहा कि जो भी पुतिन के कहे मुताबिक नहीं चलते रूस उनके खिलाफ एक्शन लेने के लिए तैयार हो जाता है।

जंग के खिलाफ बोले बच्चे, सजा दे रहा रूस
रूस यूक्रेन जंग के खिलाफ बोलने पर बच्चों को भी नहीं छोड़ रहा है। रूस के मामलों पर नजर रख रहे मीडिया हाउस OVD- इंफो इंग्लिश के मैनेजर डैन स्टोरीयेव ने अलजजीरा को बताया कि पिछले एक साल में 544 नाबालिगों को जंग के खिलाफ लिखने, बोलने या विरोध करने के आरोप में सजा दी गई है। उन्होंने यह भी बताया कि जंग के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन करने वाले कई नाबालिगों को तो पुलिस ने अरेस्ट भी किया है।

तस्वीर माशा और उस पेटिंग की है जिसके चलते रूस ने उनके पिता को टॉर्चर किया है।
तस्वीर माशा और उस पेटिंग की है जिसके चलते रूस ने उनके पिता को टॉर्चर किया है।

वो मामले जिनमें बच्चो को सजा मिली

  • साइबेरिया के पूर्वी इलाके में जंग के खिलाफ बोलने वाले एक प्रदर्शनकारी के 16 साल के बेटे को उसके घर से 300 किलोमीटर दूर एक अनाथालय में भेज दिया गया।
  • मॉस्को में एक बहस के दौरान एक लड़के ने जंग के खिलाफ विचार रखे तो पुलिस ने उसके घर की बिजली काट दी।
  • हाई स्कूल के दो लड़कों ने रूस की नेशनल एंथम में खड़े होने से इनकार कर दिया और उसकी जगह यूक्रेन का नेशनल एंथम चलाया तो उन्हें परेशान किया गया।
  • येकटेरिंगबर्ग में जब एक बच्चे ने रूसी सैनिक को खत लिखकर उसे यूक्रेनी सैनिक को नहीं मारने की अपील की तो उसे पब्लिक में खड़ा कर डांटा गया।
  • एक 16 साल के लड़के पर ये कहने के लिए जुर्माना लगाया गया कि वो यूक्रेन की तरफ से लड़ना चाहता है।
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