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विदेश मंत्री जयशंकर बोले- चीन ने कब्जा 1962 में किया:राहुल गांधी पर भी साधा निशाना, कहा- मैं अपनी खबर चीनी एंबेसडर से नहीं पूछता

पुणे4 महीने पहले
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सिंधु जल संधि के सवाल पर जयशंकर ने कहा- पाकिस्तान में इस समझौते को लेकर क्या स्थिति है, इसके बारे में सबके सामने कुछ भी कहने का हक मुझे नहीं है। -फाइल फोटो - Dainik Bhaskar
सिंधु जल संधि के सवाल पर जयशंकर ने कहा- पाकिस्तान में इस समझौते को लेकर क्या स्थिति है, इसके बारे में सबके सामने कुछ भी कहने का हक मुझे नहीं है। -फाइल फोटो

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा। मीडिया ने सवाल किया कि विपक्ष भारत की जमीन पर चीनी कब्जा का दावा करता है। इस पर विदेश मंत्री ने कहा- यह कब्जा हाल ही में नहीं हुआ, बल्कि साल 1962 में हुआ था।

जयशंकर ने कांग्रेस या किसी अन्य राजनीतिक दल का नाम नहीं लिया, बल्कि कहा- वे (विपक्ष) आपको बताते नहीं हैं, वे ऐसे दिखाते हैं जैसे भारत की जमीन का कब्जा कल-परसों हुआ हो। इस जमीन पर चीन ने 1962 में कब्जा किया था।

राहुल गांधी का नाम लिए बगैर की टिप्पणी
जयशंकर ने कांग्रेस लीडर राहुल गांधी और चीनी राजदूत के कथित संपर्क को लेकर भी टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत की जमीन पर चीनी कब्जे को लेकर अगर उनकी जानकारी में कोई कमी है, तो वे फौज या फिर इंटेलिजेंस से बात करेंगे। उन्होंने कहा- मैं चीनी राजदूत को बुलाकर अपनी खबर के लिए नहीं पूछता।

गौरतलब है कि मई 2022 में नेपाल के एक पब का वीडियो वायरल हुआ था। इसमें राहुल एक चीनी महिला के साथ नजर आ रहे थे। दावा किया गया था कि यह महिला नेपाल में चीन की राजदूत होउ यांकी हैं। हालांकि बाद में कई वेबसाइट्स की फैक्ट चेक रिपोर्ट्स में बताया गया था कि वह महिला कोई और थी।

राहुल गांधी नेपाल के मशहूर पब लॉर्ड ऑफ ड्रिंक्स (LOD) में अपने दोस्तों के साथ गए थे।
राहुल गांधी नेपाल के मशहूर पब लॉर्ड ऑफ ड्रिंक्स (LOD) में अपने दोस्तों के साथ गए थे।

सिंधु जल समझौते पर बोलने से मना किया
जयशंकर ने सिंधु जल संधि से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए कहा- पाकिस्तान में इस समझौते को लेकर क्या स्थिति है, इसके बारे में सबके सामने कुछ भी कहने का हक मुझे नहीं है। यह उनका टेक्निकल मैटर है। दोनों ही देशों के अधिकारी सिंधु जल संधि को लेकर बातचीत कर रहे हैं।

भारत ने सितंबर 1960 की सिंधु जल संधि में संशोधन के लिए पाकिस्तान को नोटिस जारी किया है। सूत्रों के मुताबिक भारत इस समझौते को लागू करने के लिए हमेशा से कमिटेड रहा है, लेकिन पाकिस्तान की मनमानियों की वजह से इस संधि पर असर पड़ रहा है। यही वजह है कि भारत, पाकिस्तान को नोटिस जारी करने पर मजबूर हुआ है। पूरी खबर पढ़ें...

विदेशी अखबारों के लिए हम 'हिन्दू राष्ट्रवादी सरकार'
जयशंकर ने कहा कि विदेशी अखबार भारत सरकार के लिए 'हिन्दू राष्ट्रवादी' जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं। उन्होंने कहा- अमेरिका और यूरोप की सरकारों को कभी क्रिश्चियन राष्ट्रवादी नहीं कहा जाता। ऐसे शब्द केवल हमारे लिए ही इस्तेमाल किए जाते हैं।

उन्होंने आगे कहा- अगर हम पिछले 9 सालों को देखें, तो इसमें कोई संशय नहीं है कि आज की सरकार और राजनीति दोनों ही राष्ट्रवादी है। इसमें कुछ गलत नहीं है। विदेशों में राष्ट्रवादी लोगों ने ही अपने देशों को आगे बढ़ाया है और बुरे हालातों से बाहर निकाला है।

भारत की तुलना पांडवों से की
जयशंकर ने पाकिस्तान पर पूछे गए एक सवाल का जवाब देते हुए भारत की तुलना पांडवों से की। उन्होंने कहा कि जिस तरह पांडव अपने रिश्तेदारों का चुनाव नहीं कर सकते थे, उसी तरह हम भी पड़ोसी देश का चुनाव नहीं कर सकते। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि उनकी समझ बेहतर हो।

भारत और चीन के बीच तनातनी जारी
एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की वजह से पूर्वी लद्दाख के 65 में से 26 पेट्रोलिंग पॉइंट्स ऐसे हैं, जहां भारतीय सैनिक गश्त नहीं कर पा रहे हैं। यह रिपोर्ट लेह-लद्दाख के SP पीडी नित्या ने पिछले दिनों एक मीटिंग में पेश की थी। इस मीटिंग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, होम मिनिस्टर अमित शाह और NSA अजीत डोभाल भी मौजूद थे।

भारत ने एक महीने पहले ही आरोप लगाया था कि चीन एकतरफा तौर पर इलाके में बदलाव की कोशिश कर रहा है।
भारत ने एक महीने पहले ही आरोप लगाया था कि चीन एकतरफा तौर पर इलाके में बदलाव की कोशिश कर रहा है।

हमने कोई जमीन नहीं खोई
इस रिपोर्ट के बारे में सबसे पहले जानकारी द हिंदू अखबार ने दी थी। द हिंदू से बातचीत में डिफेंस से जुड़े एक सूत्र ने कहा- हमने अपनी जमीन का कोई हिस्सा नहीं गंवाया। कुछ इलाके ऐसे जरूर हैं जहां दोनों ही देशों के सैनिक गश्त नहीं कर रहे हैं। जिन क्षेत्रों से पीछे हटने का समझौता हुआ था वहां हमारे भी कई कैमरे लगे हैं।

इन इलाकों में सेना सिविल एडमिनिस्ट्रेशन के साथ काम कर रही है। यह रिपोर्ट ऐसे वक्त सामने आई है, जब एक महीने पहले ही भारत ने आरोप लगाया था कि चीन एकतरफा तौर पर इलाके में बदलाव की कोशिश कर रहा है।

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