सऊदी अरब सरकार ने अपने देश आने वाले भारतीयों को बड़ी राहत का ऐलान किया है। नई दिल्ली में मौजूद सऊदी एम्बेसी ने गुरुवार को इस बारे में जानकारी दी। एम्बेसी ने सोशल मीडिया पर जारी बयान में कहा- दोनों देशों के मजबूत रिश्तों को देखते हुए हमने यह फैसला किया है कि अब सऊदी जाने वाले भारतीय नागरिकों को वीजा के लिए अप्लाई करते वक्त पुलिस वेरिफेकिशन सर्टिफिकेट यानी PCC की जरूरत नहीं होगी।
सऊदी एम्बेसी का बयान
किंगडम ऑफ सऊदी अरेबिया (KSA) की रॉयल एम्बेसी की तरफ से जारी बयान में कहा गया- भारत से मजबूत रिश्तों और स्ट्रैटेजिक रिलेशन्स को ध्यान में रखते हुए हमने फैसला किया है कि भविष्य में सऊदी अरब जाने वाले भारतीय यात्रियों को पुलिस वेरिफिकेशन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी। हमने यह फैसला दोनों देशों के रिश्तों को और मजबूत करने के लिए किया है।
कोरोना दौर के बाद फैसला
2019 में सऊदी और भारत सरकार के बीच इस बारे में बातचीत शुरू हुई थी। उसी दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सऊदी गए थे। इसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर और सऊदी विदेश मंत्री के इस बारे में विस्तार से बातचीत हुई थी।
कोरोना काल की वजह से यह बातचीत किसी मुकाम तक नहीं पहुंच सकी थी। तब सऊदी अरब ने कहा था कि वो भारतीय नागरिकों के हित में कई फैसले लेगा। इसके बाद दोनों देश संपर्क में रहे और अब सऊद अरब का यह फैसला आया है।
दोनों देशों को फायदा
सऊदी अरब की टूरिज्म मिनिस्ट्री ने 1 अगस्त 2021 से वीजा होल्डर्स को फिर देश आने की मंजूरी दी थी। कोरोना के दौर में यह एंट्री बंद कर दी गई थी। भारत ने सऊदी अरब को कोरोना वैक्सीन भी सप्लाई की थीं। इसके लिए सऊदी प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने खुद प्रधानमंत्री मोदी का शुक्रिया अदा किया था। सऊदी अरब में करीब 30 लाख भारतीय रहते हैं। इसके अलावा हज यात्रा के लिए भी हर साल हजारों भारतीय सऊदी अरब जाते हैं। सऊदी सरकार के इस फैसले से इन लोगों को काफी राहत मिलेगी।
गल्फ देशों में सबसे ज्यादा भारतीय मजदूर
भारत से बड़ी संख्या में नौकरी की तालाश में लोग गल्फ देशों की ओर जाते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि गल्फ के सिर्फ 9 देशों में करीब 90 लाख भारतीय मूल के लोग रहते हैं। इनमें से सबसे ज्यादा 35 लाख लोग UAE और 30 लाख लोग सऊदी अरब में रहते हैं। कतर, UAE और सऊदी अरब में भारतीय लोगों के कई बड़े रिटेल स्टोर और रेस्टोरेंट भी हैं।
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