तुर्की की एक महिला पत्रकार को राष्ट्रपति रिसेप तैयप एर्दोआन पर टिप्पणी करना बहुत भारी पड़ा। सेदफ कबास नाम की इस महिला पत्रकार को तंज कसने के चंद घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया गया। रविवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस को पूछताछ की मंजूरी मिल गई है।
सेदफ तुर्की के युवा और मशहूर पत्रकार हैं। उन्होंने एक टीवी चैनल पर विपक्षी नेताओं के साथ टॉक शो के दौरान एर्दोआन पर तंज कसा था। सबसे खास बात यह है कि कबास ने पूरे शो के दौरान कभी और किसी भी हिस्से में प्रेसिडेंट एर्दोआन का नाम तक नहीं लिया था।
क्या है मामला
घटना शुक्रवार की है। इंस्ताबुल में एक टीवी चैनल पर सेदफ कबास मौजूद थीं। इस टीवी चैनल को विपक्ष समर्थक माना जाता है। शो के दौरान सेदफ ने तुर्की भाषा के कुछ मुहावरों का इस्तेमाल किया। लेकिन, इसमें भी कोई दो राय नहीं कि मुहावरों के जरिए उनके निशाने पर सीधे राष्ट्रपति एर्दोआन ही थे। यह बात जुदा है कि विपक्षी नेताओं ने तो राष्ट्रपति का नाम लिया, लेकिन कबास ने एक भी बार एर्दोआन या तुर्की के राष्ट्रपति शब्द का इस्तेमाल नहीं किया।
हंगामा इसलिए बरपा
कबास ने कहा- राजा को तो अक्लमंद और समझदार होना चाहिए। लेकिन, हमारे देश तो ऐसा नजर नहीं आता। यह बात उन्होंने तुर्की में एर्दोआन के शासन के 20 साल पूरे होने पर कही। लेकिन, सरकार और एर्दोआन को तकलीफ उनकी अगली टिप्पणी से हुई। कबास ने कहा- जब एक जानवर किसी राजमहल यानी पैलेस में पहुंचता है तो खुद को राजा महसूस करने लगता है। वो तो राजा नहीं बन पाता, अलबत्ता पैलेस जरूर जानवरों का बाड़ा या तबेला बन जाता है।
सरकार ने क्या किया
शो खत्म हुआ और कबास अपने होटल चली गईं। कुछ देर बाद पुलिस ने उन्हें होटल के कमरे से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के वकील ने कहा- उन्होंने भद्दा कमेंट किया है। जांच जारी है। फिलहाल, वो हमारी गिरफ्त में हैं।
शुक्रवार को पूरी रात कबास पुलिस स्टेशन में रहीं। इसके बाद शनिवार को उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें कानूनी तौर पर गिरफ्तार किया गया और पुलिस को पूछताछ के लिए रिमांड भी दे दी गई।
सरकार ने क्या कहा
तुर्की के जस्टिस मिनिस्टर अब्दुलहामिद गुल ने कबास का नाम लिए बिना सोशल मीडिया पर कहा- यह बेहद घिनौनी हरकत थी। हमारे राष्ट्रपति को निशाना बनाया गया है। ध्यान रहे कि देश के लोगों ने उन्हें चुना है। उनके खिलाफ अगर इस तरह के कमेंट्स हुए और नफरत फैलाई गई तो हम इसे किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं करेंगे।
देश के चीफ कम्युनिकेशन ऑफिसर फेहरातिन अल्तुन ने कहा- राजनीति, विपक्ष और पत्रकारिता, इन सभी के सिद्धांत होते हैं। अगर कोई इनका सम्मान नहीं करेगा तो हम भी जरूरी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र हैं। आप एक राष्ट्रपति का पूरे देश के सामने और वो भी टीवी पर अपमान नहीं कर सकते।
और एक सच ये भी
रिपोटर्स विदाउट बॉर्ड पत्रकारों का संगठन है। इसने रविवार को कहा- तुर्की में सरकार पत्रकारों और विपक्ष की आवाज दबाने की कोशिश कर रही है। 2014 से अब तक यहां 200 पत्रकारों को गिरफ्तार करके जेल में डाला गया है। 70 पत्रकारों पर दूसरे तरह के आरोप लगाए गए हैं।
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