भारत-चीन सीमा की रखवाली अब ऐसे जवान करेंगे जो बिना हथियारों के भी मुकाबला करने में और सक्षम होंगे। गलवान की घटना के बाद भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने जवानों की ट्रेनिंग नए मॉड्यूल में शुरू की है।
नए मॉड्यूल की यह ट्रेंनिग ITBP के कॉम्बैटेंट और नॉन कॉम्बैटेंट दोनों तरह के जवानों को दी जा रही है। इसमें 20 नई तकनीकें जोड़ी गई हैं। जवानों को जूडो-कराटे के अलावा इजरायली मार्शल आर्ट और जापानी आइकीडो सिखाई गई। क्राव मागा में मुक्केबाजी और कुश्ती के हुनर सिखाए जा रहे हैं।
24 हफ्ते के ट्रेनिंग कार्यक्रम में बदलाव
आईकीडो के कई दांवपेच लिए गए हैं। इनमें इवामा रियू, शिन शिन आइकी, शुरेन काई शोडोकान आइकिदो, योशिकान और रेनशिनकाई स्टाइल शामिल हैं। ITBP ने पंचकुला के पास अपने करीब 15 से 20 हजार जवानों को नए मॉड्यूल में तैयार भी कर दिया है। कॉम्बैटेंट जवानों को 44 हफ्ते और नॉन कॉम्बैटेंट के लिए 24 हफ्ते के ट्रेनिंग कार्यक्रम में ये बदलाव किए गए हैं।
LAC पर फायर आर्म्स के साथ गश्त नहीं कर सकते हैं
LAC पर जवान बिना फायर आर्म्स के ही गश्त करते हैं। दोनों देशों के बीच एक-दूसरे पर गोली न चलाने पर सहमति है। गलवान में हुई घटना में चीनी सैनिकों ने मध्ययुगीन हथियारों का इस्तेमाल किया था। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे। नई ट्रेनिंग भविष्य में इसी तरह के हालात का और बेहतर तरीके से सामना करने के लिए शुरू की जा रही है।
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