श्रीलंका में भारी हिंसा, विरोध प्रदर्शन और राजनीतिक उथल-पुथल के बाद 73 साल के रानिल विक्रमसिंघे गुरुवार को श्रीलंका के 26वें प्रधानमंत्री बने। विक्रमसिंघे ने प्रधानमंत्री बनने के बाद कहा कि वह भारत के साथ बहुत बेहतर संबंध होने की आशा करते हैं। उन्होंने आर्थिक संकट में फंसे श्रीलंका की वित्तीय मदद के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद भी दिया।
पूर्व PM महिंदा राजपक्षे समेत 7 लोगों की गिरफ्तारी की उठी मांग
श्रीलंका में हो रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान प्रदर्शनकारियों पर किए गए हमले को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे की गिरफ्तारी की मांग की गई है। डेली मिरर की रिपोर्ट के मुताबिक, इसको लेकर एक व्यक्तिगत शिकायत कोलंबो मजिस्ट्रेट की अदालत में दर्ज की गई है। इसमें महिंदा राजपक्षे समेत 7 लोगों को गिरफ्तार करने के लिए CID को निर्देश देने की मांग की गई।
पहले भी विपक्षी नेताओं ने महिंदा राजपक्षे पर सरकार के खिलाफ शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे लोगों के विरुद्ध हिंसा भड़काने का आरोप लगाया था। इस हिंसा में कम से कम आठ लोगों की मौत हो गई और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए।
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भारतीय उच्चायोग ने वीजा जारी करने पर रोक लगाने से इनकार किया
श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को इस बात से इनकार किया है कि उसने देश में वीजा जारी करना बंद कर दिया है। उच्चायोग ने कहा कि यह वीजा विंग के कर्मचारियों की अक्षमता के कारण समस्या आई थी। इन कर्मचारियों में से अधिकांश श्रीलंकाई नागरिक हैं। उच्चायोग ने कहा कि वह जल्द ही अपने सामान्य कामकाज पर लौटने का प्रयास कर रहा है।
नए PM के बावजूद सरकार विरोधी अभियान जारी रखेंगे प्रदर्शनकारी
श्रीलंका के प्रदर्शनकारियों ने नए PM के बावजूद सरकार विरोधी अभियान जारी रखने का ऐलान किया है। राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों को खुश करने में विफल रही है। राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने एक हफ्ते तक चली हिंसक झड़प के बाद गुरुवार की देर रात विपक्षी राजनेता रानिल विक्रमसिंघे को प्रधानमंत्री नियुक्त किया।
इस हिंसा में 9 लोग मारे गए और 300 से अधिक घायल हुए हैं। कोलंबो में एक प्रदर्शनस्थल पर सैकड़ों लोग जमा थे। इनमें से एक प्रदर्शनकारी चामलगे शिवकुमार ने कहा कि जब हमारे लोगों को न्याय मिलेगा तो हम इस संघर्ष को रोक देंगे। हम इस संघर्ष को तब तक नहीं रोकेंगे, जब तक लोगों को राहत नहीं मिल जाती।
5 बार प्रधानमंत्री रह चुके है रानिल विक्रमसिंघे
73 साल के रानिल को देश का सबसे अच्छा पॉलिटिकल एडमिनिस्ट्रेटर और अमेरिका समर्थक माना जाता है। वे पहले भी 5 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 1993 में वे पहली बार 44 साल की उम्र में प्रधानमंत्री बने थे। विक्रमसिंघे अपनी पार्टी के इकलौते सांसद हैं।
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