श्रीलंका में इमरजेंसी लगी हुई है। प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दे चुके हैं, लेकिन लोगों का सड़कों पर विरोध प्रदर्शन जारी है। लोग राजपक्षे कुनबे को सत्ता से हटाने की एक सूत्री मांग पर डटे हुए हैं। इस बीच राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे इस्तीफा देने को तैयार नहीं हैं।
गोटाबाया राजपक्षे ने अपनी कुर्सी को बचाने के लिए देश में सेना को मोर्चा सौंप दिया है। गोटाबाया के भरोसेमंद श्रीलंका सेना के चीफ शवेंद्र सिल्वा खुद कमान संभाले हुए हैं। इमरजेंसी लागू होने के बाद से सेना के पास किसी को भी गिरफ्तार करने के अधिकार आ गए हैं। श्रीलंका में सुरक्षा कारणों के चलते बुधवार को प्रस्तावित संसद का सत्र स्थगित कर दिया गया।
राजपक्षे का गद्दाफी जैसा हश्र हो सकता है
महिंदा राजपक्षे और उनके परिवार जनों को भारी सुरक्षा के बीच त्रिंकोमाली में भारतीय ऑयल टैंक फैसेलिटी के पास रखा गया है। जानकारों ने आशंका जताई है कि लोगों में रोष को देखते हुए आशंका है कि राजपक्षे का हश्र लीबियाई तानाशाह गद्दाफी के जैसा हो सकता है। इस लिए उन्हें भारी सुरक्षा दी जा रही है।
सेना सत्ता अपने हाथ में ले सकती है
श्रीलंका के प्रमुख राजनीतिक विश्लेषक कुशाल परेरा ने दैनिक भास्कर से बातचीत में कहा कि यहां सरकार नाम की कोई चीज नहीं है। लोग पिछले काफी समय से सड़कों पर उतर कर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसा कुछ दिन और चला तो आशंका है कि सेना ही अपने हाथ में सत्ता की बागडोर ले सकती है। कैबिनेट के गठन और संसद को बुलाने में देरी से हालात बिगड़ रहे हैं। परेरा ने कहा कि यदि राष्ट्रपति गोटाबाया जल्द सरकार का गठन नहीं करते हैं तो सैन्य शासन की आशंका है।
दूध, रसोई गैस और खाने को तरसे लोग
विदेशी कर्ज के बोझ तले दबे श्रीलंका के पास विदेशी मुद्रा लगभग खत्म हो गई है। सरकार का खजाना खाली है। सरकार दूध, दवाओं और रसोई गैस जैसी चीजों का इंपोर्ट नहीं कर पा रही है। लोगों के पास अव्वल तो पैसे नहीं हैं और दूसरी ओर दुकानें भी खाली हैं। ऊर्जा संकट के कारण रोज 5 से 10 घंटों का पावर कट हो रहा है।
इसी हफ्ते नए प्रधानमंत्री की घोषणा करेंगे राष्ट्रपति
राष्ट्रपति गोटाबाया ने बुधवार देर रात राष्ट्र के नाम संबोधन में भरोसा दिलाया कि वे इसी हफ्ते नए प्रधानमंत्री की घोषणा और कैबिनेट का गठन कर संसद को सशक्त करेंगे। उन्होंने हालात ठीक होने पर राष्ट्रपति की कार्यकारी शक्तियों को खत्म करने का आश्वासन भी दिया। इस बीच, श्रीलंका में स्थित भारतीय उच्चायोग बुधवार को ने स्पष्ट किया है कि महिंदा राजपक्षे को भारत में शरण नहीं दी गई है।
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