श्रीलंका में भारतीय अफसर पर हमला:अनजान लोगों ने निशाना बनाया; भारत ने कहा- श्रीलंका के नेताओं पर दबाव नहीं डाला

कोलंबो10 महीने पहले
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श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में मंगलवार रात एक भारतीय दूतावास के अफसर पर हमला हुआ। वीजा सेंटर के डायरेक्टर विवेक वर्मा को निशाना बनाया गया। उन्हें हल्की चोटें आई हैं। दूसरी तरफ, कोलंबो स्थित इंडियन हाईकमीशन ने साफ कर दिया है कि वो श्रीलंकाई लोगों और प्रशासन की मदद कर रहा है। हाईकमीशन ने एक बयान में कहा- कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि भारत श्रीलंकाई नेताओं पर दबाव डाल रहा है। यह बेबुनियाद आरोप हैं और हम इनका खंडन करते हैं।

उच्चायोग ने कहा- सावधान रहें भारतीय
विवेक पर हमला मंगलवार रात उस वक्त किया गया जब वो घर लौट रहे थे। भारतीय उच्चायोग ने एक बयान में कहा- उन पर बेवजह हमला किया गया है। हमने श्रीलंकाई अधिकारियों को इस बारे में जानकारी दे दी है। यहां के लोगों के हमारे रिश्ते हमेशा दोस्ताना रहे हैं। फिलहाल, श्रीलंका के हालात को देखते हुए भारतीयों को सावधान रहने की जरूरत है। एक इमरजेंसी नंबर जारी किया गया है। अगर आप मुश्किल हैं तो इस पर कॉल करके मदद हासिल कर सकते हैं।

मंगलवार रात वीजा सेंटर के डायरेक्टर विवेक वर्मा पर कोलंबो में हमला किया गया था। बुधवार को भारतीय उच्चायोग के अधिकारी वर्मा से मिलने पहुंचे।
मंगलवार रात वीजा सेंटर के डायरेक्टर विवेक वर्मा पर कोलंबो में हमला किया गया था। बुधवार को भारतीय उच्चायोग के अधिकारी वर्मा से मिलने पहुंचे।

भारत के खिलाफ अफवाहें
श्रीलंकाई मीडिया की कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि भारत यहां के अंदरूनी मामलों में दखलंदाजी कर रहा है। ये भी कहा गया कि भारत की तरफ से श्रीलंका के नेताओं पर कुछ मामलों में दबाव डाला जा रहा है।
इंडियन हाईकमीशन ने बुधवार दोपहर सोशल मीडिया पोस्ट में इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए इन्हें बेबुनियाद बताया। हाईकमीशन ने कहा- हमने कुछ रिपोर्ट्स देखी हैं। इनमें कहा गया है कि भारत की तरफ से श्रीलंकाई नेताओं पर राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर दबाव डाला जा रहा है। यह आरोप बेबुनियाद हैं।

रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के 8वें एग्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट हैं। उन्हें अमेरिका समर्थक माना जाता है। वो 6 बार प्राइम मिनिस्टर भी रह चुके हैं।
रानिल विक्रमसिंघे श्रीलंका के 8वें एग्जीक्यूटिव प्रेसिडेंट हैं। उन्हें अमेरिका समर्थक माना जाता है। वो 6 बार प्राइम मिनिस्टर भी रह चुके हैं।

मदद जारी रखेगा भारत
हाईकमीशन ने आगे कहा-श्रीलंका के लोकतंत्र और यहां के लोगों की मदद के लिए हम हमेशा तैयार हैं। यहां के अंदरूनी हालात में भारत कोई दखलंदाजी नहीं कर रहा। यही बात दूसरे लोकतांत्रिक देशों के बारे में भी कही जा सकती है।

श्रीलंका में बुधवार को रानिल विक्रमसिंघे नए राष्ट्रपति चुन लिए गए। 73 साल के रानिल 6 बार प्रधानमंत्री रह चुके हैं। 225 सदस्यीय श्रीलंकाई संसद में विक्रमसिंघे को 134, जबकि उनके खिलाफ खड़े दुलस अल्हाप्परूमा को 82 वोट हासिल हुए। तीसरे कैंडिडेट अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ 3 वोट मिले। विक्रमसिंघे का पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे का बचा हुआ टेन्योर पूरा करेंगे। दूसरे शब्दों में कहें तो रानिल नवंबर 2024 तक राष्ट्रपति रहेंगे। (पूरी खबर पढ़ें: श्रीलंकाई संसद ने रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति चुना:225 में से 134 वोट मिले, 6 बार प्रधानमंत्री भी रह चुके हैं)

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव
कुल सांसद : 225
कुल वोट डले : 223
गैरहाजिर सांसद : 02
रिजेक्टेड वोट : 04
वैलिड वोट्स : 219