स्वीडन की राजधानी स्टॉकहोम में एक दक्षिणपंथी एक्टिविस्ट ने शनिवार को तुर्किये के दूतावास के सामने कुरान जला दी। जिसके बाद से वहां मुस्लिम समुदाय के लोग प्रदर्शन कर रहे हैं। जिस व्यक्ति रासमस पलूदान ने कुरान जलाई वो काफी समय से स्वीडन में इस्लाम विरोधी बयानों और हरकतों के चलते जाना जाता है।
हालांकि यह मामला बड़ा इसलिए बना क्योंकि पलूदान ने इस बार पुलिस से अनुमति लेने के बाद यह काम किया। इसके लिए उसे पुलिस प्रोटेक्शन तक दी गई थी। मामला इतना गंभीर हो गया है कि कुरान जलाने की घटना के बाद तुर्किये के रक्षा मंत्री ने स्वीडन का दौरा तक रद्द कर दिया। यह दौरा स्वीडन के नाटो सदस्य बनने के लिए काफी अहम था।
कुरान जलाने के टूर पर है रासमस पलूदान
अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक रासमस पलूदान ने पिछले साल अप्रैल में रमजान के दौरान घोषणा की थी कि वो कुरान को जलाने के लिए एक टूर करेगा। जिसके बाद शनिवार यानी 21 जनवरी को पलूदान ने एक लाइटर से तुर्किये के दूतावास के बाहर कुरान की एक कॉपी को जला दिया। इस दौरान उसने इस्लाम को लेकर कई विवादित बयान भी दिए।
कुरान जलाए जाने के समय रासमस के समर्थन में वहां लगभग 100 लोग मौजूद रहे। पलूदान ने कहा कि अगर तुम्हें लगता है कि अभिव्यक्ति की आजादी नहीं होनी चाहिए तो तुम स्वीडन में नहीं कहीं और जाकर रहो।
कई इस्लामिक देशों ने घटना को हेट क्राइम बताया
कुरान जलाए जाने के बाद तुर्किये के विदेश मंत्री मेलवुत ने कहा कि स्वीडन रासमस को कुरान जलाने से रोकने में नाकामयाब रही। यह एक नस्लभेदी काम है, इसका अभिव्यक्ति की आजादी से कोई मतलब नहीं है।
हालांकि स्वीडन के विदेश मंत्री इस घटना की निंदा की। उन्होंने कहा कि स्वीडन में अभिव्यक्ति की पूरी आजादी है। हालांकि इसका यह मतलब नहीं की इस तरह की हरकतों का हम समर्थन करते हैं।
कुरान जलाने पर तुर्किये के अलावा कई इस्लामिक देशों ने आपत्ती दर्ज कराई है। सउदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर सहिष्णूता और नफरत को खत्म करने की अपील की । वहीं तुर्किये की राजधानी अंकारा में कई लोगों ने स्वीडन के दूतावास के सामने इकट्ठा होकर स्वीडन के झंडे को आग के हवाले कर दिया।
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