मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि ताइवान ने अपनी हवाई सीमा में घुसपैठ करने वाले चीन के सुखोई एयरक्राफ्ट को मार गिराया। इस पर ताइवान की डिफेंस मिनिस्ट्री ने ट्वीट कर कहा कि सोशल मीडिया पर अफवाहें चल रही है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि ताइवान ने चीन के सुखोई-35 फाइटर जेट को मार गिराया है। यह पूरी तरह से फेक न्यूज है। हम नेटिजन्स से अपील करते हैं कि इसे न फैलाएं।
पहले दावा किया जा रहा था कि सुखोई फाइटर जेट क्रैश हो गया, लेकिन इसका पायलट सुरक्षित है। क्रैश हुए एयरक्राफ्ट के कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। हालांकि, किसी भी पक्ष ने इसकी पुष्टि नहीं की।
चीन बीते महीनों में कई बार ताइवान की जल और वायु सीमा का उल्लंघन करते हुए उसे धमकाने की कोशिश कर रहा था। गुरुवार को भी चीन का एक फाइटर जेट ताइवान की हवाई सीमा में घुसा था।
अमेरिकी मिसाइल का इस्तेमाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कहा जा रहा था कि ताइवान ने चीन के सुखोई विमान को मार गिराने के लिए अमेरिकी मिसाइल का इस्तेमाल किया। हालांकि, यह कौन सी मिसाइल है, इसका खुलासा फिलहाल नहीं हो सका। इस घटना के बाद चीन और ताइवान में तनाव बढ़ने की आशंका है। दक्षिणी चीन सागर में अमेरिका भी पूरी तैयारी के साथ मौजूद है। उसका निमित्ज वॉरशिप यहां मौजूद है। इस पर 120 फाइटर जेट्स मौजूद हैं।
अमेरिका ने साफ कर दिया है कि दक्षिण चीन सागर में चीन की धमकियां काम नहीं आएंगी। अमेरिका क्षेत्र के सभी छोटे देशों के साथ खड़ा है और चीन को जवाब दिया जाएगा।
चार दिन पहले अमेरिका ने उठाया था अहम कदम
सीएनएन के मुताबिक, अमेरिका ने रविवार को अपना गाइडेड मिसाइल डेस्ट्रॉयर ताइवान स्ट्रैट में तैनात किया था। खास बात यह है कि अमेरिका ने पहले इसका ऐलान नहीं किया था। लेकिन, दो हफ्तों में अमेरिका ने दूसरी बार किसी डेस्ट्रॉयर को साउथ चाइना सी में भेजा था। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका के इस कदम से साफ हो जाता है कि वो ताइवान की हर मुमकिन मदद करने के लिए तैयार है। अमेरिकी एनएसए ने पिछले हफ्ते साफ कर दिया था कि अगर ताइवान पर कोई हमला होता है तो अमेरिका चुप नहीं बैठेगा।
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