अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस्तीफा नहीं दिया है। शनिवार को देश के लोगों के नाम रिकार्डेड संदेश में उन्होंने कहा, 'मैं ये सुनिश्चित करता हूं कि आगे अस्थिरता नहीं रहेगी। हमने देश में और विदेश में गहन चर्चा की है और जल्द ही नतीजा सार्वजनिक कर दिया जाएगा। अभी की परिस्थिति में अफगान सैन्य बलों को पुनर्गठित करना पहली प्राथमिकता है।'
राष्ट्रपति गनी ने कहा, बीते बीस साल में जो हासिल किया है उसे गंवाने नहीं देंगे, युद्ध में अफगानिस्तान के और लोगों को मरने नहीं देंगे। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि वे इस्तीफा दे सकते हैं। हालांकि कल देर रात तक राष्ट्रपति से जुड़े सूत्रों का कहना था कि गनी अंतिम समय तक राष्ट्रपति रहेंगे।
मैदान शहर में तालिबान और अफगान सैनिक आमने-सामने
इस समय तालिबान और अफगान बलों के बीच मैदान शहर में गवर्नर कंपाउंड के पास भीषण लड़ाई चल रही है। मैदान शहर को काबुल का गेटवे भी कहा जाता है। शनिवार सुबह तालिबानियों ने पक्तिया प्रांत की राजधानी शरना को भी कब्जे में ले लिया। इसके बाद तालिबान काबुल से महज एक घंटे की दूरी पर रह गया था।
19 प्रांतों पर तालिबान की हुकूमत
पक्तिया तालिबानियों के कब्जे में जाने वाला 19वां प्रांत है। पिछले 7 दिन में तालिबान ने 18 प्रांतों पर कब्जा किया है। तालिबान प्रवक्ता के मुताबिक यहां भीषण लड़ाई के बाद कब्जा हुआ है। यहां पर भारी हथियार बरामद किए गए हैं।
तालिबान ने कंधार रेडियो का नाम बदलकर शरिया रेडियो किया
कंधार के गवर्नर रुहउल्लाह खानजाद ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है। तालिबान ने कंधार के रेडियो और सरकारी टीवी का नाम शरिया रेडियो कर दिया है। सरकारी दफ्तरों पर तालिबानी काबिज हो गए हैं।
हेरात में सूचना विभाग पर तालिबान का कब्जा
तालिबान के मुताबिक हेरात में सूचना विभाग के कर्मचारी काम पर लौटे हैं। तालिबान का कहना है कि हेरात में सक्रिय सभी मीडिया आउटलेट से कहा गया है कि जनसंपर्क विभाग से संपर्क करें।
काबुल एयरपोर्ट पर हमले की आशंका
तालिबान अब काबुल एयरपोर्ट के बेहद करीब आ गया है, ऐसे में आशंका है कि तालिबानी यहां हमला कर सकते हैं। दो दिन पहले तक कयास लगाए जा रहे थे कि तालिबान को काबुल पहुंचने में 90 दिन लगेंगे। एक दिन बाद तालिबान काबुल से 30 दिन की दूरी पर आ गया और अब काबुल पर कब्जा करने के करीब है।
काबुल लौट रहे अफगान सैनिकों को तालिबान ने निशाना बनाया
तालिबान के कब्जे में आए प्रांतों से सैन्यबल काबुल की तरफ लौट रहे हैं। तालिबान ने अपने लड़ाकों से कहा है कि काबुल की तरफ जा रहे लोगों के दस्तावेज जांचें। तालिबानी सूत्रों ने कई जगह काबुल की तरफ लौट रहे अफगान सैनिकों को निशाना बनाने का दावा किया है।
अमेरिकी सैनिकों का पहला दल काबुल पहुंचा
इस बीच, अमेरिका का पहला सैन्य दल काबुल पहुंच गया है। तालिबान से निपटने में अफगान सैनिक बुरी तरह नाकाम रहे हैं। कई प्रांतों में सैनिकों ने बिना लड़े ही तालिबान के सामने हथियार डाल दिए। तालिबान की रफ्तार को देखते हुए अमेरिकी सरकार ने अपने नागरिकों को काबुल से निकालने के लिए सैन्य दल भेजा है।
एक दिन पहले अमेरिका की बाइडेन सरकार ने आशंका जताई थी कि एक महीने के भीतर काबुल पर भी तालिबान का कब्जा हो जाएगा और अफगान सरकार गिर जाएगी। ऐसे में अफगानिस्तान में मौजूद अपने नागरिकों को निकालने के लिए सरकार ने 3 हजार सैनिकों को वापस अफगानिस्तान भेजने की बात कही थी। हालांकि, सरकार ने साफ कर दिया है कि ये सिर्फ टेम्परेरी मिशन है।
बल्ख में भारत से मिला हेलिकॉप्टर मार गिराने का दावा
जो तालिबान सूत्र संपर्क में हैं उन्होंने बल्ख प्रांत के कोद-ए-बर्क इलाके में भारत से मिले हेलिकॉप्टर को मार गिराने का दावा किया है। हालांकि, कोई तस्वीर अभी उन्होंने इस बारे में नहीं दी है। इस दौरान यह भी खबरें हैं कि अफगानिस्तान का एक उच्च प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान जा रहा है।
हेरात प्रांत की सरकार ने किया सरेंडर
हेरात प्रांत की पूरी सरकार ने तालिबान के आगे सरेंडर कर दिया है। अफगानिस्तान में हेरात प्रांत के गवर्नर, पुलिस चीफ, एनडीएस ऑफिस के हेड को तालिबान ने हिरासत में ले लिया है। तालिबान के खिलाफ जंग के प्रतीक रहे मोहम्मद इस्माइल खान (75) को भी तालिबान ने पकड़ लिया है।
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