अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में खौफ का माहौल बना हुआ है। इस बीच, विश्लेषकों ने नए खतरे की तरफ इशारा किया है। उनका कहना है कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद उसके लड़ाकों का आपस में लड़-मरने का खतरा है। इस आशंका की कई वजहें भी हैं। तालिबान का सहयोगी अल-कायदा 1996 से 2001 के बीच पाकिस्तान में पला था।
तालिबान के कई लोगों ने अमेरिका पर 9/11 के हमले की ओसामा बिन लादेन की योजना का विरोध किया था, लेकिन लादेन नहीं माना। इस हमले के बाद अमेरिका की जवाबी कार्रवाई से अल कायदा अफगानिस्तान से भागने को मजबूर हो गया था। हालांकि बाद में वह धीरे-धीरे लौटने लगा और उसके 200-500 लड़ाके देश के ज्यादातर हिस्सों में फैले गए। उसने आतंक फैलाने के मकसद से 2014 में पाकिस्तान, भारतीय और बांग्लादेशी रंगरूटों को सहयोगी बनाया।
2015 में IS ने खुरासान प्रॉविंस भी खड़ा किया, जिसके खिलाफ अल कायदा ने लड़ाई भी लड़ी। बाद में अल कायदा और खुरासान मिलकर तालिबान के लिए लड़ने लगे। पर्यवेक्षकों का कहना है कि सत्ता में आने पर तालिबान खुद के लड़ाकों को आपस में लड़ता और मरता देख सकता है।
फिर बड़ा खतरा बन सकते हैं अल-कायदा और ISIS
1996 से 2001 के दौरान जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर शासन किया था, तब तालिबान ने अल-कायदा जैसे आतंकी संगठनों को खूब फलने-फूलने का मौका दिया। इसी दौरान ओसामा बिन लादेन ग्लोबल टेररिस्ट बनकर उभरा। इस बार तालिबान भले ही दुनिया के सामने शांति की बात कर रहा हो, लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि अल-कायदा और तालिबान एक-दूसरे से अलग नहीं हो सकेंगे। तालिबान के शासन में अल-कायदा और ISIS जैसे संगठनों को पर्दे के पीछे से मदद मिलती रहेगी। इससे आशंका है कि दुनिया में आतंकवाद बढ़ सकता है।
अमेरिका का साथ देने वाले अफगानियों को घर-घर तलाश रहा तालिबान
तालिबान भले ही दावा करे कि वह किसी से बदला नहीं लेगा, लेकिन संयुक्त राष्ट्र (UN) की एक रिपोर्ट में हकीकत सामने आ गई है। इस रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अमेरिका या उसकी अगुवाई वाली NATO सेना का साथ देने वाले अफगानियों की खोज में तालिबान घर-घर जाकर तलाशी ले रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि तालिबान ने उन लोगों की लिस्ट तैयार की जिन्हें वह गिरफ्तार करना चाहता है। साथ ही इन लोगों को धमकी दे रहा है कि वे सामने नहीं आए तो उनके परिवार के लोगों को मार दिया जाएगा या गिरफ्तार कर लिया जाएगा। (पूरी खबर पढ़ें)
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.