अमेरिका में 9/11 हमले की 20वीं वर्षगांठ में लोगों के सामने सवाल यह उठ रहा है कि वे सुरक्षा और स्वतंत्रता में किसे चुनें? इसका उत्तर आने वाले नवंबर के महीने में अमेरिका का सुप्रीम कोर्ट दे सकता है। कैलिफोर्निया के एक मुस्लिम धर्मगुरु इमाम यासिर फ़जागा नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के सामने अपने प्रश्नों को लेकर खड़े होंगे।
साल 2011 में फ़जागा ने दो अन्य लोगों के साथ मिलकर और अमेरिकी इस्लामिक काउंसिल की मदद से फेडरल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (एफबीआई) के खिलाफ केस दाखिल किया था। उनका आरोप था कि एफबीआई मुसलमानों पर केवल मुसलमान होने के कारण ही निगरानी कर रहा है।
एफबीआई ने दलील दी कि उनकी जांच ‘स्टेट सीक्रेट’ है और केस को जारी रखा गया तो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। नवंबर में एफबीआई बनाम फजागा केस में सबसे पहला प्रश्न सुप्रीम कोर्ट के सामने यह होगा कि इस केस में स्टेट सीक्रेट प्रिविलेज वाजिब है या नहीं। एफबीआई की दलील है कि कोर्ट के पास एफबीआई की जांच और उसके दस्तावेजों की जांच करने का अधिकार ही नहीं है।
तनवीर बनाम तंजीम मामला: सरकार पर केस संभव है
दिसंबर 2020 में 4 मुसलमानों ने एफबीआई के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में केस दाखिल किया था। जिसमें यह आरोप था कि एफबीआई जबरन लोगों को मुसलमानों की मुखबीरी के लिए मजबूर कर रहा है। ‘तनवीर बनाम तंजीम’ नामक इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया कि एक व्यक्ति या उनका समूह सरकार के एजेंसियों के खिलाफ अपने धार्मिक अधिकारों की सुरक्षा के आधार पर केस दाखिल कर सकता है। अपने केस के सिलसिले में फजागा कहते हैं कि नवंबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट में यह तय हो जाएगा कि एफबीआई का अधिकारी ज्यादा ताकतवर है या फिर सुप्रीम कोर्ट का जज।
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