रविवार का दिन पाकिस्तान की सियासत में गहमागहमी भरा रहा। 25 मार्च को नेशनल असेंबली में पेश हुए अविश्वास प्रस्ताव पर आज वोटिंग होनी थी, लेकिन संसद की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने प्रस्ताव खारिज कर दिया।
सूरी ने आर्टिकल 5 का हवाला देते हुए अविश्वास प्रस्ताव को असंवैधानिक और विदेशी साजिश बताया। कुछ देर बाद इमरान खान की सिफारिश पर राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से संसद भंग कर दी। अब 90 दिन के अंदर आम चुनाव होंगे। हालांकि, 15 दिन तक इमरान कार्यवाहक प्रधानमंत्री बने रहेंगे। इसके बाद एक केयरटेकर सरकार होगी। इसका मुखिया कौन होगा, ये फिलहाल तय नहीं है। यह सरकार सिर्फ रोजमर्रा का कामकाज देखेगी। वो कोई पॉलिसी डिसीजन नहीं ले सकेगी। बहरहाल, यहां हम आपको अविश्वास प्रस्ताव पेश होने से लेकर खारिज होने तक का पूरा घटनाक्रम बता रहे हैं...
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया गया। सदन की कार्यवाही डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी की अध्यक्षता में हुई। कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर में ही सूरी ने प्रस्ताव को विदेशी साजिश बताते हुए खारिज कर दिया। सूरी ने वही बात दोहराई जो करीब दो हफ्ते से इमरान लगातर कह रहे थे।
नेशनल असेंबली में कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्ष के करीब 176 सांसद सदन पहुंचे। इसके बाद पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के सांसद भी सदन पहुंचे। हालांकि, इस दौरान PM इमरान खान कार्यवाही से नदारद रहे। वो कुछ देर बाद सीधे नेशनल टीवी पर नजर आए। डिप्टी स्पीकर के फैसले को सही बताया।
इससे पहले 11:30 बजे से नेशनल असेंबली में सांसदों के आने का सिलसिला शुरू हुआ। इस दौरान विपक्ष के PM पद के उम्मीदवार शहबाज शरीफ भी सदन पहुंचे। बाद में शरीफ ने कहा- इमरान ने जो कदम उठाया है वो सीधे तौर पर लोकतंत्र की हत्या है। हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
नेशनल असेंबली की कार्यवाही शुरू होने से पहले संसद के बाहर भारी सुरक्षा बल मौजूद रहा। सदन के आसपास के इलाके को सील कर दिया गया। इस दौरान इमरान की पार्टी PTI के कुछ कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन भी किया। इसके बाद 3 लोगों को हिरासत में लिया गया था। पाकिस्तानी फौज और उसके रेंजर्स को फर्स्ट लेयर ऑफ सिक्योरिटी में रखा गया था।
रविवार को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग से पहले इस्लामाबाद में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई। इस दौरान राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लोगों की आवाजाही रोकने के लिए कंटेनरों से रास्ते बंद किए गए।
इमरान खान ने 31 अप्रैल को एक बार फिर अपनी सरकार को बचाने के लिए करीब 40 मिनट तक फुल इमोशनल ड्रामे के साथ देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि उन्हें हटाने की साजिश में अमेरिका शामिल है। उनकी नीतियों से अमेरिका खफा है, इसलिए विपक्षी नेताओं के साथ मिलकर उनकी सरकार गिराने की साजिश रची गई है। दूसरे संबोधन में उन्होंने युवाओं से सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन करने को कहा।
विपक्ष ने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (PML-N) के नेता शहबाज शरीफ को विपक्ष का PM कैंडिडेट घोषित किया था। संसद में बहुमत साबित करने के लिए हो रही खींचातान के बीच इमरान सरकार की गठबंधन पार्टी MQM ने भी उनका साथ छोड़ दिया था। ये इमरान की पार्टी के लिए सबसे बड़ा झटका था क्योंकि इसके बाद ही उन्होंने आधिकारिक तौर पर बहुमत खोया था।
अपनी मेगा रैली के दौरान इमरान ने सरकार के खिलाफ आए अविश्वास प्रस्ताव के पीछे विदेशी साजिश होने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि कुछ विदेश ताकतें उनकी सरकार को गिराने चाहती हैं। साथ ही उन्होंने एक कथित 'सीक्रेट लेटर' दिखाते हुए उसमें विदेशी साजिश के सबूत होने का दावा किया था।
अविश्वास प्रस्ताव को देखते हुए 27 मार्च को इमरान खान ने इस्लामाबाद में मेगा रैली की। रैली में इमरान अपने कट्टर प्रतिद्वंद्वियों नवाज शरीफ और आसिफ अली जरदारी के खिलाफ जमकर बरसते नजर आए। इमरान ने पहले की तरह विपक्षी नेताओं को चोर, ड़ाकू और लुटेरा करार दिया। फौज पर इशारों-इशारों में तंज कसा।
इमरान सरकार के खिलाफ 27 फरवरी को विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात कही, जिसके बाद 8 मार्च को प्रस्ताव फाइल किया गया। इसके ठीक 20 दिन बाद 28 मार्च को नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पेश किया गया। बता दें कि प्रस्ताव पेश होने के 3 दिन बाद और 7 दिन के अंदर वोटिंग होनी होती है।
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