युद्ध के मोर्चे से महीनों बाद लौटे यूक्रेन के उन ‘नागरिकों’ से महिलाएं दहशत में हैं, जिन्होंने देश की रक्षा के लिए हथियार उठा लिए थे। वे सदमे में हैं। घर लौटकर भी उनके दिमाग में युद्ध और हमले ही छाए हुए हैं। पत्नी और परिवार को कभी-कभी दुश्मन की तरह देखने लगते हैं।
किसी अन्य पेशे में रहे ये लोग युद्ध के चलते मोर्चे पर गए थे। अब लौटे हैं तो मानसिक असंतुलन के चलते परिवार के सदस्यों पर ही हमले कर बैठते हैं। इन सैनिकों के साथ काम कर रही मनोवैज्ञानिक विलेना किट कहती हैं- सैनिकों को PTSD यानी पोस्ट ट्रॉमैटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर हो रहा है। वे खुद को और परिवार को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
जंग से औरतों पर घरेलू हिंसा बढ़ी
रूस के हमले के बाद यूक्रेन में घरेलू हिंसा बढ़ गई। जैसे-जैसे तनाव बढ़ता गया महिलाओं पर हिंसा भी बढ़ती गई। फरवरी 2022 में हमला होते ही घरेलू हिंसा कई गुना हो गई। इसके लिए अलग से हेल्पलाइन नंबर शुरू करना पड़ा। अगस्त 2022 में तो रिकॉर्ड कॉल आए। जंग के बाद यूक्रेन की महिलाएं सबसे ज्यादा घरेलू हिंसा से परेशान हैं, जिसे यहां 2019 तक अपराध भी नहीं माना जाता था।
महिलाएं घर छोड़कर भाग रही हैं
यूक्रेन के शेल्टर होम्स में ऐसी हजारों महिलाएं हैं, जो अपने पुरुष साथियों को छोड़कर भाग आई हैं। 32 साल की मारिया के गले की हड्डी टूट गई है। उसके पुरुष साथी ने एक रात जब वह सो रही थी, उस पर अचानक हमला कर दिया। उसका गला दबाकर मारने की कोशिश की। मारिया बताती हैं- युद्ध ने उनके आपसी संबंध भी बर्बाद कर दिए हैं। युद्ध से पहले उनके पुरुष मित्र ने कभी कोई हिंसा नहीं की थी।
हाथों में हथियार होना बड़ी मुसीबत
यूक्रेन पुलिस की घरेलू हिंसा निरोधक दस्ते की प्रमुख मार्ता वैसलकीव कहती हैं- एक दिन युद्घ तो खत्म हो जाएगा, लेकिन घरेलू हिंसा भयंकर स्तर पर होगी। ऐसे नागरिक जिन्होंने हथियार चलाए हैं और रक्तपात देखा है, मानसिक रूप से स्थिर नहीं हो पाएंगे। वे अपने आसपास के लोगों से सहज नहीं हो सकेंगे। लोगों के हाथों में हथियार हैं, उन्हें वापस लेने में सालों लग जाएंगे। इससे निपटने के लिए विशेष ट्रेनिंग शुरू हुई है।
घरेलू हिंसा कर रहे सैनिकों को पुलिस वार हीरो बता रही
ओकसाना बताती हैं- मेरे पति मुझे दुश्मन समझते हैं। उन्होंने दो बार मुझे मारने की कोशिश की। वे किचन में बैठकर धमकाते हैं कि मुझे किस-किस तरह से मारा जा सकता है। मैंने जब सैन्य अफसरों से उन्हें वापस ले जाने को कहा तो उन्होंने मना कर दिया। वे बोले कि यह दूसरे सैनिकों के लिए खतरा पैदा करेगा। उन्होंने कोई भी मदद जंग के बाद ही कर पाने की बात कही। पुलिस ने तो इसे वार हीरो बताकर मैनेज करने को कहा।
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