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कोरोना के खिलाफ लड़ाई के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन से प्रतिबंध हटाने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत को धन्यवाद दिया। इस पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को ट्रम्प के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि मुश्किल समय दोस्तों को करीब लाता है। मैं आपसे पूरी तरह सहमत हूं प्रेसिडेंट ट्रम्प। भारत-अमेरिका का संबंध पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हुआ है। भारत कोरोना से लड़ाई में मानवता की मदद के लिए जो भी संभव हो करेगा। हम इसे एक साथ मिलकर जीतेंगे।’’
Fully agree with you President @realDonaldTrump. Times like these bring friends closer. The India-US partnership is stronger than ever.
— Narendra Modi (@narendramodi) April 9, 2020
India shall do everything possible to help humanity's fight against COVID-19.
We shall win this together. https://t.co/0U2xsZNexE
ट्रम्प ने बुधवार को ट्वीट किया था- ''मुश्किल समय में दोस्तों के बीच और ज्यादा मजबूत संबंध जरूरी होता है। हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन पर फैसला लेने के लिए भारत और वहां के लोगों को धन्यवाद। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, इस लड़ाई में सिर्फ भारत नहीं बल्कि मानवता की मदद के लिए मजबूती से नेतृत्व करने के लिए आपको धन्यवाद।''
ट्रम्प ने मोदी की तारीफ की थी
ट्रम्प ने बुधवार को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की दवा को लेकर भारत के प्रति अपना रुख बदलते हुए मोदी की तारीफ की थी। उन्होंने फॉक्स न्यूज से टेलीफोनिक बातचीत में कहा था, ‘‘मैंने लाखों (मिलियन) डोज खरीदी हैं। इस दवा की करीब 2.9 करोड़ (29 मिलियन) से ज्यादा डोज खरीदी गई हैं। मैंने मोदी से भी बात की। इनमें से सबसे ज्यादा (डोज) इंडिया से आएगी। मैंने पहले उनसे पूछा था कि क्या वो दवाएं (हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन) देंगे। उन्होंने हमें दवाएं दीं। वे महान और बहुत अच्छे हैं। आप जानते हैं उन्होंने ये दवाएं रोक रखी थीं, क्योंकि वे इसे भारत के लिए चाहते थे। मोदी के इस निर्णय से चीजें बेहतर हुई हैं।’’
इससे पहले 7 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रम्प ने धमकी देते हुए कहा था कि अगर भारत उनके व्यक्तिगत आग्रह के बावजूद दवा नहीं भेजता है तो कार्रवाई की जाएगी। इसके 6 घंटे बाद भारत ने अपनी जरूरतों को ध्यान में रखते हुए यह दवा दूसरे देशों को भेजने की घोषणा की थी। शनिवार को ट्रम्प ने भारत से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की आपूर्ति करने का अनुरोध किया था।
भारत ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगाई थी
सरकार ने 25 मार्च को घरेलू बाजार में उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के निर्यात पर रोक लगाने की घोषणा की थी। सरकार ने देश में कोरोना के संक्रमण के कारण स्थिति बिगड़ने की आशंकाओं को देखते हुए ये रोक लगाई थी, ताकि देश में जरूरी दवाओं की कमी नहीं हो। मंगलवार को विदेश विभाग के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा था कि मानवीयता के आधार पर सरकार ने फैसला लिया कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन और पैरासिटामॉल को पड़ोस के उन देशों को भी भेजा जाएगा, जिन्हें हमसे मदद की आस है।
क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन?
हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन भारत में मलेरिया के इलाज की पुरानी और सस्ती दवा है। कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच यह दवा एंटी-वायरल के रूप में इस्तेमाल हो रहा है। भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के सबसे बड़े निर्माताओं में से एक है। हालांकि, इसके पुख्ता प्रमाण नहीं है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन कोरोना जैसी महामारी से लड़ने में कारगर है। चीन की झेजियांग यूनिवर्सिटी की रिपोर्ट के मुताबिक, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेने वाला व्यक्ति कोरोना से ज्यादा समय तक लड़ सकता है।
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