अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की रिपब्लिकन पार्टी के सदस्य सबसे ज्यादा फेक न्यूज शेयर करते हैं। ऑस्ट्रिया की ग्रैज यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नॉलजी और ब्रिटेन की ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के एक शोध में यह खुलासा हुआ है। रिपब्लिकन पार्टी के नेता जो ट्वीट शेयर करते हैं, उनमें संदिग्ध वेबसाइटों की लिंक की संख्या 4 साल में ही दोगुनी हो गई। 2016 से 2018 के बीच यह संख्या 2.4% थी, जो कि 2020 से 2022 के बीच बढ़कर 5.5% तक हो गई।
इस संयुक्त शोध की प्रमुख डॉ. जाना लास्सर का कहना है, सोशल मीडिया पर राजनेताओं द्वारा शेयर की जाने वाली अविश्वसनीय जानकारी की मात्रा बढ़ती जा रही है। पिछले पांच साल के दौरान इसमें और तेजी से इजाफा हुआ है। रिसर्च में शामिल देशों के दक्षिणपंथी नेताओं ने ऐसी लिंक ज्यादा शेयर की हैं, लेकिन अमेरिका में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड टम्प की रिपब्लिकन पार्टी के नेताओं के ट्वीट में अत्यधिक तेजी देखी गई है।
गलत न्यूज पोस्ट करना समस्या का विषय
इस शोध के लिए 2016 से 2022 के बीच नेताओं द्वारा किए गए लगभग 34 लाख ट्वीट का एनालिसिस किया गया। इसमें अमेरिकी संसद सदस्यों के 17 लाख ट्वीट, ब्रिटिश सांसदों के लगभग 10 लाख ट्वीट और जर्मनी के सांसदों के 7.5 लाख ट्वीट को शामिल किया गया।
ब्रिस्टल यूनिवर्सिटी के साइकोलॉजी विभाग के चेयरपर्सन प्रो स्टीफन लेवांडोव्स्की ने कहा, नेता शिक्षित वर्ग का हिस्सा हैं। लोग इनसे प्रेरणा लेते हैं। ऐसे में राजनेताओं के द्वारा तेजी से गलत और गैरप्रमाणिक न्यूज पोस्ट करना समस्या का विषय हैं। लिहाजा उनके द्वारा साझा की गई जानकारी की आलोचना करना और स्रोतों पर सवाल उठाना बेहद जरूरी है।
डेमोक्रेट्स से 9 गुना पोस्ट करते हैं रिपब्लिकन
रिपब्लिकन सदस्य डेमोक्रेटिक सदस्यों की तुलना में लगभग नौ गुना अधिक लिंक पोस्ट करते हैं। डेमोक्रेटिक पार्टी के लोगों ट्वीट केवल 0.4% लिंक कम विश्वसनीय साइटों के थे। यूरोप में सांसदों की ओर से फेक न्यूज शेयर करने की संभावना न के बराबर है।
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