ब्रिटिश पायलट्स को फांस रहा चीन:मोटी सैलरी पर नौकरी दे रही जिनपिंग सरकार, इनसे मिलिट्री सीक्रेट्स हासिल करने की भी कोशिश

लंदन7 महीने पहले
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ब्रिटेन सरकार ने अपने पूर्व मिलिट्री पायलट्स को स्पेशल वॉर्निंग जारी की है। इसमें कहा गया है कि रॉयल ब्रिटिश एयरफोर्स के रिटायर्ड पायलट चीन में नौकरी के लिए न जाएं। इस मामले का खुलासा पिछले दिनों हुआ था। एक रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सरकार और वहां की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) ब्रिटेन के पूर्व पायलटों को बहुत मोटी सैलरी पर जॉब दे रही है।

इन पूर्व पायलटों का काम चीन की एयरफोर्स के पायलटों को ट्रेनिंग देना है। लेकिन, ब्रिटिश खुफिया एजेंसी मानती हैं कि चीन की इस चाल का मकसद वेस्टर्न फाइटर एयरक्राफ्ट्स के ऑपरेशन्स को समझना है। इसके अलावा वो मिलिट्री सीक्रेट्स भी हासिल करना चाहती है। इस काबिलियत का इस्तेमाल ताइवान पर हमले के लिए किया जा सकता है।

30 पूर्व पायलट्स झांसे में आए

  • BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक- माना जा रहा है कि अब तक 30 पूर्व ब्रिटिश फाइटर पायलट चीनी एयरफोर्स के पायलटों को ट्रेनिंग देने के लिए पहुंच चुके हैं। यह सिलसिला 2019 में शुरू हुआ था। हालांकि, इसके बाद कोरोना का दौर शुरू हो गया और चीन जाना मुश्किल हो गया। इसी वजह से रिक्रूटमेंट को रोक दिया गया।
  • ब्रिटिश खुफिया एजेंसियों की नजर पिछले महीने इस मामले पर गई। एजेंसीज को खबर मिली कि ब्रिटेन के पूर्व पायलट फिर से चीन जाने लगे हैं। इस बारे में डिफेंस मिनिस्ट्री को जानकारी दी गई।
  • हाईएस्ट लेवल पर तमाम हालात को समझा गया। इसके बाद सरकार ने पूर्व पायलटों को वॉर्निंग या कहें अलर्ट जारी किया। इस बारे में ब्रिटेन सरकार ने सार्वजनिक तौर पर कुछ नहीं कहा है।
ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने माना है कि उसे चीन जा रहे पूर्व पायलट्स के बारे में जानकारी है और इसके लिए उसने वॉर्निंग भी जारी की है।
ब्रिटेन की डिफेंस मिनिस्ट्री ने माना है कि उसे चीन जा रहे पूर्व पायलट्स के बारे में जानकारी है और इसके लिए उसने वॉर्निंग भी जारी की है।

कितनी सैलरी का अनुमान
BBC के मुताबिक, जिन पायलटों को नौकरी का ऑफर दिया जा रहा है या जिन्हें जॉब दी गई हैं, उन्हें करीब 2.21 करोड़ रुपए सैलरी दी जा रही है। बाकी अलाउंस अलग हैं। ज्यादातर पायलट 50 साल से ऊपर हैं और उन्हें रिटायर हुए काफी वक्त हो चुका है।

ब्रिटिश डिफेंस मिनिस्ट्री के स्पोक्सपर्सन ने माना कि सरकार को इस बारे में जानकारी है। इस प्रवक्ता ने कहा- हां, हमें चीन की साजिश के बारे में जानकारी है, लेकिन इन पायलट्स ने न तो कोई कानून तोड़ा है और न ही सीक्रेसी एक्ट का उल्लंघन किया है। लिहाजा, उन्हें सावधान ही किया जा सकता है।

ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों को शक है कि चीन रॉयल एयरफोर्स के पूर्व पायलटों के जरिए वेस्टर्न मिलिट्री के सीक्रेट्स जानना चाहता है।
ब्रिटेन की खुफिया एजेंसियों को शक है कि चीन रॉयल एयरफोर्स के पूर्व पायलटों के जरिए वेस्टर्न मिलिट्री के सीक्रेट्स जानना चाहता है।

चीन की कोशिश क्या

  • रिपोर्ट के मुताबिक, चीन सबसे पहले पूर्व ब्रिटिश पायलट्स के जरिए वेस्टर्न कंट्रीज की एयरफोर्स और उनके वॉर टाइम ऑपरेशन्स को समझना चाहती है। बाद में उसके पायलट इस ट्रेनिंग का इस्तेमाल ताइवान पर हमले में कर सकते हैं।
  • ब्रिटेन सरकार की चिंता की एक वजह यह भी है कि रिटायर्ड के साथ सर्विंग पायलट्स को भी यह ऑफर दिए जा रहे हैं। यह पायलट्स रॉयल एयरफोर्स के टायफून, जैगुआर, हैरियर्स और टॉर्नेडो जैसे हाईटेक फाइटर जेट्स ऑपरेट कर चुके हैं।
  • चीन चाहता था कि एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 के पायलट भी उसके पायलटों को ट्रेनिंग दें, लेकिन इन पायलट्स ने ऑफर ठुकरा दिया।
  • ब्रिटिश सरकार के मुताबिक, चीन हर स्तर पर जासूसी की कोशिश कर रहा है, लेकिन खुफिया एजेंसियां उसकी हर हरकत पर नजर रख रही हैं।