सेपरेट मोटराइज्ड राइफल ब्रिगेड का कमांडर अजात्बेक ओमुरबेकोव, उम्र 40 साल... ये पहचान है 400 यूक्रेनियों की कब्रगाह बन चुके बूचा शहर के गुनहगार की। रूसी मेडल से सम्मानित और ईश्वर को मानने वाले अजात्बेक ने सामूहिक रेप और नरसंहार के ऑर्डर दिए थे। कहा था- 50 साल से कम उम्र वाले सभी मर्दों को मार डालो।
ब्रिटिश अखबार डेली मेल ने अपनी रिपोर्ट में अजात्बेक को बूचा का कसाई बताया है। अब दुनिया भी उसे बूचा के कसाई नाम से ही जान रही है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बेगुनाह लोगों पर गोली चलवाने के बाद अजात्बेक ने परिजनों को लाशें दफनाने के लिए सिर्फ 20 मिनट दिए थे।
पढ़िए बूचा के गुनहगार की कहानी...
कहा- जंग में हथियार अहम नहीं
अजात्बेक ओमुरबेकोव ने पिछले साल ऑर्थोडॉक्स चर्च के पादरी से भी आशीर्वाद लिया था। जिसके बाद उसने कहा- इतिहास बताता है कि हम अधिकतर जंग अपनी आत्मा के साथ लड़ते हैं। हथियार सबसे अहम चीज नहीं है। पिछले दिनों बूचा में हुए दर्दनाक और भयावह नरसंहार ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी तरफ खींचा है।
जबरन कपड़े भी उतरवाए
बूचा के निवासी ने बताया- रूसी सैनिकों ने वहां पहुंचने पर दस्तावेज मांगे। अगर उन्हें थोड़ा भी खतरा नजर आता तो नागरिकों को गोली मार दी जाती। रूसी सैनिकों ने आर्मी टैटू की तलाश में कई लोगों के जबरन कपड़े भी उतरवा दिए। हालांकि रूस ने इन आरोपों से इनकार किया है। सैटेलाइट तस्वीरों को लेकर रूस का कहना है कि यूक्रेन लोगों की हत्या का नाटक कर रहा है।
मिलिट्री मेडल से सम्मानित है कमांडर
अजात्बेक की उम्र करीब 40 साल है। उसे 2014 में रूस के डिप्टी डिफेंस मिनिस्टर दिमित्री बुल्गाकोव ने बेहतरीन काम के लिए मिलिट्री मेडल से सम्मानित भी किया था। अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत, एक आर्मी कमांडर अपने सैनिकों की ओर से किए गए किसी भी वॉर क्राइम के लिए जिम्मेदार होता है।
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