अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने बुधवार को कहा कि चीन ने भूटान से ताइवान तक केवल सीमा विवाद खड़े किए हैं। उसे इस तरह का धमकाने वाला व्यहार करने की इजाजत दुनिया को नहीं देनी चाहिए। पोम्पियो ने कहा कि भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर से भी गलवान के मुद्दे पर कई बात हुई।
उन्होंने कहा कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) कुछ ऐसी बदलाव करने वाली गतिविधियों में जुटी है, जिसको राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने बहुत गंभीरता से लिया है।
"टिकटॉक पर कहा- अमेरिकी नागरिकों की प्राइवेसी की रक्षा में लगे हैं'
अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि चीन ने गलवान में भी आक्रामक कदम उठाया, लेकिन भारत जिस हद तक उसे जवाब दे सकता है, उसने बखूबी दिया है। चीनी ऐप बैन करने पर उन्होंने कहा कि जहां तक टिकटॉक की बात है तो मैं इसे थोड़ा बड़े नजरिए से देखता हूं। हम लगातार इस काम में लगे हुए हैं कि अमेरिकी नागरिकों की प्राइवेसी और उनकी जानकारियों की सुरक्षा कैसे की जाए।
"कोरोना का सच बताने में नाकाम रहा चीन'
पोम्पियो ने कहा- चीन की कम्युनिस्ट सरकार बाहरी खतरे से ज्यादा, अपने ही देश के लोगों की आजाद सोच से डरती है। चीन की कम्युनिस्ट पार्टी विश्वसनीयता को लेकर लगातार समस्या में बनी हुई है। वो पूरी दुनिया को कोरोनावायरस का सच बताने में नाकाम रही। अब सैकड़ों-हजारों लोग इसकी वजह से मारे जा रहे हैं।
"चीन को पड़ोसियों का सम्मान करना चाहिए'
चीन ने हाल ही में भूटान के साथ सीमा विवाद शुरू किया है। हिमालय से लेकर ताइवान के सेनकाकू आईलैंड तक चीन ने केवल विवाद ही शुरू किए हैं। बीजिंग का रवैया सीमा विवाद करने का ही रहा है। बहुत सारे पड़ोसी संतोषजनक तरीके से यह नहीं कह सकते हैं कि उनकी सीमा कहां खत्म हो रही है और चीन की पार्टी को इसका सम्मान करना चाहिए।
भूटान के लोगों के लिए यह बात पूरी तरह सही है और पूरी दुनिया को मिलकर इस मामले में जवाब देना चाहिए।
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