अमेरिका के वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर आतंकी हमले को रविवार को 21 साल पूरे हो गए। इस आतंकी हमले में 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। दो दशक बीत जाने के बाद भी हमले के मास्टरमाइंड खालिद शेख मोहम्मद के खिलाफ मुकदमे की सुनवाई पूरी नहीं हो पाई है।
अल कायदा में तीसरे नंबर की हैसियत रखने वाले शेख मोहम्मद को मार्च 2003 में पाकिस्तान के रावलपिंडी में गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद उसे क्यूबा के ग्वांतानमो बे डिटेंशन सेंटर में भेज दिया गया। तभी से वह वहां कैद है, लेकिन उसे न्याय के कटघरे में लाने की कोशिश अभी तक कामयाब नहीं हो पाई है। मिलिट्री ट्रिब्यूनल के सामने उसकी सुनवाई बार-बार टल रही रही है।
न्याय दिलाने में देरी पर आलोचना
पीड़ितों के परिवारों को न्याय दिलाने में अमेरिकी सरकार की विफलता की निंदा हो रही है। हमले की जांच को लेकर बनाए गए पैनल में शामिल एक पूर्व अमेरिकी वकील डेविड केली ने कहा- यह पीड़ितों के परिवारों के लिए एक भयानक त्रासदी है। यह देश के इतिहास पर एक धब्बे की तरह है।
अमेरिका ने अल कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को 2011 में और उसके बाद इस आतंकवादी संगठन के नेता बने अयमान अल जवाहिरी को इस साल अगस्त में ड्रोन हमले में मार गिराया था।
3 महीने तक धधकती रही आग
11 सितंबर 2001 को 19 आतंकियों ने चार कॉमर्शियल प्लेन हाइजैक किए। इनमें से दो प्लेन वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के नॉर्थ और साउथ टावर से टकरा दिए गए। वहीं, तीसरा प्लेन पेंटागन पर क्रैश किया गया था। इस हमले में 93 देशों के 2 हजार 977 लोग मारे गए थे। हमला अल-कायदा ने किया था। चौथा प्लेन शेंकविले के खेत में क्रैश हुआ था।
भीषण आतंकी हमले ने WTC के दोनों टावर ही नहीं बल्कि आसपास की कई इमारतों को तबाह कर दिया। आग इतनी भीषण थी कि टि्वन टावर के मलबे में 3 महीनों तक आग धधकती रही।
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