अमेरिका के मिनेसोटा राज्य के मिनीपोलिस शहर में एक अश्वेत की पुलिस के हाथों मौत के बाद दंगे भड़क गए। पुलिस स्टेशन को तोड़फोड़ के बाद आग के हवाले कर दिया गया। कुछ जगहों पर लूटपाट हुई। हालात बिगड़ते देख गवर्नर टिम वॉल्ज ने इमरजेंसी लगा दी।
न्यूयॉर्क में पुलिस विरोधी प्रदर्शन हुए। 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दंगाइयों को चेतावनी दी। कहा- अगर लूटपाट हुई तो हमारी तरफ से गोलियां चलेंगी।
पुलिसकर्मी सुरक्षित
मिनीपोलिस पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि पुलिस स्टेशन में आग लगाई गई है। लेकिन, किसी पुलिसकर्मी को नुकसान नहीं हुआ। सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। दंगाईयों ने कई जगह लूटपाट और तोड़फोड़ की। कुछ गाड़ियों में भी आग लगाई गई।
ट्रम्प के गोली मारने वाले ट्वीट पर ट्विटर ने कहा- हम हिंसा को बढ़ावा नहीं देते
ट्रम्प ने एक ट्वीट किया। कहा- मैंने गवर्नर टिम वाल्ज से बात की है। सेना उनके साथ है। अगर लूटपाट हुई तो हमारी तरफ से गोलियां चलेंगी। हालांकि, ट्विटर ने ट्रम्प के इस ट्वीट के ऊपर अपना नोटिस लगा दिया। इसमें लिखा- हम हिंसा को बढ़ावा नहीं देते। यह ट्विटर के नियमों के खिलाफ है।
क्यों भड़की हिंसा?
मिनीपोलिस में 26 मई को एक अश्वेत जार्ज फ्लायड को पुलिस ने धोखाधड़ी के मामूली आरोप में गिरफ्तार किया। इस दौरान एक पुलिस अफसर उसे सड़क पर उल्टा लिटाकर पांच मिनट तक घुटने से गर्दन दबाए रहा था। उसके हाथों में हथकड़ी थी। इसका वीडियो भी वायरल हुआ था। 40 साल का जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाता रहा। वह कहता है, ‘‘आपका घुटना मेरे गर्दन पर है। मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं... ।’’ धीरे-धीरे उसकी हरकत बंद हो जती है। इसके बाद अफसर कहते हैं ‘उठो और कार में बैठो’ तब भी उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आती। इस दौरान आस-पास काफी भीड़ जमा होती है। उसे अस्पताल ले जाया जाता है, जहां उसकी मौत हो जाती है।
यूएन ने कड़े कदम उठाने की मांग की
यूनाइटेड नेशंस (यूएन) की मानवाधिकार उच्चायुक्त मिशेल बैचलेट ने अमेरिका से पुलिस अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। बैचलेट ने कहा कि अमेरिकी पुलिस अधिकारी काफी लंबे समय से अफ्रीकन-अमेरिकन लोगों की हत्या करते रहे हैं। यह घटना नई नहीं है। उन्होंने अधिकारियों को दोषी ठहराने और सजा देनी की मांग की हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कई मामलों में ऐसी हत्याओं पर जांच तो हुई है, लेकिन परिणाम कभी सही नहीं आए हैं।
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