अमेरिका में नई सरकार को सत्ता संभाले महज 9 दिन हुए हैं, लेकिन पाकिस्तान से उसके रिश्तों में तनाव की झलक सामने आ गई है। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में हुई अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या के आरोपी अहमद उमर सईद शेख को बेकसूर ठहराते हुए उसकी रिहाई के आदेश दिए हैं। अमेरिका इससे भड़क गया है। व्हाइट हाउस ने गुरुवार शाम कहा- आतंकवाद के मामले में यह रवैया सहन नहीं किया जा सकता।
डेनियल पर्ल वॉल स्ट्रीट के पत्रकार थे। 2002 में उनका पाकिस्तान में अपहरण किया गया। बाद में सिर कलम कर दिया गया था। इस मामले में कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन सजा किसी को नहीं सुनाई गई।
अमेरिका ने क्या कहा
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को शेख को बेकसूर ठहराते हुए सरकार को उसकी रिहाई के आदेश दिए थे। पर्ल के परिवार का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार शेख और बाकी लोगों को बचाना चाहती है, लिहाजा उसके खिलाफ ठोस सबूत ही सुप्रीम कोर्ट और निचली अदालत में पेश नहीं किए गए।
अब अमेरिका में जो बाइडेन एडमिनिस्ट्रेशन ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाया। व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी जेन पास्की ने कहा- यह तो इंसाफ का मजाक उड़ाना है। हम पाकिस्तान के इस रवैये से सख्त खफा हैं। इसे सहन नहीं किया जा सकता। जब पर्ल के हत्यारों को गिरफ्तार किया गया था तब हमने इसकी तारीफ की थी। पर्ल के परिवार को भी इंसाफ की उम्मीद थी। लेकिन, अब जो हो रहा है, वो बर्दाश्त नहीं किया जा सकता।
भारत ने कहा- पाकिस्तान के इरादे उजागर
विदेश मंत्रालय के स्पोक्सपर्सन अनुराग श्रीवास्तव से इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में आतंक के मामलों में पहले भी बहुत कम सजा दी जाती रही है। आतंक के इस बर्बर मामले में उमर को किसी भी आरोप में दोषी न पाया जाना बड़ी भूल है। भारत ने इस फैसले को न्याय के साथ मजाक बताया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि यह मामला पाकिस्तान के आतंकवाद से निपटने के इरादे को दिखाता है।
ISI ने रची थी पर्ल की हत्या की साजिश
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, 2002 में वॉल स्ट्रीट जर्नल के पत्रकार डेनियल पर्ल पाकिस्तान गए थे। वे वहां आतंकी संगठन अल-कायदा और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के रिश्तों की जानकारी जुटा रहे थे। उन्होंने कई सबूत जुटा लिए थे। इसी दौरान एक दिन उन्हें अगवा किया गया। कई दिन टॉर्चर करने के बाद पर्ल की सिर काटकर हत्या कर दी गई।
घटना पर अमेरिका ने सख्त विरोध जताया। दबाव में पाकिस्तान सरकार ने चार लोगों को पर्ल की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख भी था।
19 साल बाद भी इंसाफ नहीं
पर्ल के हत्यारों के खिलाफ पाकिस्तान की अलग-अलग अदालतों में 19 साल से केस चल रहे हैं, लेकिन उसके खिलाफ कभी सुनवाई टली तो कभी सबूत पेश नहीं किए गए। मामला आखिरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और वहां से भी उसे रिहा करने का फैसला सुना दिया गया। अब पाकिस्तान सरकार दबाव में है। सिंध प्रांत की सरकार ने कहा है कि वो इस फैसले को फिर चुनौती देगी।
चारों आरोपियों ने 18 साल जेल में बिताए
पर्ल की हत्या के सिलसिले में चार आतंकियों अहमद उमर शेख, फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को गिरफ्तार किया गया था। ये सभी कथित तौर पर 18 साल से जेल में थे। डॉन अखबार के मुताबिक, शेख ने दावा किया था कि 19 साल पहले हुई इस हत्या उसने बहुत छोटी भूमिका निभाई थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को यह फैसला सुनाया। तीन जजों में से सिर्फ एक ने शेख को रिहा करने का विरोध किया।
इस केस का इंडियन कनेक्शन
1999 में एयर इंडिया का एक प्लेन हाईजैक करके अफगानिस्तान के कंधार ले जाया गया था। इसमें 150 यात्री थे। यात्रियों की जान बचाने के लिए भारत सरकार ने कुछ आतंकियों को रिहा किया था। इनमें जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर के अलावा सईद भी शामिल था। इस घटना के तीन साल बाद सईद ने पर्ल की हत्या को अंजाम दिया।
Copyright © 2022-23 DB Corp ltd., All Rights Reserved
This website follows the DNPA Code of Ethics.